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Updated: 01 फरवरी, 2020 05:00 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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दिल्ली चुनाव (Delhi Assembly Election) होने वाले हैं. 8 फरवरी को वोट पड़ेंगे और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे. दिल्ली का ये विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प रहने वाला है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) अपने काम गिना रहे हैं तो भाजपा उनके काम में खामियां और भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साध रही है. एक और मुद्दा है, जिसने दिल्ली की सियासत को गर्म किया हुआ है. ये है नागरिकता कानून. जब से नागरिकता कानून आया है, दिल्ली एक तरह से जल रही है. शुरुआत में तो इसके विरोध में हिंसा (Protest) तक हो गई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई. अभी भी मुस्लिम (Muslim) समुदाय का नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध रह-रहकर उग्र हो ही जाता है. गुरुवार को तो जामिया में प्रदर्शन करने वालों पर खुद को रामभक्त गोपाल कहने वाले शख्स ने गोली भी चला दी, जिसमें एक शख्स घायल हो गया. एक ओर दिल्ली में जामिया से लेकर शाहीन बाग तक CAA-NRC-NPR के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है, इसी बीच भाजपा ने अपना मेनिफेस्टो (BJP Menifesto) यानी संकल्प पत्र जारी कर दिया है. भाजपा ने इसे गागर में सागर का नाम दिया है. तो चलिए देखते हैं इस गगरी की मदद से भाजपा किसे-किसे और कैसे प्रभावित करना चाह रही है.

Delhi Assembly Election BJP Menifestoभाजपा ने दिल्ली चुनाव में वोटर्स को लुभाने वाला संकल्प पत्र जारी कर दिया है, जिसे गागर में सागर नाम दिया है.

1- शिक्षा पर जोर देकर लुभाने की कोशिश

भारती जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो के जरिए उस वर्ग को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है, जो अरविंद केजरीवाल के शिक्षा के क्षेत्र में किए कामों के चलते आम आदमी पार्टी के गुण गाते फिरते हैं. भाजपा ने उन वोटर्स को लुभाने की कोशिश की है, जिन्हें सरकारी स्कूलों की बदली हुई सूरत अरविंद केजरीवाल को फिर से वोट देने की वजह लगती है. भाजपा ने शिक्षा से जुड़े ये वादे किए हैं-

- 10 नए कॉलेज और 200 नए स्कूल खोल जाएंगे.

- 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओं' के अभियान के तहत गरीब परिवार की बेटी के 21 साल का होने पर उसके खाते में पैसे डाले जाएंगे.

- कॉलेज जाने वाली गरीब छात्राओं को स्कूटी देंगे.

- नौवीं कक्षा में जाने वाली छात्राओं को फ्री साइकिल देंगे.

- सरकार में आते ही फिट इंडिया और खेलो इंडिया की तर्ज पर दिल्ली के लिए नई खेल नीति बनाएंगे.

2- गरीबों को मिलेगी ये सौगात

चुनाव हो और गरीब की बात ना हो, ये तो हो ही नहीं सकता. भाजपा ने भी इस बात को याद रखा है. भाजपा ने गरीबों के लिए कई घोषणाएं की हैं.

- अच्छी गुणवत्ता का आटा महज 2 रुपए प्रति किलो के भाव दिया जाएगा. अभी गरीबों को 18 रुपए प्रति किलो का गेहूं 2 रुपए प्रति किलो में तो दिया जाता है, लेकिन उसे पिसवाने में 5 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खर्च करना पड़ता है.

- गरीब विधवा की बेटी को शादी के लिए 51 हजार रुपए दिए जाएंगे. भाजपा का ये प्रयोग मध्य प्रदेश में काफी सफल रहा था, जिसे अब वह दिल्ली में भी आजमाने जा रही है. .

- सफाई कर्मचारियों को एरियर का भुगतान किया जाएगा.

- दिव्यांग, विधवा, बुजुर्ग और 1984 दंगा पीड़ितों के पेंशन बढ़ोतरी।

3- कारोबारियों को खुश करने की कोशिश

दिल्ली में कारोबारी सबसे तेजी से स्विंग होने वाले वोटर हैं. ऐसे में भाजपा ने व्यापारियों के लिए भी अपने मेनिफेस्टो में खास व्यवस्था की है और उन्हें अपनी ओर खींचने की कोशिश की है.

- एक साल में लीज होल्ड से फ्री होल्ड की योजना.

- सीलिंग न होने के लिए नियम और कानून में बदलाव किए जाएंगे.

- रेहड़ी पटरी वालों को नियमित किया जाएगा.

4- नौकरी की बात भी हुई है

पिछले लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस की तरफ से भाजपा को इस बात पर खूब घेरा गया कि भाजपा नौकरियां पैदा करने में नाकाम साबित हुई है. बात बढ़ी तो पीएम मोदी ने तो ये तक कह दिया था कि पकौड़े बनाना भी तो रोजगार है. फिर क्या था, भाजपा और कांग्रेस में आए दिन नौकरी और चाय-पकौड़े को लेकर तू-तू, मैं-मैं होने लगी. भाजपा की अधिकतर समय कोशिश रही कि वह नौकरियों को लेकर कोई भी कमेंट करने से बचे. इस बार दिल्ली चुनाव में भी भाजपा ने नौकरी के मुद्दे को छुआ है और कई वादे किए हैं.

- कॉन्ट्रैक्ट वर्कर को नौकरी की सुरक्षा देंगे.

- दिल्ली के अस्पतालों, सरकारी स्कूलों और अन्य सभी सरकारी निकायों एवं संस्थानों में काम करने वाले कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को 58 वर्ष तक कार्य करते रहने की जॉब गारंटी मिलेगी.

- युवाओं को अवसर देने के लिए टैलेंट हंट की शुरुआत की जाएगी.

- सभी विभागों में रिक्त पद भरे जाएंगे.

5- स्वास्थ्य, पानी और सफाई

अरविंद केजरीवाल पर इस बात को लेकर खूब हमले किए गए कि दिल्ली में लोगों के घरों में गंदा पानी आता है. जगह-जगह गंदगी और कचरों के ढेर से भी लोग परेशान हैं. वहीं मोदी सरकार की आयुष्मान योजना को भी दिल्ली सरकार ने लागू नहीं किया था. भाजपा ने इस सभी मुद्दों को ध्यान में रखा है और उन वोटर्स को लुभाने की कोशिश की है, जिनके लिए ये मुद्दे बेहद अहम हैं. इसके तहत भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में कई वादे किए हैं.

- यमुना और उसके आस-पास के क्षेत्रों को स्वच्छ और विकसित करने के लिए दिल्ली यमुना विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा.

- दिल्ली को कचरे के ढेर से मुक्ति दिलाई जाएगी.

- टैंकर मुक्त दिल्ली देंगे और लोगों को हर नल में जल देंगे।

- आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और किसान सम्मान निधि को सरकार बनते ही लागू करेंगे.

6- महिला सुरक्षा को भी नहीं भूली भाजपा

अरविंद केजरीवाल की सरकार ने महिलाओं के लिए भी बहुत कुछ किया है. इसमें डीटीसी बसों में फ्री यात्रा से लेकर बसों में मार्शल तक हैं. साथ ही केजरीवाल ने ये भी वादा किया है कि आम आदमी पार्टी पूरे दिल्ली में सीसीटीवी लगवाएगी, जिससे महिलाओं की सुरक्षा की जाएगी. इसके तहत भाजपा ने वादा किया है कि महिला सुरक्षा के लिए लक्ष्मीबाई सुरक्षा योजना बनाई जाएगी. इसके साथ ही युवाओं और महिलाओं के विकास के लिए बोर्ड बनाया जाएगा.

फ्री बिजली-पानी पर भाजपा चुप, लेकिन मनोज तिवारी बोले

दिल्ली सरकार फिलहार हर महीने 20 हजार लीटर पानी मुफ्त देती है और 200 यूनिट तक की बिजली भी मुफ्त देती है. लेकिन अगर बिल इससे अधिक होता है तो पूरे का बिल देना होता है. केजरीवाल सरकार की योजना थी कि अगर ऐसा किया जाएगा तो लोग पानी और बिजली बचाने की सोचेंगे, ताकि वह फ्री बिजली-पानी के दायरे में रहें. खैर, भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में तो फ्री बिजली-पानी को लेकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन मनोज तिवारी ने जरूर इस पर अपनी बात कही है. उन्होंने कहा है कि हमारे मेनिफेस्टो में वो बातें लिखी हैं, जो हम देंगे. जो पहले से चल रहा है, उसमें कोई कटौती नहीं होगी. हालांकि, अरविंद केजरीवाल हमला बोला है और कहा है कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो फ्री बिजली-पानी बंद कर देगी. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का ये मेनिफेस्टो कितने वोटर्स को लुभाता है. हां एक बड़ा तबका तो शाहीन बाग के प्रदर्शन की वजह से भाजपा की ओर हो ही चुका है, जिसमें वो लोग भी शामिल हैं, जिन्हें शाहीन बाग प्रदर्शन की वजह से रास्ता बंद होने के कारण कहीं आने-जाने में दिक्कत हुई. साथ ही, इस बार के चुनाव में ध्रुवीकरण भी देखने को मिलेगा, क्योंकि CAA-NRC-NPR का विरोध करने वाले अधिकतर लोग मुस्लिम समुदाय के हैं या अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं.

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