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Updated: 02 फरवरी, 2020 06:54 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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पूरे देश में पिछले कई हफ्तों से नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में तो प्रदर्शन अभी तक चल रहा है. इसी बीच दिल्ली चुनाव (Delhi Assembly Election) आ गया और शाहीन बाग का प्रदर्शन (Shaheen Bagh Protest) भी राजनीतिक हो गया. हर राजनीतिक पार्टी इसे भुनाने की कोशिश में लगी है. चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) ने अपना घोषणा पत्र (Manifesto) जारी कर दिया, जिसमें मुफ्त की व्यवस्था के साथ-साथ कैशबैक की स्कीम (Cashback Scheme) भी शुरू करने का वादा किया गया है. बेरोजगारी भत्ता (Unemployment Allowance) भी इस घोषणा-पत्र का मुख्य आकर्षण है. आइए जानते हैं कांग्रेस ने क्या-क्या वादे किए हैं और किन वर्गों को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है. ये भी जानते हैं कि आखिर इससे लोग आकर्षित होंगे भी या नहीं.

Congress Menifesto for Delhi Assembly Electionकांग्रेस ने दिल्ली विधासनभा चुनाव से पहले अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है.

1- युवाओं पर दिया पूरा ध्यान

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं के लिए खास योजना शुरू की है. इसके साथ ही पूरे युवा वर्ग को आकर्षित करने की कोशिश की है. वैसे भी, शुरू से ही राहुल गांधी नौकरी के नाम पर ही मोदी सरकार को घेरते रहे हैं.

- 'युवा स्वाभिमान योजना' के तहत ग्रेजुएट युवाओं के लिए 5000 रुपए और पोस्ट ग्रेजुएट को 7500 रुपए का बेरोजगारी भत्ता.

- 'यारी स्टार्टअप इंक्यूबेशन फंड' लॉन्च किया जाएगा, जिसके तहत 5000 करोड़ रुपए का ये फंड युवा उद्यमियों को स्टार्टअप खोलने में मदद करेगा.

- शोध को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री कोष का निर्माण करेगी, जिसके तहत 'होमी भाभा रिसर्च फंड' स्थापित किया जाएगा. कांग्रेस 5 साल में इस कोष के लिए 1000 करोड़ रुपए आवंटित करेगी.

- विद्यार्थियों को मेट्रो और बसों में सफर करने के लिए हर महीने 300 रुपए की रियायत दी जाएगी. ये पैसे सीधे उनके बैंक खातों में जमा होंगे.

2- मुस्लिम वोटर्स को लुभाने की कोशिश

कांग्रेस ने तो ये भी वादा कर दिया है कि सत्ता में आए तो सीएए के खिलाफ 21 फरवरी 2020 तक सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और अनुच्छेद 131 के तहत सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देंगे. पहले कांग्रेस पीर्टी दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेगी और फिर केंद्र से इसे वापस लेने की मांग करेगी. सीएए पर भले ही बाकी पार्टियों जुबानी राजनीति कर रही हों, लेकिन कांग्रेस ने लिखित में आश्वासन देकर मुस्लिम वोटर्स को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है.

3- कारोबारियों से भी जुड़ने की है तैयारी

कांग्रेस ये नहीं भूली है कि दिल्ली में एक बड़ा तबका कारोबारियों का है, जिनके लिए उसने कुछ खास घोषणाएं की हैं. कांग्रेस का वादा है कि सत्ता में आने पर पंजाब की तर्ज पर औद्योगिक/कमर्शियल बिजली 6 रुपए प्रति यूनिट दी जाएगी, जिसमें टैक्स और सरचार्ज भी शामिल होंगे. इससे गैर प्रदूषणकारी उद्योग दिल्ली में वापस आएंगे, जो रोजगार को भी बढ़ावा देंगे. साथ ही, कांग्रेस उन व्यवसायिक गतिविधियों (वकीलों, चार्टर्ड अकाउंट्स, मीडिया प्रोफेशनल्स, आर्किटेक्ट्स) को घरेलू बिजली दरों पर बिजली देगी, जिसके बारे में दिल्ली मास्टर प्लान में मिक्स्ड लैंड यूज के तहत अध्याय 15 में कहा गया है और इन गतिविधियों की अनुमति आवासीय क्षेत्रों में भी होगी.

4- महिला सुरक्षा के नाम पर कुछ खास नहीं

दिल्ली में हमेशा ही महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा रहा है. हर पार्टी इसे उठाती भी है और कांग्रेस ने भी उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन जो वादे किए, वह महिला सुरक्षा के लिए नाकाफी से लग रहे हैं. यूं लग रहा है कि कांग्रेस महिला कल्याण और महिला सुरक्षा के बीच कंफ्यूज हो गई और महिला कल्याण के वादे को ही महिला सुरक्षा भी समझ बैठी.

- कांग्रेस सत्ता में आई तो 'लाडली योजना' फिर से शुरू की जाएगी.

- लड़कियों को सरकारी स्कूल-कॉलेज में नर्सरी से पीएचडी तक शिक्षा पूरी तरह फ्री होगी.

- महिलाओं के लिए हर साल एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया जाएगा.

- कर्नाटक की तर्ज पर दिल्ली में भी 100 इंदिरा कैंटीन खोली जाएंगी, जिनका संचालन पूरी तरह से महिलाएं करेंगी, जहां 15 रुपए में ताजा पोषणयुक्त खाना मिलेगा.

5- गरीब तबके को भी अपनी ओर खींचने की कोशिश

राहुल गांधी ने गरीबों के लिए घोषणा पत्र में बहुत कुछ डलवाया है. उस 72 हजार रुपए वाली स्कीम का भी जिक्र है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सामने आई थी.

- 5 लाख जरूरतमंद परिवारों को हर साल 72 हजार रुपए दिए जाएंगे.

- पीडीएस सूची में चीनी को शामिल किया जाएगा. हर बीपीएल परिवार को 3 किलो दाल 25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से और 1 लीटर खाने का तेल 20 रुपए में हर महीने मिलेगा. गेहूं और चावल का आवंटन भी दोगुना किया जाएगा.

- चौराहों पर 'लेबर अड्डा' स्थापित किया जाएगा, जहां शेड़, पीने का पानी, बैठने और टॉयलेट की व्यवस्था होगी.

- क्रेच, अस्थायी निर्माण स्थल और ऐसे ही अन्य स्थानों पर माइक्रो सोया मिल्क प्लांट कांग्रेस लगाएगी और 4 साल तक के ईडब्लूएस बच्चों व माताओं को 350 मिली सोया मिल्क दिया जाएगा.

- ऑटो और ई रिक्शा वालों को लोन चुकाने के लिए एक बार सरकारी सब्सिडी दी जाएगी.

- बजट में दलितों के लिए स्पेशनल कंपोनेंट प्लान के तहत दलित और आदिवासियों के लिए आवंटन होगा.

- अस्थायी और एड-हॉक सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा.

- झुग्गी और पुनर्वास कॉलोनियों में रहने वाले विद्यार्थियों को सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 12वीं तक रियायती शिक्षा प्रदान की जाएगी.

- जेजे कॉलोनी में हरेक परिवार, किराए पर रहने वालों और मकान मालिकों को उसी स्थान पर 350 वर्गफुट का फ्लैट दिया जाएगा, जैसे कांग्रेस ने कठपुतली कॉलोनी, कालकाजी, जेलरवाला बाग में दिया. इसे कांग्रेस ने झुग्गी वाले, पक्के दिल्ली वाले कहा है.

- अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा.

6- बिजली-पानी अब बना कमाई का जरिया

दिल्ली चुनाव में फ्री-बिजली पानी को लेकर खूब बहस हो रही है. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में फ्री बिजली-पानी की व्यवस्था लागू की है. भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में फ्री बिजली-पानी का कोई जिक्र नहीं किया है. ऐसे में केजरीवाल भाजपा पर हमला करते हुए कह रहे हैं कि अगर भाजपा जीती तो फ्री बिजली-पानी बंद हो जाएगा. ऐसे में कांग्रेस एक कदम आगे बढ़कर घोषणा की है.

- 'पानी बचाओ, पैसा कमाओ' स्कीम शुरू होगी. अगर कोई घर मुफ्त पानी का उपयोग 20000 लीटर से कम करेगा तो उसे पानी के बिल में उसी अनुपात में कैशबैक दिया जाएगा. प्रति लीटर 30 पैसे दिए जाएंगे. यानी कोई 10 हजार लीटर पानी बचाता है तो उसे 3000 रुपए दिए जाएंगे. ये पैसे सीधे बैंक खाते में जाएंगे.

- 'बिजली बचाओ, पैसा कमाओ' स्कीम भी शुरू की जाएगी. अगर कोई घर किसी महीने पिछले तीन सालों में उसी महीने में खर्च की गई औसत बिजली से कम बिजली यूनिट खर्च करता है तो उस घर को बिजली के बिल में उसी अनुपात में कैशबैक मिलेगा. प्रति यूनिट 3 रुपए का कैशबैक. अधिकतम कैशबैक 500 रुपए.

प्रदूषण से निपटने के उपायों से पूरी दिल्ली को लुभाने की कोशिश

- अभी 45 फीसदी सीवेज जल का ट्रीटमेंट नहीं हो पाता है. कांग्रेस की सरकार 100 फीसदी पानी का ट्रीटमेंट सुनिश्चित करेगी. यमुना नदी के पास बड़े सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे. इससे यमुना नदी का प्रदूषण भी कम होगा.

- प्रदूषण से लड़ने और पर्यावरण की रक्षा और यातायात में सुधार के लिए हर साल दिल्ली के 25 फीसदी बजट का आवंटन करेगी.

- कांग्रेस ने 1999-2013 के बीच शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाकर 6 फीसदी से 20 फीसदी किया था, अब कांग्रेस दिल्ली के 30 फीसदी को ग्रीन करेगी.

- 'देवी दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन इनीशिएटिव' के तहत कांग्रेस दिल्ली को भारत का पहला इलेक्ट्रिक वाहन संचालित शहर बनाएगी.

- आप ने डीटीसी बसों के बेड़े को ध्वस्त कर दिया है. कांग्रेस सत्ता में आते ही तत्काल 15,000 इलेक्ट्रिक बसें मंगाएगी और सभी मौजूदा डिपो 3-लेवल डिपो में बदले जाएंगे.

- दिल्ली मेट्रो ने फेज-4 की विस्तृत रिपोर्ट 2014 में ही जमा कर दी थी, लेकिन 31 दिसंबर 2019 को शुरू हुआ. कांग्रेस होती तो ये काम जल्दी शुरू होता. सरकार आते ही जल्द से जल्द ये काम पूरा किया जाएगा.

- एनवायरमेंट अंबेसडर के तहत 12 से 16 साल के स्कूली बच्चों को एक विशेष कार्यक्रम में एनवायरमेंट एंबेसडर के रूप में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और जो शहर को साफ रखने में मदद करेंगे. समय समय पर इन बच्चों के काम के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा.

- टारगेटेड डस्ट मैनेजमेंट प्लान लागू किया जाएगा और दिल्ली की हवा में कार्सिनोजेनिक धूल कणों को कम करने के लिए काम होगा. सड़कों और डस्ट फ्री रखने के लिए ग्लोबल प्रैक्टिस जैसे एयर प्योरिफायर, वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल होगा.

- जल निकायों के नवोद्धार, संरक्षण और सुरक्षा के लिए एक विस्तृत जल संरक्षण मिशन शुरू किया जाएगा.

- राइस स्टबल (पराली) टू एनर्जी फंड स्थापित किया जाएगा, जिससे क्रशिंग पावर प्लांट लगाया जाएगा. पंजाब की कांग्रेस सरकार इस तरह का एक प्लांट स्थापित कर चुकी है.

कांग्रेस की कोशिश तो है कि वह पूरे दिल्ली के विभिन्न तबकों को अपनी ओर खींच ले, लेकिन 11 फरवरी को आने वाले चुनावी नतीजे ये साफ करेंगे कि राहुल गांधी पर दिल्ली के लोगों को कितना विश्वास है. कांग्रेस की ओर से विज्ञापन चलाया जा रहा है कि फिर से अपनी कांग्रेस वाली दिल्ली लानी है. हालांकि, लोग कांग्रेस से काफी परेशान हो चुके थे, तभी आम आदमी पार्टी को लाए. अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि इस बार दिल्ली के लोग किसे अपना नेता चुनते हैं.

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