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Updated: 18 जनवरी, 2022 01:42 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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कुछ दिनों पहले जब आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल कोरोना ग्रस्त हुए थे, तो न्यूज चैनलों को एक ब्रेकिंग न्यूज मिली थी कि 'भगवंत मान का आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार बनना तय हो गया है.' हालांकि, केजरीवाल के ठीक होने के बाद पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Election 2022) के मद्देनजर आम आदमी पार्टी की ओर से सीएम उम्मीदवार चुनने के लिए एक नंबर जारी किया था. उस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 'राजनीति में ऐसा पहली बार है कि कोई पार्टी अपना सीएम उम्मीदवार जनता के कहने पर चुनेगी.' सरसरी तौर पर देखा जाए, तो पंजाब चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी की ओर से सबसे मजबूत उम्मीदवार के तौर पर भगवंत मान का नाम ही सामने आता है. लेकिन, सीएम फेस (CM Face) बनने की रेस में भगवंत मान अकेले नही हैं. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि भगवंत मान आप के CM उम्मीदवार होंगे, ये दावा कितना मजबूत है?

Bhagwant Mann AAP CM Candidate आम आदमी पार्टी के अनुसार, करीब 22 लाख लोगों ने सीएम उम्मीदवार के चेहरे को चुनने के लिए अपनी राय भेजी है.

पंजाब में सिख ही होगा सीएम उम्मीदवार?

अरविंद केजरीवाल पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि पंजाब चुनाव 2022 के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से कोई सिख चेहरा ही सीएम उम्मीदवार होगा. इसके बाद से ही पार्टी के कई सिख चेहरों के नाम उभर कर सामने आने लगे थे. क्योंकि, इससे पहले केवल भगवंत मान के ही नाम पर कयास लगाए जा रहे थे. सीएम उम्मीदवार बनने की इस रेस में आम आदमी पार्टी की ओर से भगवंत मान समेत पांच दावेदार नजर आ रहे हैं. और, भगवंत मान को सबसे कड़ी टक्कर पंजाब में नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा दे रहे हैं. भगवंत मान की तरह ही हरपाल सिंह चीमा भी पंजाब के मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते हैं. इन दो नामों से इतर आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा (Aman Arora), बलजिंदर कौर (Baljinder Kaur) और विधायक सरबजीत कौर (Sarabjit Kaur) को भी संभावित मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है.

भगवंत मान के दावे में कितना दम?

आम आदमी पार्टी के अनुसार, करीब 22 लाख लोगों ने सीएम उम्मीदवार के चेहरे को चुनने के लिए अपनी राय भेजी है. जिसके आधार पर अरविंद केजरीवाल मंगलवार आम आदमी पार्टी से सीएम उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेंगे. लेकिन, जब ये नंबर जारी किया गया था. उस दौरान के घटनाक्रम पर ध्यान देना थोड़ा जरूरी हो जाता है. दरअसल, सीएम फेस को चुनने के लिए नंबर जारी करने के दौरान अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान को अपना छोटा भाई बताते हुए कहा था कि 'मैं भगवंत को सीएम उम्मीदवार बनाना चाहता था. लेकिन, खुद उन्होंने कहा कि सीएम चेहरे का फैसला जनता को करना चाहिए. और, भगवंत मान भी ऐसा ही चाहते हैं.' अरविंद केजरीवाल ने इसके बाद माइक भगवंत मान की ओर करते हुए उनसे इस पर बोलने का दांव चल दिया था. भगवंत मान ने भी अरविंद केजरीवाल की बातों को दोहराते हुए जनता द्वारा ही सीएम चुने जाने की प्रक्रिया पर सहमति जता दी थी.

आसान शब्दों में कहा जाए, तो अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान के मुंह से यह बुलवा कर उनके सीएम उम्मीदवार नहीं बनने की स्थिति में आम आदमी पार्टी में होने वाली संभावित बगावत को रोकने की कोशिश की थी. वैसे, पंजाब में हुए आम आदमी पार्टी के हर बड़े कार्यक्रम में भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल एकसाथ कंधे से कंधा मिलाते हुए नजर आए हैं. लेकिन, पंजाब में भगवंत मान की छवि पर कुछ दाग लगे हैं. भगवंत मान भले ही लगातार दो बार आम आदमी पार्टी के सांसद बने हों. लेकिन, शराब के नशे में वह कई कांड कर चुके हैं. जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की खूब निंदा की गई है. हालांकि, कुछ समय पहले भगवंत मान ने अपनी शराब पीने की लत छोड़ने की घोषणा की थी. लेकिन, अरविंद केजरीवाल के इस दांव से बहुत हद तक इन कयासों को बल मिला था कि सीएम उम्मीदवार का सबसे मजबूत चेहरा होने के बावजूद भी भगवंत मान का पत्ता कट सकता है.

वैसे, अरविंद केजरीवाल पंजाब चुनाव के जरिये 2024 की तैयारी में जुटे हैं. तो, इस बात की संभावना भी है कि वह अपने इकलौते लोकसभा सांसद भगवंत मान को सीएम फेस न घोषित करें. क्योंकि, भगवंत मान को सीएम चेहरा घोषित करने पर संगरूर लोकसभा सीट खाली हो जाएगी. और, केजरीवाल शायद ऐसा नही चाहेंगे. अपनी पार्टी के विस्तार को ध्यान में रखते हुए अरविंद केजरीवाल से ऐसे किसी फैसले की उम्मीद नही की जा सकती है. वैसे भी आम आदमी पार्टी में केवल अरविंद केजरीवाल के फैसले को ही अंतिम फैसला माना जाता है. इस स्थिति में अगर इस वोटिंग के बाद अरविंद केजरीवाल हरपाल सिंह चीमा का नाम भी ले लेते हैं, तो भगवंत मान के पास बगावत करने का कोई खास मौका नही बचा है. हालांकि, भगवंत मान को आम आदमी पार्टी का सीएम उम्मीदवार घोषित करना अरविंद केजरीवाल की मजबूरी कही जा सकती है. क्योंकि, भगवंत मान से चर्चित चेहरा पंजाब में केवल अरविंद केजरीवाल हैं. लेकिन, वो सिख नही हैं.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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