New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 14 अप्रिल, 2017 10:22 PM
अशोक सिंघल
अशोक सिंघल
 
  • Total Shares

भुवनेश्वर में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कराने के पीछे पार्टी के रणनीतिकारों की रणनीति साफ है. वहां पर 2019 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. उसी को देखते हुए पार्टी ने इस बार भुवनेश्वर को चुना है. क्योंकि पिछले 17 साल से वहां पर नवीन पटनायक की सरकार है, और पार्टी इस बार इसी कोशिश में है कि उड़ीसा में बीजेपी की सरकार बने. इसी रणनीति को देखते हुए भुवनेश्वर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रखी गई है.

बीजेपी की यह बैठक कराने के पीछे पार्टी को लगता है कि दो-तीन दिनों तक उड़ीसा में बीजेपी की चर्चा रहेगी, चाहे वह मीडिया हो या राजनीतिक गलियारे हों. क्योंकि बैठक में देशभर के तमाम बड़े नेता वहां मौजूद रहेंगे.

bjpmeeting-650_041417013212.jpg

पार्टी 15 और 16 अप्रैल को होने वाली इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को चुनावी दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मान रही है. पार्टी नेताओं का मानना है कि इस बैठक से उड़ीसा में एक माहौल बनेगा, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमाम बड़े नेता दो दिन तक भुवनेश्वर में डेरा डाले रहेंगे. जिसमें पार्टी चुनावी राज्यों की रणनीति पर चर्चा करेगी, साथ ही ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करेगी ताकि 2019 के विधानसभा चुनाव तक उस माहौल को गर्माए रखा जाए. बैठक के माध्यम से पार्टी मोदी सरकार के किए कामों का भी प्रचार प्रसार करने की कोशिश करेगी.

यूपी चुनावों में भारी जीत के बाद बीजेपी की सबसे बड़ी बैठक होने जा रही है. जिसमें पार्टी खास तौर से मोदी की लोकप्रियता को यहां भी भुनाने की कोशिश करेगी. पार्टी इसी कोशिश में है कि इस बैठक के अलावा भी प्रधानमंत्री मोदी के कुछ और कार्यक्रम किए जाएं जिसमें वह नवीन पटनायक सरकार पर तो हमला बोलें ही साथ ही केंद्र सरकार के कामों के बारे में वहां की जनता को बताएं.

बीजेपी की हमेशा से रणनीति रही है कि जिस राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं और जहां पर बीजेपी लंबे समय से सत्ता में नहीं है, वहां पर ऐसी बैठकों का आयोजन किया जाए. उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले भी पार्टी ने इलाहाबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी और चुनावों की दशा-दिशा इसी बैठक से तय की गई थी. अब भुवनेश्वर में यह बैठक कर पार्टी 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए दशा और दिशा तय करने की कोशिश में है.

हालांकि उड़ीसा से पहले कई और राज्यों में चुनाव हैं. लेकिन पार्टी वहां अपने आप को जीत के लिए आश्वस्त मान रही है. मगर उड़ीसा में लंबे समय से सत्ता से बाहर होने के कारण बीजेपी यहां को लेकर खास रणनीति तैयार कर रही है. इसी रणनीति का एक हिस्सा है राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह बैठक. इसी बैठक के जरिए बीजेपी उड़ीसा विधानसभा चुनाव की एक तरह से तैयारी भी शुरु कर देगी.

ये भी पढ़ें-

'मोदी लहर' नहीं बल्कि जुगाड़ से उपचुनाव जीती है बीजेपी !

राष्ट्रपति का चुनाव बीजेपी के लिए इतना आसान भी नहीं!

मोदी ने बनाया 2019 का 'विजय प्लान', जानिए

लेखक

अशोक सिंघल अशोक सिंघल

लेखक आजतक नैशनल ब्यूरो के एडिटर हैं

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय