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ब्रेक के बाद राहुल गांधी की ED के सामने पेशी को लेकर कांग्रेस की क्या तैयारी है
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संभावित गिरफ्तारी की अफवाह को भी यूं ही नहीं ले रही है कांग्रेस, 20 जून की अगली पेशी से पहले भी शक्ति प्रदर्शन और कड़े विरोध की तैयारी है - रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) की जगह जयराम रमेश (Jairam Ramesh) को देने की ये भी एक वजह लगती है.
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ED की तीन दिन की पूछताछ के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक दिन के लिए ब्रेक लिया था. बाद में राहुल गांधी की तरफ से प्रवर्तन निदेशालय को रिक्वेस्ट भेजी गयी कि तीन दिन का मौका और दिया जाये - और ED की मंजूरी के बाद अब राहुल गांधी को 20 जून को पेश होना है. पहली पेशी के ठीक एक हफ्ते बाद.
ये जानकारी देते हुए कांग्रेस के नये मीडिया प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि राहुल गांधी ने ये अपील अपनी मां सोनिया गांधी की तबीयत के चलते की थी. जयराम रमेश ने ये भी बताया कि सोनिया गांधी को कोविड पॉजिटिव होने के बाद नाक से खून बहने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया. अगली पेशी से पहले राहुल गांधी अपनी मां के स्वास्थ्य की देखभाल में पूरा वक्त दे रहे हैं.
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, जयराम रमेश (Jairam Ramesh) की मीडिया प्रभारी के रूप में नियुक्ति कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से ही की गयी है. कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी फिलहाल सोनिया गांधी के पास है, जो अभी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं. जयराम रमेश की नियुक्ति के साथ ही रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) के पास अब सिर्फ कर्नाटक का प्रभार रह गया है.
जैसे पहली पेशी के मौके पर 13 जून को कांग्रेस के सभी सांसदों को बुलाया गया था, केरल से आयी एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वहां के सभी सांसदों को 19 जून को दिल्ली पहुंचने के लिए कहा गया है. केरल से कांग्रेस के 15 सांसद लोक सभा में हैं और वायनाड से सांसद राहुल गांधी भी उनमें शामिल हैं. तिरुअनंतपुरम सांसद शशि थरूर के बाहर होने की वजह से केरल से सिर्फ 13 सांसद ही दिल्ली पहुंच रहे हैं.
सांसदों के साथ बातचीत पर आधारित एक मीडिया रिपोर्ट से मालूम होता है कि कुछ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की गिरफ्तारी की आशंका से भरी अफवाह को हल्के में ले रहे हों, ऐसा भी नहीं लगता, लेकिन सोनिया गांधी की पूछताछ के बाद ऐसा हो सकता है - ऐसी उनको भी आशंका है.
20 जून की पेशी की तैयारी
राहुल गांधी की पेशी के दिन कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन की तैयारी सिर्फ एक दिन के लिए की थी, लेकिन ये तैयारी भी पहले ही कर ली गयी थी कि पूछताछ के लिए अगले दिन भी बुलाया जाये तो विरोध प्रदर्शन तेज कर देना होगा.
राहुल गांधी की राजनीति में दिलचस्पी हो न हो, फर्क नहीं पड़ता - लेकिन कांग्रेस के भीतर उनके प्रति नाराजगी खतरनाक संकेत है
लगातार तीन दिन की पेशी के बाद भी ईडी के अफसर असंतुष्ट नजर आ रहे थे. सूत्रों के हवाले से ये भी खबर मीडिया को मिली कि 30 घंटे की पूछताछ के बाद भी मामला अभी आधे तक ही पहुंचा है - और तभी अचानक 15 जून को एक अफवाह उड़ी कि राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय गिरफ्तार भी कर सकता है. बताते हैं कि अधिकारियों के असंतुष्ट होने पर राहुल गांधी ने कहा था कि लगता है वहां रोज रोज आना पड़ेगा.
ये जानकारी मिलने के बाद सड़कों पर उतरे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उग्र नजर आने लगे. पुलिस के साथ हाथापाई और बैरिकेडिंग तोड़ने की घटनायें भी जोर पकड़ने लगीं - और एक बार फिर से अगली पेशी से पहले विरोध प्रदर्शन तेज करने की तैयारी लग रही है.
राहुल गांधी की गिरफ्तारी की अफवाह को लेकर न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कांग्रेस के एक सीनियर सांसद का कहना रहा, 'हमे लगता है कि अगर गिरफ्तारी की कोई स्थिति बनती है तो वो सोनिया गांधी की ईडी के सामने पेशी के बाद ही हो सकती है.'
सोनिया गांधी को ईडी के सामने 23 जून को पेश होना है. पहले ईडी ने सोनिया गांधी को 8 जून और राहुल गांधी को 2 जून को तलब किया था. तब राहुल गांधी बाहर थे इसलिए उनको नयी तारीख 13 जून मिली थी - और कोविड संक्रमण की शिकार होने की वजह से सोनिया गांधी को भी नयी तारीख मिल गयी.
रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस सांसद का कहना है कि राहुल गांधी की गिरफ्तारी की अफवाह के बाद कांग्रेस अपनी तरफ से कोई चांस नहीं लेना चाहती - और इसीलिए शशि थरूर को छोड़ कर केरल से सभी सांसद दिल्ली पहुंच रहे हैं.
सुरजेवाला को अचानक हटा दिया जाना: अब तक रणदीप सुरजेवाला बहुत सारी जिम्मेदारियां निभाते आ रहे थे. राहुल गांधी से पूछताछ के तीसरे दिन रणदीप सुरजेवाला को ममता बनर्जी की विपक्षी दलों की बैठक में भी जाना पड़ा था. ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार तय करने के लिए वो मीटिंग बुलायी थी.
जिस दिन राहुल गांधी गिरफ्तारी की आशंका जतायी गयी, उसके अगले दिन राहुल गांधी ने ब्रेक ले लिया - और फिर कांग्रेस के संगठन महासचिव की तरफ से जानकारी दी गयी कि सुरजेवाला के पास की सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया से जुड़ी सारी जिम्मेदारियां सीनियर कांग्रेस नेता जयराम रमेश को दे दी गयी हैं.
क्या रणदीप सुरजेवाला को राहुल गांधी की पेशी के दौरान अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं संभाल पाने के चलते हटाया गया है?
वैसे तो राहुल गांधी भी मीडिया को कोसते रहे हैं. मीडिया के सवाल पूछने पर वो पत्रकार पर ही सवाल उठा देते हैं - ये कह कर कि वो किसके कहने पर सवाल पूछ रहा है? यूथ कांग्रेस के नेता श्रीनिवास बीवी ने एक ट्वीट में मीडिया के लिए 'डूब मरो' तक लिख डाला था. वो कांग्रेस दफ्तर में दिल्ली पुलिस के घुसने को लेकर था, जिसमें पत्रकारों को पुलिस अफसर से लगातार सवाल पूछते भी देखा गया था - और उस दौरान सवाल पूछने के लिए पत्रकारों को पुलिस के साथ अलग से संघर्ष करना पड़ा था.
भारी मन से विरोध प्रदर्शन का नतीजा कैसा होगा?
कांग्रेस के अंदरखाने से जो राहुल गांधी की पेशी को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन की तैयारियों के बीच जो खबर आ रही है, वो अच्छी तो बिलकुल भी नहीं कही जाएगी. गांधी परिवार के करीबी नेताओं का मीडिया के लोगों से निजी बातचीत में कहना है कि राहुल गांधी के रवैये से कांग्रेस नेताओं में भी काफी नाराजगी है.
हिमंत बिस्वा सरमा के मुंह से सुने गये राहुल गांधी के पालतू पिडी के किस्से भले पुराने हो चुके हों, लेकिन हालात बदल गये हों, ऐसा नहीं लगता - कांग्रेस नेतृत्व के लिए चिंता की बात ये है कि राहुल गांधी की राजनीति दिलचस्पी होना न होना अलग बात है, लेकिन कांग्रेस के भीतर एक बड़ा तबका राहुल गांधी के तौर तरीकों से काफी नाराज है - हां, सोनिया गांधी से किसी को ऐसी कोई शिकायत नहीं लगती.
द प्रिंट से बातचीत में एक कांग्रेस नेता का कहना है कि जैसा विरोध प्रदर्शन राहुल गांधी के लिए हो रहा है, 'वैसा मेरे लिए उन लोगों की तरफ से क्यों नहीं किया जाता?' रिपोर्ट के मुताबिक, ये एक ऐसे नेता का बयान है जो खुद भी राहुल गांधी और सोनिया गांधी की तरह केस फेस कर रहा है. हालांकि, उस नेता ने बातचीत में अपने खिलाफ ईडी के केस को राजनीतिक वजहों से लिया गया एक्शन बताया है.
ऐसे ही, द प्रिंट से बातचीत में एक कांग्रेस के एक सांसद का कहना रहा, 'अगर ये सब सोनिया गांधी के लिए हो रहा होता तो समझ में भी आता क्योंकि वो कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और पार्टी का हर मायने में प्रतिनिधित्व करती हैं.'
ये सुन कर काफी हैरानी होती है कि जो सांसद सोनिया गांधी के लिए सब कुछ करने को तैयार है, वो राहुल गांधी को लेकर सवाल खड़े कर देता है, 'लेकिन उनके बेटे के लिए क्यों?'
आगे की बातचीत में वही कांग्रेस सांसद रिपोर्टर को ये समझाने की कोशिश करता है कि राहुल गांधी भी तो उसी की तरह एक मामूली सांसद ही हैं - और ये सवाल अपने आप उस सवाल से जुड़ जाता है कि अगर राहुल गांधी के लिए कांग्रेस इतने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी क्यों कर रही है?
अंग्रेजी वेबसाइट की ये रिपोर्ट राहुल गांधी की पेशी से पहले की है, जिसमें कई कांग्रेस नेताओं का कहना रहा कि मन में असंतोष के बावजूद उनका फैसला है कि कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल होना ही है.
ध्यान रहे, अभी अप्रैल में ही ईडी ने कांग्रेस के दो नेताओं को बुलाकर पूछताछ की थी - मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल, लेकिन ये जानकारी भी तब सामने आयी जब राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पेश होने के लिए नोटिस मिलने की बात सबको मालूम हुई.
कांग्रेस नेताओं की नाराजगी की वजह भी वाजिब लगती है. राहुल गांधी से पहले ऐसे ही ईडी ने कर्नाटक कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष डीके शिवकुमार को भी गिरफ्तार किया था. उसी तरह पी. चिदंबरम को भी लंबा वक्त जेल में गुजारना पड़ा था - और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अजय कुमार लल्लू भी कई बार जेल भेजे गये थे, जिसमें एक बार तो महीने भर अंदर ही रहे.
बेशक सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर पी. चिदंबरम से मिलने तिहाड़ जेल भी गयी थीं, लेकिन तब राहुल गांधी ने तो सड़क पर अभी की तरह कोई प्रदर्शन तो नहीं किया था - या कांग्रेस सांसदों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को अभी की तरह दिल्ली नहीं बुलाया गया.
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