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मोदी जी बुलेट ट्रेन लाओ ना लाओ, ऐसा घर बनवा दो प्लीज!

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 16 मई, 2017 11:14 AM
  • 16 मई, 2017 11:14 AM
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अगर हम आपको एक ऐसी 3डी तकनीक के बारे में बताएं जो सिर्फ 24 घंटे में घर खड़ा करके दे तो? चौंकिए नहीं रूस में एक कंपनी है जिसने 400 वर्ग फीट या 37 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक दिन के अंदर चार कमरों का मकान बनाकर खड़ा कर दिया है.

अपना घर हर किसी का सपना होता है लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार हमारे देश में 17 लाख 70 हजार लोग यानी देश की जनसंख्या की 0.15 प्रतिशत आबादी बेघर है. यही नहीं हमारा देश 18 लाख 78 हजार घरों की कमी से भी जूझ रहा है. एक घर बनाने में हमारे यहां कम से कम चार महीने का समय अमूमन लगता है. लेकिन ये तब संभव है जब आपके पास जमीन उपलब्ध हो. अगर बिल्डर के भरोसे हैं तो फिर तो घर का सपना, सपने की तरह ही आराम-आराम से भगवान के भरोसे ही पूरा होता है.

3डी प्रिंटिंग से 24 घंटे में बना घर

ऐसे में अगर हम आपको एक ऐसी 3डी तकनीक के बारे में बताएं जो सिर्फ 24 घंटे में घर खड़ा करके दे तो? चौंकिए नहीं रूस में एक कंपनी है जिसने 400 वर्ग फीट या 37 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक दिन के अंदर चार कमरों का मकान बनाकर खड़ा कर दिया है. और अगर आप इतना जानकर ही हैरान हो गए तो फिर इस घर को बनाने में लगने वाले लागत के बारे में भी जान लीजिए. सिर्फ 10 हजार डॉलर यानी करीब 7 लाख रुपए! आंख के साथ मुंह भी खुला रह गया ना?

175 साल तक चलने वाला घर

रुस की 3डी प्रिंटिंग कंपनी एपिस कॉर ने ऑन-साइट मोबाइल प्रिंटर का इस्तेमाल करके ये घर बना डाला है. इस घर को बनाने में सिर्फ सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है. घर में लगी खिड़कियां, दरवाजे और फर्निशिंग को बाद में जोड़ा गया. साथ ही पेंट भी बाद में किया गया है. चार कमरों के इस मकान में एक हॉल, बाथरूम, लिविंग रूम और किचन है. कंपनी का ये भी कहना है कि इस मकान को 175 साल तक कुछ नहीं होगा.

अपना घर हर किसी का सपना होता है लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार हमारे देश में 17 लाख 70 हजार लोग यानी देश की जनसंख्या की 0.15 प्रतिशत आबादी बेघर है. यही नहीं हमारा देश 18 लाख 78 हजार घरों की कमी से भी जूझ रहा है. एक घर बनाने में हमारे यहां कम से कम चार महीने का समय अमूमन लगता है. लेकिन ये तब संभव है जब आपके पास जमीन उपलब्ध हो. अगर बिल्डर के भरोसे हैं तो फिर तो घर का सपना, सपने की तरह ही आराम-आराम से भगवान के भरोसे ही पूरा होता है.

3डी प्रिंटिंग से 24 घंटे में बना घर

ऐसे में अगर हम आपको एक ऐसी 3डी तकनीक के बारे में बताएं जो सिर्फ 24 घंटे में घर खड़ा करके दे तो? चौंकिए नहीं रूस में एक कंपनी है जिसने 400 वर्ग फीट या 37 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक दिन के अंदर चार कमरों का मकान बनाकर खड़ा कर दिया है. और अगर आप इतना जानकर ही हैरान हो गए तो फिर इस घर को बनाने में लगने वाले लागत के बारे में भी जान लीजिए. सिर्फ 10 हजार डॉलर यानी करीब 7 लाख रुपए! आंख के साथ मुंह भी खुला रह गया ना?

175 साल तक चलने वाला घर

रुस की 3डी प्रिंटिंग कंपनी एपिस कॉर ने ऑन-साइट मोबाइल प्रिंटर का इस्तेमाल करके ये घर बना डाला है. इस घर को बनाने में सिर्फ सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है. घर में लगी खिड़कियां, दरवाजे और फर्निशिंग को बाद में जोड़ा गया. साथ ही पेंट भी बाद में किया गया है. चार कमरों के इस मकान में एक हॉल, बाथरूम, लिविंग रूम और किचन है. कंपनी का ये भी कहना है कि इस मकान को 175 साल तक कुछ नहीं होगा.

कंपनी ने दावा किया है कि इस तरह की 3डी प्रिंटिंग के द्वारा ऑन-साइट घर बनाने वाली पहली कंपनी है. 3डी प्रिंटिंग वाले घर अमूमन ऑफ-साइट बनाए जाते हैं और फिर उन्हें असेंबल किया जाता है. पिछले साल विश्व की पहली 3डी प्रिंटिंग अपार्टमेंट बिल्डिंग चीन में बनाई गई थी, लेकिन इसका ढांचा ऑफ-साइट तैयार किया गया था. हालांकि चीन की ही एक और कंपनी ने इसके पहले ऑन-साइट 3डी प्रिंटिंग के जरिए दो फ्लोर का एक घर बनाया था लेकिन इस घर को बनने में 45 दिनों का समय लगा था.

रूस में इस तरह के इंस्टेंट घर की जरूरत है कि नहीं मुझे पता नहीं, लेकिन भारत में ये टेक्नोलॉजी आ जाए तो फिर एक बड़ी समस्या का हल हो जाएगा. सोचिए कितना अच्छा हो कि हम किसी काम से एक दिन के लिए बाहर गए और अगले दिन आकर देखते हैं कि हमारी खाली पड़ी जमीन पर एक घर खड़ा है! इतने कम बजट और समय में मुझे ऐसा घर दिला दो भगवान, प्लीज!

वीडियो में देखें घर बनने का पूरा प्रोसेस-

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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