New

होम -> सियासत

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 20 जनवरी, 2021 04:57 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
  • Total Shares

कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर 23 असंतुष्ट नेताओं का सोनिया गांधी को लिखा एक पत्र सामने आने के बाद पार्टी के अंदर की कलह खुलकर बाहर आ गई थी. जी-23 नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व में शीर्ष से लेकर नीचे तक बड़े बदलावों की मांग की थी. उस समय कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जनवरी में संगठन के चुनाव का वादा किया था. कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल के अनुसार, इस दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. कांग्रेस के इन जी-23 नेताओं का असंतोष एकबार फिर से उबाल मारने लगा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या आंतरिक चुनाव का वादा केवल असंतोष को दबाने के लिए किया गया था. पार्टी की ओर से राहुल गांधी को ही फिर से आगे किया जाएगा. वहीं, इन नेताओं में असंतोष राहुल गांधी को लेकर ही है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के इंडियन एक्सप्रेस को दिेए हालिया साक्षात्कार में कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं से आंतरिक चुनाव कराने का वादा किया था. लेकिन, अब तक इस मसले पर कोई जवाब नहीं आया है. सिब्बल ने ये भी कहा कि यह साफ नहीं हो पाया है कि ये चुनाव कब और कैसे होंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के आंतरिक चुनाव संविधान के प्रारूपों के अनुसार ही कराए जाने चाहिए. कपिल सिब्बल के इस बयान के ये मायने निकाले जा रहे हैं कि कांग्रेस में असंतोष के स्वर अभी थमे नही हैं. जबकि, बीते महीने इन असंतुष्ट नेताओं और सोनिया गांधी की बीच हुई बैठक में राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाने पर सहमति बनी थी. हालांकि, उस समय भी असंतुष्ट नेताओं ने सोनिया गांधी के सामने राहुल गांधी के नाम पर ठंडी प्रतिक्रिया दी थी. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ी सियासी कवायद करनी पड़ेगी.

2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ऐसा गिरी कि दोबारा खड़ा होना, उसके लिए अभी तक मुश्किल हो रहा है. सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जहां कभी कांग्रेस की हनक हुआ करती थी, वहां से अब केवल सोनिया गांधी ही इकलौती सांसद हैं. यूपी के अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले राहुल गांधी को बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने पटखनी दे दी थी. इसके बाद से ही पार्टी के अंदर राहुल गांधी के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया था. रही सही कसर 2019 के लोकसभा चुनाव ने पूरी कर दी. राहुल गांधी के नाम का जादू इस बार भी नहीं चल सका. इसके बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. सोनिया गांधी फिर से इस पद पर काबिज हो गईं और राहुल गांधी के पक्ष में माहौल बनाने के प्रयास करने लगीं. इन सबके बीच राहुल गांधी के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई. बावजूद इसके कभी कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल नहीं उठे. राहुल गांधी के खिलाफ असंतोष का मुख्य कारण ही यही है. लगातार विफल हो रहे एक व्यक्ति को केवल इसलिए हर बार मौका दिया जा रहा है, क्योंकि वह गांधी परिवार से आते हैं.

कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं का मानना है कि पार्टी नेतृत्व में अब बदलाव जरूरी है. साथ ही पार्टी को एक पूर्णकालिक नेतृत्व की आवश्यकता है. वहीं, सोनिया गांधी अभी भी बीच का रास्ता निकालने के प्रयास मे लगी हैं. सोनिया गांधी असंतुष्ट नेताओं के खेमे की मांगों को अहमियत देने को तैयार हैं. लेकिन, पार्टी अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी के लिए आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही हैं. सोनिया गांधी के इस पुत्र प्रेम के कारण कांग्रेस में अभी केवल कुछ वरिष्ठ नेता ही सवाल उठा रहे हैं. अगर यह आगे भी जारी रहा, तो हो सकता है कि कांग्रेस में दो फाड़ हो जाएं. खराब प्रदर्शन के लिए कभी भी कांग्रेस हाईकमान पर सवाल नहीं उठाए जाते हैं. लेकिन, अब पार्टी के अंदर से विरोध के स्वर फूटने लगे हैं.

बीते महीने हुई बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने काफी अहम भूमिका निभाई थी. माना जा रहा है कि असंतुष्ट चल रहे नेताओं के मन को चुनाव से पहले फिर से टटोलने के लिए प्रियंका को आगे किया जा सकता है. कहा तो ये भी जा रहा है कि प्रियंका गांधी पार्टी में अब सोनिया गांधी के विश्वासपात्र और राजनीतिक सलाहकार रहे मरहूम अहमद पटेल की भूमिका में नजर आएंगी. आने वाले समय में कांग्रेस अध्यक्ष का ताज भले ही राहुल गांधी के सिर पर हो, लेकिन पार्टी में प्रियंका अब अहम भूमिका संभालेंगी. दो खेमों में बंट चुकी कांग्रेस को अब कुछ ऐसी सियासी तरकीब निकालनी होगी, जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे. आने वाले समय में अगर आंतरिक चुनाव होता है, तो कांग्रेस के लिए यह अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय