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Updated: 10 अक्टूबर, 2021 02:47 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े के महंत नरेंद्र गिरि के असामयिक निधन के बाद जो सबसे बड़ा सवाल पूरे देश के सामने है वो ये कि अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष कौन होगा? पूर्व में यही बताया जा रहा था कि यदि सब कुछ सुचारू रूप से चला और कोई बाधा नहीं आई तो आने वाले 25 अक्टूबर को अखाड़ा परिषद को अपना नया अध्यक्ष मिल जाएगा. मगर अखाड़ा परिषद के लिए ये फैसला इतना भी आसान नहीं है. अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा हुआ है. मामले में दिलचस्प ये कि शैव अखाड़ों में सर्वोच्च जूना अखाड़े ने अध्यक्ष पद पर अपना दावा ठोका है और मजबूत दावेदारी की बात की है. वहीं अध्यक्ष पद को लेकर वैष्णव अखाड़ों ने भी इस बार अपनी कमर कस ली है. वैष्णव अखाड़ों का मत है कि इस बार अध्यक्ष पद पर उनका अपना संत बैठे इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा. बताते चलें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ताजा बैठक में मठ बाघंबरी गद्दी के लिए महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी महंत बलवीर गिरि को नियुक्त किये जाने के बाद, अब निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष नियुक्त करने की तैयारी में जुट गए हैं. तमाम नाम हैं जिनको लेकर व्यापक अटकलें लगाई जा रही हैं.

Prayagraj, Acharya Mahendra Giri, Akhara Parishad, Nirmohi Akhara, National Presidentसाधू संतों के बीच बहस का बड़ा मुद्दा ये है कि आखिर वो कौन होगा जो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् का अगला अध्यक्ष होगा?

ध्यान रहे कि परंपरा के अनुसार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होता है. सामान्य परिस्थितियों में, ये चुनाव सर्वसम्मति से होते हैं, क्योंकि अखाड़े मतदान से पहले उम्मीदवारों के बारे में आपस में चर्चा करते हैं. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में सारा बवाल महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद अध्यक्ष पद को लेकर मचा है.ऐसे में ये बताना बहुत जरूरी है कि महंत नरेंद्र गिरी ने पहली बार 2016 में अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला और 2019 में वो फिर से अध्यक्ष बने तब भी खूब बवाल हुआ था.

जैसा कि हम आपको पहले ही इस बात से अवगत करा चुके हैं कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का चुनाव कभी भी इतनी सुगमता से नहीं हुआ है. इसे समय समय पर विवादों से इसे दो चार होना पड़ा है. पूर्व में ऐसे भी मामले सामने आए हैं जब अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अदालत की शरण में गया है और नौबत कोर्ट केस तक की आई है.

महंत नरेंद्र गिरि के चुनाव के दौरान उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार ज्ञान दास ने भी बाघंबरी मठ के प्रमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.

महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु ने एक बार फिर भारत के 13 धार्मिक अखाड़ों के मुखिया के महत्व को उजागर किया है. बताते चलें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद कुम्भ मेले के आयोजन से लेकर अनैतिकता में लिप्त पाए जाने वाले किसी साधु या संत के बहिष्कार से लेकर कई तरह के मुद्दों पर काम करती है.

बात अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष और कुछ प्रमुख नामों की हुई थी तो आइए जानें वो कौन कौन से नाम हैं जो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की रेस में सबसे आगे हैं.

महंत हरि गिरि

महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद, महंत हरि गिरि का नाम अध्यक्ष जैसे शीर्ष पद के लिए सबसे आगे है./महंत हरि गिरि वर्तमान में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अंतरराष्ट्रीय सचिव हैं. धार्मिक संस्था से परिचित लोगों का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि के बाद महंत हरि गिरि को 13 अखाड़ों में सबसे प्रभावशाली माना जाता है

Prayagraj, Acharya Mahendra Giri, Akhara Parishad, Nirmohi Akhara, National Presidentअखाड़ा परिषद् की अध्यक्षी की रेस में महंत हरि गिरि को एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है 

चुनाव प्रक्रिया से परिचित लोगो के अनुसार हरि गिरि का नाम इसलिए भी सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समय वे निकाय के अंतरराष्ट्रीय सचिव हैं और अखाड़े में उनकी पैठ औरों की अपेक्षा काफ़ी गहरी है.

महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी

जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि भी शीर्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं. संतों के बीच उनकी लोकप्रियता के कारण, अवधेशानंद गिरि को एक व्यवहार्य उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है.

Prayagraj, Acharya Mahendra Giri, Akhara Parishad, Nirmohi Akhara, National Presidentअध्यक्ष के लिए सबकी निगाहें महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी पर भी टिकी हैं

उनके पक्ष में काम करने वाला तथ्य यह भी है कि चूंकि महंत नरेंद्र गिरि निरंजनी अखाड़े का हिस्सा थे, इसलिए उनके उत्तराधिकारी को दूसरे अखाड़े से जोड़ा जाएगा.

महंत राजेंद्रदास

निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्रदास का भी नाम सुर्खियों में है. मामले में दिलचस्प ये है कि अध्यक्षी पर उन्होंने खुद अपनी दावेदारी ठोकी है. चूंकि महंत राजेंद्रदास वैष्णव अखाड़ों का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए अध्यक्ष पद पर अपना पक्ष रखते हुए महंत राजेंद्रदास ने कहा है कि हमारे 3 अखाड़ों श्री निर्मोही अनी, श्री निर्वाणी अनी और श्री दिगंबर में से किसी एक को अध्यक्ष बनाया जाए.

Prayagraj, Acharya Mahendra Giri, Akhara Parishad, Nirmohi Akhara, National Presidentअखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के चुनाव पर अपना पक्ष निर्मोही अखाड़ा के राजेंद्र दास ने भी रख दिया है

महंत राजेंद्र दास ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अध्यक्ष पद न मिलने पर वैष्णव अखाड़े खुद को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग कर लेंगे.

बहरहाल, आचार्य महेंद्र गिरी की मौत के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष कौन होता है ये तो हमें 25 अक्टूबर को पता चल ही जाएगा लेकिन अध्यक्षी को लेकर जैसा घमासान शैव और वैष्णव अखाड़ों में मचा है उसके बाद ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि मोय माया त्यागने की बड़ी बड़ी बातें साधू संत कितनी भी क्यों न कर लें मगर पावर और कुर्सी सभी को प्यारी होती है. विरला ही होते हैं जो इनका त्याग करते हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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