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Updated: 29 मई, 2021 11:27 AM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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योगगुरु रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA के बीच चल रहा विवाद लगातार गहराता जा रहा है. दोनों ही ओर से लगातार बयानों की बौछार की जा रही है. जैसे ही एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की यह लड़ाई खत्म होती दिखती है, अचानक से कोई बयान इसे फिर से भड़का देता है. माफी मांग कर खत्म होने वाली लड़ाई 1000 करोड़ के मानहानि नोटिस और देशद्रोह तक आ पहुंची है.

फिलहाल आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जे.ए. जयलाल (जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल) ने स्वामी रामदेव के खिलाफ थोड़ा नरम रुख अपनाते हुए कहा है कि अगर रामदेव कोरोना टीकाकरण और आधुनिक चिकित्‍सा के खिलाफ अपने बयान वापस ले लेते हैं, तो उनके खिलाफ भेजे गए नोटिसों को वापस लेने पर विचार किया जा सकता है.

इस पूरे विवाद के ही बाद से स्वामी रामदेव डॉक्टरों के साथ ही कई लोगों के निशाने पर आ गए हैं. रामदेव को कॉर्पोरेट बाबा, व्यापारी स्वामी जैसी कई उपाधियां दी जा रही हैं. देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में पतंजलि समूह भी शामिल है. वैसे, रामदेव को लेकर तमाम बातें लोगों के सामने आ चुकी हैं, तो IMA और उसके प्रेसिडेंट डॉ. जे.ए. जयलाल को भी जान लेते हैं.

इंडियन मेडिकल असोसिएशन यानी आईएमए एक गैर-सरकारी संगठन है.इंडियन मेडिकल असोसिएशन यानी आईएमए एक गैर-सरकारी संगठन है.

IMA एक गैर-सरकारी संगठन यानी एनजीओ है

इंडियन मेडिकल असोसिएशन यानी आईएमए एक गैर-सरकारी संगठन है. इस संस्था से 3,30,000 डॉक्टर जुड़े हुए हैं. आईएमए मेडिकल पेशे से जुड़े डॉक्टरों और अन्य के कल्याण से जुड़े काम देखती है. इसकी स्थापना ब्रिटिशराज के दौरान 1928 में हुई थी. आईएमए वैश्विक संस्था वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन का फाउंडिंग मेंबर है.

आईएमए पर लगे पेंट, साबुन, बल्ब को प्रचारित करने के आरोप

रामदेव बनाम आईएमए के विवाद में जितने आरोप रामदेव पर लग रहे हैं, उतने ही आरोप आईएमए पर भी लगाए जा रहे हैं. इस विवाद में अब भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी कूद पड़े हैं और उन्होंने आईएमए संस्था पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं. कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि बल्ब, वॉल पेंट, पंखा, साबुन, तेल को प्रमाणित करने का IMA का क्या काम? जिन विदेशी कंपनियों से पैसा लेकर IMA सर्टिफिकेट बांट रहा हैं, उनकी दुकान बाबा रामदेव के कारण ठप्प हो रही हैं.

मार्च महीने में न्यूज वेबसाइट द प्रिंट में आचार्य बालकृष्ण ने भी इसे लेकर सवाल उठाया था कि 99 फीसदी बैक्टीरिया मारने, वायरल ट्रांसमिशन का खतरा घटाने और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के दावे वाले वॉल पेंट को उनके समर्थन का आधार क्या है? पेंट ने श्वसन संक्रमण और त्वचा पर प्रतिक्रिया घटने की संभावना होने का भी दावा किया है. क्या वह वैज्ञानिक तौर पर सही है?

बालकृष्ण ने कहा था कि पूर्व में एसोसिएशन को फ्रूट जूस, साबुन, ओट्स और वॉटर प्यूरीफायर के एंडोर्समेंट और करोड़ों में शुल्क वसूलने के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है. वहीं, आईएमए की ओर से ब्रांड को प्रचारित करने पर आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जे.ए. जयलाल ने द प्रिंट से कहा था कि आईएमए किसी भी उत्पाद का समर्थन नहीं कर रहा, बल्कि हम केवल विज्ञान में नई प्रौद्योगिकी या नए आविष्कारों को प्रोमोट करते हैं.

जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल, डॉक्टर या ईसाई?

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल (जे.ए. जयलाल) पर ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के आरोप भी लगे हैं. आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर में छपी एक खबर के अनुसार, धर्मांतरण के लिए अपने कार्यालय का दुरुपयोग करने के लिए डॉ. जे.ए. जयलाल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज हुई है. सोनम महाजन नाम की ब्लॉगर ने डॉ. जयलाल के 'क्रिश्चियनिटी टुडे' को दिए गए एक इंटरव्यू को ट्वीट किया है. इस इंटरव्यू का शीर्षक था- एक भारतीय ईसाई डॉक्टर Covid-19 में उम्मीद की किरण देखता है.

इस इंटरव्यू में डॉ. जयलाल कहते हैं कि मुझे लगता है कि यह एक अच्छा मौका है, जब ईसाई धर्म के सेवाभाव की लीडरशिप के तहत देश का नेतृत्व किया जाए. इंटरव्यू में वो आगे कहते नजर आते हैं कि इस लॉकडाउन के बाद भगवान अपनी कृपा से ज्यादा से ज्यादा लोगों को चर्च में उनके लिए आशीर्वाद के स्थान के रूप में देखने के लिए प्रेरित करें.

सोनम महाजन ने अपने ट्वीट में लिखा है कि आईएमए के प्रमुख डॉ. जे.ए. जयलाल ने कोरोना वायरस महामारी के चरम पर एक साक्षात्कार में यही कहा था.क्या इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को एक वैज्ञानिक और धर्मनिरपेक्ष निकाय नहीं माना जाता है? बाबा रामदेव ने माफी मांगी है, जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल कब करेंगे?

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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