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Updated: 13 सितम्बर, 2020 06:17 PM
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शिवसेना के टारगेट पर कंगना रनौत (Kangana Ranaut) लगातार बनी हुई हैं - और उनके बहाने वे सभी निशाने पर हैं जिनकी शह पर शिवसेना को कंगना रनौत के आक्रामक होने का शक है. साथ ही, शिवसेना को वे लोग भी नहीं सुहा रहे हैं जो कंगना रनौत के बयान पर खामोशी अख्तियार किये हुए हैं - खासकर बॉलीवुड की हस्तियां.

शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में संजय राउत ने कंगना रनौत के मुंबई को PoK बताये जाने को लेकर बॉलीवुड हस्थियों की खामोशी पर सवाल उठाया है, हालांकि, चुप्पी को लेकर सिर्फ अक्षय कुमार (Akshay Kumar) का नाम लिया है. अब तक 'हरामखोर...' और 'नॉटी' बताते आ रहे संजय राउत ने अब कंगना रनौत को 'नटी' बताया है. मराठी में नटी का मतलब अभिनेत्री होता है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) भी अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जनता के सामने आये हैं - उद्धव ठाकरे ने कंगना रनौत प्रकरण को लेकर चुप्पी तो तोड़ी है, लेकिन कुछ बोला नहीं!

'नॉटी' के बाद 'नटी' बताया

संजय राउत ने जबान पर तो लगाम लगा रखी है, लेकिन कलम और उनका कॉलम जोर जोर से चीख रहा है - मुंबई का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. खास बात ये है कि ये सब संजय राउत के ये कहने के बाद की बातें हैं कि शिवसेना के पास और भी काम हैं और कंगना रनौत एपिसोड खत्म हो चुका है. हो सकता है ऐसा संजय राउत ने कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई को लेकर कहा हो - क्योंकि मुंबई को कंगना रनौत के पीओके बताये जाने को लेकर तो वो ललकार ही रहे हैं.

पहले कंगना रनौत को हरामखोर लड़की कह चुके संजय राउत ने अपनी सफाई में कहा था कि उनका आशय उनको नॉटी कहने से रहा, लेकिन अब तो वो नटी पर आ चुके हैं. बहरहाल, संजय राउत पर सामना के जरिये कंगना रनौत और उनको समर्थन देने वालों को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. संजय राउत का सवाल है - मुंबई को पाकिस्तान कहने वाली एक नटी के पीछे कौन है?

लगता है शिवसेना की नाराजगी अब उन लोगों से बढ़ती जा रही है जो कंगना रनौत का या तो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सपोर्ट कर रहे हैं या फिर कंगना रनौत के आक्रामक रूख पर चुप्पी साधे हुए हैं - हालांकि, शिवसेना ने नाम सिर्फ अक्षय कुमार का लिया है. लगता है शिवसेना का आशय अक्षय कुमार की देशभक्ति और उससे जुड़ी फिल्मों की तरफ इशारा है. मतलब, ये कि जिसे अपनी मिट्टी से प्यार है वो भला चुप कैसे हो सकता है. शिवसेना पूछ रही है कि अक्षय कुमार जैसा कलाकार किसी के मुंबई को पीओके कहने के बावजूद सुन कर चुप क्यों है? ये भी हो सकता है कि शिवसेना को लगता हो कि अक्षय कुमार का झुकाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चलते बीजेपी की ओर है इसीलिए वो कंगना रनौत को लेकर कोई रिएक्शन नहीं दिया है. ऐसा भी हो सकता है शिवसेना धीरे धीरे इस दिशा में आगे बढ़ रही हो. पहले अक्षय कुमार का नाम लिया है और आगे एक एक कर बाकियों का भी ले सकती है, लेकिन अभी तो सवाल यही है कि शिवसेना ने अक्षय कुमार का ही नाम क्यों लिया किसी और हस्ती का क्यों नहीं?

ट्विटर पर हाल फिलहाल कई ट्रेंड दिखे हैं जो अमिताभ बच्चन से जुड़े हुए हैं. एक ट्रेंड तो अमिताभ बच्चन का नाम ही है, जबकि दो ट्रेंड भी उनसे जुड़े हुए हैं - #Message_To_AmitabhBachchan और #महानायक_नहीं_महानालायक. इन सभी में ट्विटर यूजर के रिएक्शन हैं और ज्यादातर में वे कंगना रनौत और सोनू सूद के साथ अमिताभ बच्चन की तस्वीर लगा कर टिप्पणी कर रहे हैं.

हो सकता है ट्विटर यूजर की तरह ही शिवसेना को भी लगता हो कि अमिताभ बच्चन अपने काम को लेकर तो अपडेट दे रहे हैं लेकिन जिस बात को लेकर मुंबई में इतना बड़ा बवाल चल रहा है उस पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. अमिताभ बच्चन फिलहाल कौन बनेगा करोड़पति प्रोग्राम की शूटिंग में व्यस्त हैं और तस्वीरें शेयर करते हुए सेफ रहने का संदेश भी दिया है. अक्षय कुमार का तो नाम लेकर शिवसेना ने सिर्फ हैरानी जतायी है, बाकियों को तो जीभर कोस भी रही है - 'जब भी मुंबई का अपमान होता है... कोई इस शहर का बलात्कार करता है... तब ये सितारे गर्दन झुका बैठ जाते हैं.... वे उस अपमान के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलते हैं.'

शिवसेना को इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि लोग लोगों को मुंबई से मतलब सिर्फ अपने बिजनेस से है - दुनियाभर के रईसों के घर मुंबई में हैं... मुंबई की अहमियत उनके लिए सिर्फ दोहन और पैसा कमाने भर से ही है - फिर तो मुंबई से कोई रोज रेप भी करे तो चलेगा.

फिल्म स्टार अक्षय कुमार को लेकर सामना में लिखा है, 'अक्षय कुमार को मुंबई ने काफी कुछ दिया है... सपनों के शहर में अपार सफलता पाई है, लेकिन फिर भी कंगना के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला. मुंबई का अपमान होता रहा लेकिन उसका विरोध नहीं किया.'

शिवसेना का कहना है कि कंगना रनौत के बयान पूरे बॉलीवुड की राय नहीं है, ऐसा कहना चाहिये था. पूरे नहीं तो कम से कम आधे हिंदी फिल्म जगत को तो मुंबई के अपमान के विरोध में आगे आना ही चाहिये था.

sanjay raut, uddhav thackerayशिवसेना के निशाने पर अब पूरा बॉलीवुड आ चुका है

कंगना रनौत भले ही खुद को मुंबई की और महाराष्ट्र के गौरव में यकीन रखने वाली बताने की कोशिश कर रही हों, लेकिन शिवसेना अब उनको बाहरी साबित करने की तैयारी कर रही है. संजय राउत ने लिखा है महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को ग्रहण लगाने की कोशिश एक बार फिर शुरू हो गयी है - और ये ग्रहण बाहरी लोग लगा रहे हैं. अफसोस की बात है, संजय राउत लिखते हैं, लेकिन बाहरियों को मजबूत बनाने के लिए परंपरा के अनुसार हमारे ही घर के भेदी आगे आये हैं.

मुंबई को लेकर विवाद, विवादों पर बॉलीवुड हस्तियों पर शिवसेना के सवाल के बीच ही अमिताभ बच्चन ने एक ट्वीट भी किया है - ट्वीट की भाषा तो गोलमोल ही है, लेकिन लगता है बिग बी अपने सोफियाने अंदाज में कोई मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं.

उद्धव ठाकरे की भी खामोशी टूटी, लेकिन...

कंगना रनौत से जुड़े विवाद और बवाल के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों को लाइव संबोधित किया है. उद्धव ठाकरे ने शुरू में ही साफ कर दिया था कि जो मौजूदा राजनीति चल रही है उस पर अभी नहीं बल्कि बाद में बोलेंगे.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार लगातार प्रतिकूल परिस्थितियों में काम कर रही है... तूफान भी मुंबई में आकर गया. महाराष्ट्र सरकार ने उस स्थिति में भी अच्छा काम किया... ऐसे तूफान आते रहेंगे और काम चलता रहेगा.

कंगना रनौत प्रकरण को लेकर देखें तो उद्धव ठाकरे बोले, 'राजनीति पर जवाब देने के लिए मुझे मुख्यमंत्री का मुखौटा उतारना होगा. मैं नहीं बोल रहा इसका ये मतलब नहीं कि मेरे पास जवाब नहीं है.'

शिवसेना की कोशिश है कि जैसे भी हो कंगना रनौत विवाद को मराठी अस्मिता बनाम बाहरी का मुद्दा बनाया जाये - और उद्धव ठाकरे के ताजा बयान से साफ हो जाता है कि शिवसेना किस रणनीति के तहत सोच समझ कर एक एक कदम बढ़ा रही है.

मराठा आरक्षण को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार मराठों के लिए अदालत में लड़ाई लड़ रही है. उद्धव ने बताया कि कैसे वो व्यक्तिगत रूप से मराठा आरक्षण से जुड़े हैं और मजबूती से मुद्दा उठा रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने ये भी बताया कि अदालत में बहस करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है और केस के लिए देश के बेहतरीन वकील हायर किये गये हैं.

लेकिन कंगना रनौत को टारगेट करने के साथ साथ संजय राउत ने रिटायर्ड नौसेना अधिकारी पर हमले को भी सही ठहराया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिवसैनिकों के हमले में घायल मदन शर्मा से फोन पर हाल पूछा था और उनके सपोर्ट में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांदिवली में एडिशनल सीपी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी किया था. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मदन शर्मा ने कहा था कि अगर उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में सरकार नहीं चला पा रहे हैं तो इस्तीफा दे दें - उसके बाद जनता अपना फैसला करेगी.

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने इस मामले में मराठी में अपना एक बयान ट्विटर पर जारी किया है. कहते हैं, 'कोई भी अगर कानून हाथ में लेता है तो उसपर कार्रवाई की जाती है, यही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की नीति है. कल एक पूर्व नौसेना के अधिकारी के साथ मारपीट की घटना सामने आई. उस शख्स ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ एक कार्टून शेयर किया था. कार्टून बदनाम करने की कोशिश थी - शिवसैनिकों की प्रतिक्रिया भी उसी तरह थी..."

महाराष्ट्र सरकार ने कंगना रनौत के खिलाफ ड्रग्स केस में जांच के आदेश दिये हैं. महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय के आदेश पर मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ये जांच करेगी. ये जांच शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन के एक पुराने इंटरव्यू की बातों को लेकर करायी जा रही है - और इस बीच कंगना रनौत का भी एक वीडियो वायरल हो रखा है जिसमें वो कह रही हैं - "मैं ड्रग एडिक्ट थी."

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