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Updated: 09 मार्च, 2021 08:31 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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सहर को खोज चराग़ों पे इंहिसार न कर

हवा से दोस्ती रख उस का ए'तिबार न कर.

कई बार ऐसा होता है हम कहना बहुत कुछ चाहते हैं मगर किसी शायर, कवि, किसी दार्शनिक और समाज सुधारक की कही हुई बात हमें मिल जाती है. हालांकि बातें तो कहने बताने को कई रहती है लेकिन हमारा मकसद काफ़ी हद तक पूरा हो जाता है. उपरोक्त शेर मशहूर शायर अंजुम सलीमी का है. अंजुम को दोस्ती के मद्देनजर एक बहुत ही गहरी और पेचीदा बात को शेर के जरिये क्यों कहना पड़ा इसकी तो हमें जानकारी नहीं है. लेकिन ये शेर अगर वर्तमान परिदृश्य में लिखा जाता तो शायद इसकी एक अहम वजह चीन और पाकिस्तान का एक दूसरे को अपना दोस्त कहना होता. बात आगे बढ़े इससे पहले हम 25 जुलाई 2018 फिर 18 अगस्त 2018 का जिक्र करेंगे. वैश्विक राजनीति के मद्देनजर इन दो दिनों में दो बड़ी घटनाएं हुईं. पहली 25 जुलाई 2018 को जब नवाज़ शरीफ को सत्ता से बेदखल कर इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ ने पाकिस्तान की सत्ता में जबरदस्त फेर बदल किया दूसरा 18 अगस्त 2018 को इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. इमरान खान को पाकिस्तान की आवाम ने क्यों हाथों हाथ लिया इसकी अहम वजहों में यूं तो कई चीजें होंगी लेकिन 'नया पाकिस्तान' इसका एक अहम कारण रहा. हां वही नया पाकिस्तान जहां जाने कब पाकिस्तान का दोस्त चीन महिलाओं को छेड़ दे उनपर अश्लील टिप्पणी कर दे इसकी जानकारी न तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को है न ही सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के किसी हुक्मरान को.

Imran Khan, Pakistan, Prime Minister, China, Uyghur, Muslim, Womanचीनी राजनयिक ने जो पाकिस्तान में किया है वो बेहद शर्मनाक है और उससे भी ज्यादा शर्मनाक इमरान खान का रवैया है

जी हां भले ही ये बात सुनने में थोड़ी अटपटी लगे लेकिन सच यही है कि पाकिस्तान की महिलाओं पर चीन की नजर है और ये अच्छी तो हरगिज़ नहीं है. बताते चलें कि पाकिस्तान में तैनात चीन के एक राजनयिक ने हिजाब को लेकर एक ऐसा ट्वीट किया है जिसने विवादों की आंच में घी का काम किया है और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की फिजाओं में गर्मी बढ़ा दी है. चीनी राजनयिक के इस ट्वीट ने न केवल पाकिस्तान के धर्मगुरुओं को आहत किया है बल्कि इससे आम लोग भी खासे नाराज हैं और इस मामले की शिकायत मुल्क के प्रधानमंत्री इमरान खान से कर रहे हैं.

मामला गंभीर है लोग इसे इस्लाम और हिजाब पर हमला बता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि इमरान खान और उनकी हुकूमत चीनी राजनयिक के इस दुस्साहस पर सख्त से सख्त एक्शन लें. दिलचस्प बात ये है कि मामला क्यों कि चीन से जुड़ा है तो इस अहम मसले पर इमरान खान 'दोस्ती' का फर्ज निभाते हुए एकदम चुप हैं और उनको देखकर यही लग रहा है कि जैसे उन्हें सांप सूंघ गया है.

गौरतलब है कि अभी बीते दिनों पाकिस्तान में सियासी पारा उस वक़्त चढ़ गया जब पाकिस्तान में चीनी दूतावास के काउंसलर और डॉयरेक्टर जेंग हेक्विंग ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग की एक लड़की के डांस का वीडियो ट्वीट किया. चीनी राजनयिक ने इस वीडियो को शेयर करते हुए इंग्लिश और चाइनीज में इसका कैप्शन लिखा. चीनी राजनयिक ने लिखा कि,' अपना हिजाब उठाओ, मुझे तुम्हारी आंखें देखने दो.'

साथ ही अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने वीडियो में डांस करती उस लड़की से मुखातिब होकर लिखा कि चीन के अधिकतर लोग शिनजियांग के इस गाने को गाना चाहेंगे.ध्यान रहे कि चीन उइगर मुसलमानों के प्रति अपने रुख के कारण दुनिया भर के मुसलमानों के अलावा मानवाधिकार संगठनों की लानत मलामत झेल रहा है. चीन पर लगातार ये आरोप लग रहे हैं कि वो न केवल पाकिस्तान से लड़कियां उठा रहा है. बल्कि उइगर समुदाय के जो लोग शिनजियांग जैसी जगहों पर रर रहे हैं उनकी नसबंदी और गर्भपात भी करा रहा है.

कह सकते हैं कि चीन द्वारा एक समुदाय विशेष पर किये जा रहे इस जनसांख्यिकीय नरसंरहार' पर पूरी दुनिया की नजर है. शुरुआत में उम्मीद जताई जा रही रही कि इस अहम मसले पर पाकिस्तान की नजर रहेगी. कोई इसपर बोले या न बोले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री मुखर होकर इसपर अपनी बातें कहेंगे मगर जिस तरह इमरान खान चुप हुए हैं उसने न केवल पूरी दुनिया को हैरत में डाला है बल्कि ये तक बता दिया है कि इमरान दोहरे चरित्र के हैं.

बताते चलें कि चाहे वो तुर्की हो या फिर सऊदी अरब तमाम मुस्लिम मुल्क उइगर मुसलमानों के मद्देनजर मुंह पर दही जमाए बैठे हैं और कुछ नहीं बोले हैं. ऐसे में उम्मीद यही जताई जा रही थी कि आज नहीं तो कल इमरान खान इस अहम मसले पर अपना सख्त रुख दिखाएंगे मगर अब जबकि वो चुप हैं तो साफ पता चल रहा है कि इस जुल्म ओ सितम को पाकिस्तान की तरफ से खुला संरक्षण हासिल हो रहा है.

सोचने वाली बात ये है कि यदि पाकिस्तान जैसे देश में बैठा चीन का एक उच्चाधिकारी इस्लाम और हिजाब को लेकर ऐसी बात करे तो ये ख़ुद में साफ हो जाता है कि पाकिस्तान और इमरान खान की हैसियत चीन के सामने क्या है? भले ही पाकिस्तान कई मौकों पर चीन को अपना दोस्त बता चुका है.लेकिन ये दोस्ती क्यों है? ये बात दुनिया से छुपी नहीं है.

ज्ञात हो कि 2018 में पाकिस्तानी आवाम को अच्छे दिन और नए पाकिस्तान का सपना दिखाने वाले इमरान खान सत्ता संभालने के फौरन बाद से ही आलोचकों के निशाने पर हैं. मुल्क जहां एक तरफ बेरोजगारी और महंगाई की मार झेल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ वो कर्जे के उस बोझ से दबा है जिसमें एक बड़ा हिस्सा खुद चीन का है.

कहना गलत नहीं है कि आए रोज चीन इमरान खान के सामने एक के बाद एक हड्डी फेंक रहा है . इमरान खान भी पूरी तल्लीनता से उसे दबोच रहे हैं ऐसे में जो बातें हिसाब के तहत पाकिस्तान की भूमि पर बैठे चीनी राजनयिक ने कहीं वो उस हड्डी की कीमत है इसलिए इस मामले पर किसी को हैरत में नहीं आना चाहिए. पाकिस्तान और कुछ नहीं बस ऐसी घटनाओं का समर्थन करके या फिर इसपर मौन सहमति देकर चीन को अपनी वफादारी के सबूत दे रहा है.

अंत में बस इतना ही कि किसी शायर ने इमरान खान जैसे लोगों के लिए क्या खूब कहा है.

हजारों ऐब देखतें हैं दूसरों के पहलू में,

अपने किरदार में लोग फ़रिश्ते हों जैसे.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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