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Updated: 15 जून, 2022 02:29 PM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
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नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी ईडी के समक्ष पेश हुए और कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी के समर्थन में उतर गए. राहुल की पेशी पर कांग्रेसियों ने आसमान सिर पर उठा लिया. दिल्‍ली में जब राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से ईडी हेडक्‍वार्टर तक जाने के लिए निकले तो इस दौरान कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूरा दल उनके साथ चल पड़ा. कांग्रेस कार्यकर्ता देशभर में भी ईडी ऑफिस के बाहर विरोध-प्रदर्शन किए. कांग्रेस के द्वारा यह प्रदर्शन हाल फिलहाल के दिनों में सबसे बड़ा था. माना जा रहा है कि राहुल गांधी को ईडी के समन को कांग्रेस ने एक मौके तौर पर लिया जो कि चुनावी प्रदर्शन के लिहाज़ से अपने निचले स्तर तक पहुंच चुकी है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि इस प्रदर्शन से कांग्रेस को कितना फायदा होने की सम्भावना है.

Rahul Gandhi, Congress, Enforcement Directorate, Sonia Gadhi, National Herald, BJP, Narendra Modi, Allegationईडी के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन ने पार्टी के लिए बूस्टर का काम किया है

कार्यकर्ताओं में उत्साह भर सकता है:

लम्बे समय से निष्क्रिय पड़ी कांग्रेस के इस प्रदर्शन से इसके कार्यकर्ताओं में एक उत्साह भर सकता है. जो कि कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर सकता है और इस साल के अंत में दो राज्यों, गुजरात और हिमाचल प्रदेश, के विधानसभा चुनावों में कुछ फायदा हो सकता है

सहानुभूति मिल सकती है:

भारत में हमेशा से ही गांधी परिवार के प्रति सहानुभूति रहा है. अभी कांग्रेस राजनैतिक दृष्ट्रिकोण से काफी कमज़ोर है और इंडिया का सेंटीमेंट कमज़ोर के साथ रहा है ऐसे में कांग्रेस को इसका फायदा मिल सकता है. ऐसा ही मामला 1977 में इंदिरा गांधी के साथ हुआ था जब जनता पार्टी की सरकार ने इंदिरा गांधी को परेशान करने के लिए गिरफ्तार करने के लिए पुलिस भेजी थी लेकिन जनता के सपोर्ट से इंदिरा गांधी ने इसे मौके में तब्दील कर दिया था और सरकार को अपने कदम वापस लेना पड़ा था.

केंद्रीय एजेंसी ईडी के एक्सपोज़र से कांग्रेस को फायदा:

नेशनल हेरल्ड मामले में कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार गांधी परिवार को बेवजह परेशान कर रही है और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. दूसरे पार्टियों का भी आरोप है कि भाजपा अपने प्रतिद्वंदी पार्टियों को बेवजह केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा परेशान करवाती है. ऐसे में इस जांच एजेंसी के क्रेडिबिलिटी को नुक्सान और कांग्रेस को फायदा मिलने का सम्भावना बढ़ जाता है.

राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने आप को मुख्य विपक्षी नेता के तौर पर स्थापित कर सकते हैं:

हालांकि 2024 का लोकसभा चुनाव अभी दूर है लेकिन अभी से ही राजनीतिक पार्टियां नरेंद्र मोदी या फिर भाजपा के प्रधानमंत्री कैंडिडेट के खिलाफ एक मज़बूत सर्वमान्य नेता की खोज में लग गए हैं. इस क्रम में कभी ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव तो कभी स्टालिन के नाम को उछाला जाता है. ऐसे में राहुल गांधी अपने आप को भाजपा के खिलाफ एक मज़बूत दावेदारी पेश कर सकते हैं

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला

2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया और इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी जमानत पर हैं. हालांकि ईडी के खिलाफ यह प्रदर्शन राजनीतिक रूप से कांग्रेस के लिए कितना फायदेमंद होगा यह तो आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव परिणाम ही बताएंगे, लेकिन फिलहाल इसे कांग्रेस के लिए एक बूस्टर डोज के तौर पर तो माना ही जा सकता है.

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लेखक

अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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