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Updated: 04 मई, 2018 02:39 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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बीजेपी के कर्नाटक मैनिफेस्टो में किसानों पर खूब जोर है. योगी सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों के लिए कर्जमाफी का चुनावी वादा पूरा किया था. कर्नाटक को लेकर भी बीजेपी ने बताया है कि सरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में ही किसानों के लिए कर्जमाफी का एलान कर दिया जाएगा.

जिस तरह कांग्रेस ने अपने कर्नाटक मैनिफेस्टो को 2019 के लिए ब्लू प्रिंट बताया था, बीजेपी के संकल्प पत्र से भी उसका आगे का एजेंडा काफी हद तक साफ हो जा रहा है. बीजेपी ने कांग्रेस को भी काउंटर करने की कोशिश की है. कांग्रेस एक करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा कर रखा है तो बीजेपी ने भी रोजगार देने के लिए ₹ 250 करोड़ के फंड की बात की है - ये बात अलग है कि कामधेनु फंड ₹ 3000 करोड़ का है.

योगी सरकार का ट्रेलर

यूपी में योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालते ही बदलाव के दो चेहरे मुख्य तौर पर सामने आये थे - एक था गैरकानूनी स्लॉटर हाउसों पर ताला लगाना और दूसरा एंटी रोमियो स्क्वॉड का युवा जोड़ों पर कहर. वैसे बाद में पुलिस जैसे जैसे एनकाउंटर में मशगूल होती गयी, शोहदों पर से ध्यान अपनेआप हटता गया.

yogi adityanathमोदी-शाह के बाद योगी का जलवा

बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा का वादा है कि सरकार बनने पर वो ₹ 3000 करोड़ का कामधेनु फंड बनाएंगे जो जानवरों के कल्याण के लिए काम करेगा. साथ ही वेटरिनरी सेवाओं को विस्तार देने के लिए ₹ 1000 करोड़ का फंड भी अलग से होगा.

लगे हाथ बीजेपी का दावा है कि 15 तारीख के बाद येदियुरप्पा एनडीए के 23वें मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं - और इस तरीके से पार्टी कांग्रेस मुक्त भारत अभियान में बस एक कदम पीछे रह जाएगी.

बीजेपी मैनिफेस्टो के अनुसार गोहत्या विरोधी बिल 2012 फिर से पेश किया जाएगा. साफ है नौकरी की चिंता बाकी लोग करें गोरक्षों का भविष्य उज्ज्वल रहेगा. ज्यादा दिक्कत होने पर किसी बड़े नेता की ओर से कड़ी कार्रवाई वाला बयान तो आ ही जाएगा.

कर्नाटक के किसानों के लिए

यूपी और गुजरात की ही तरह कर्नाटक में भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का किसानों पर ज्यादा जोर रहा है. एक वजह ये भी हो सकती है कि यूपी की तरह ही बीजेपी ने कर्नाटक में भी किसानों के लिए योजनाएं बतायी हैं.

बीजेपी के घोषणा पत्र में कृषि के लिए अलग से बजट लाने की बात कही गयी है. कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में किसानों की आजीविका के लिए आयोग बनाने का वादा कर रखा है.

yogi adityanathत्रिपुरा जैसे चमत्कार की उम्मीद

बीजेपी मैनिफेस्टो में किसानों के कल्याण के लिए मुख्य तौर पर ये 5 बातें देखी जा सकती है.

1. सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ही 1 लाख रुपये तक किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान होगा.

2. सिंचाई सुचारू रूप से संभव हो सके इसके लिए तीन चरणों में 10 घंटे तक बिजली सप्लाई के इंतजाम किये जाएंगे.

3. सिंचाई की सुविधाएं दुरूस्त करने के लिए सुजलाम सुफलाम योजना शुरू की जाएगी और सभी स्कीम पांच साल में पूरी कर ली जाएंगी.

4. एक हजार किसानों को इजरायल और चीन के दौरे पर भेजा जाएगा ताकि वे अत्याधुनिक खेती की बारीकियां सीख सकें.

5. किसान परिवार के बच्चों को खेती-बारी की व्यावसायिक शिक्षा देने के मकसद से रैथा बंधु स्कॉलशिप शुरू की जायेगी.

मोदी-शाह के बाद तो बस 'योगी-योगी'

कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बाद बीजेपी के सबसे पसंदीदा चुनाव प्रचारक यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही हैं. यही वजह है कि योगी के लिए राज्य भर में 35 रैलियों के कार्यक्रम तय किये गये हैं.

योगी के नाथ संप्रदाय का महंत होने का भी बीजेपी पूरा फायदा उठाना चाहती है. त्रिपुरा में बीजेपी को मिला फायदा इस बात का सबूत भी है. नाथ संप्रदाय के लोग महंत को भी भगवान का दर्जा देते हैं क्योंकि वे उन्हें महादेव का अवतार मानते हैं. कर्नाटक में नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा केंद्र कदाली मठ है जिसे योगेश्वर मठ के नाम से भी जाना जाता है. पिछले कर्नाटक दौरे में ही योगी मठ का दौरा कर चुके हैं. मठों का आशीर्वाद लेने में राहुल गांधी के बाजी मार लेने के कारण भी बीजेपी इस मामले में ज्यादा जोर लगा रही है.

बीजेपी मैनिफेस्टो में देवालय पुनरुत्थान फंड के तहत 500 करोड़ का उद्देश्य भी साफ है. बीजेपी का कहना है कि इस फंड से राज्य के मंदिरों और मठों का कायाकल्प किया जाएगा. बीजेपी का कहना है कि ये फंड सिर्फ मंदिर और मठों पर ही खर्च हो ये सुनिश्चित किया जाएगा.

बीजेपी मैनिफेस्टो के मुताबिक ये सब सिर्फ हिंदुओं का, हिंदुओं के लिए और हिंदुओं द्वारा संचालित होगा - और उसमें किसी तरह का सरकारी दखल नहीं हो, ये भी सुनिश्चित किया जाएगा. बीजेपी को इतने सब के बाद अपना एजेंडा समझाने की जरूरत भला बचती है क्या?

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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