• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
टेक्नोलॉजी

पोर्न साइट को ब्लाक कर, भजन सुनाएगी बीएचयू की ये संस्कारी हर हर महादेव ऐप

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 18 नवम्बर, 2017 11:43 AM
  • 18 नवम्बर, 2017 11:43 AM
offline
बीते कई दिनों से चर्चा में रहने वाला बीएचयू एक बार फिर चर्चा में है. मगर इस बार उसके चर्चा में आने की वजह ऐसी है जिसको सुनकर आप हैरत में पड़ सकते हैं.

बीते दिनों अपने स्टूडेंट प्रोटेस्ट के कारण चर्चा में रहने वाली बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है. बीएचयू के फिर इस बार चर्चा में आने की वजह न तो कोई छेड़छाड़ है और न ही कोई एग्जाम के पेपर आउट होने का मामला. इस बार बीएचयू जिस वजह से चर्चा में है वो काफी दिलचस्प मामला है. अब बीएचयू के छात्र परिसर में बैठकर इंटरनेट द्वारा डर्टी पिक्चर नहीं देख सकते. ऐसा इसलिए क्योंकि जब वो डर्टी पिक्चर देखने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे होंगे तो शायद वहां अनूप जलोटा, अनुराधा पौडवाल या फिर लखबीर सिंह लक्खा में से किसी का भजन चल जाए और लोगों की नजर उनपर जम जाए.

जी हां ये भले ही सुनने में हास्यादपद हो मगर ये सच है. इंटरनेट पर अश्लील वेबसाईट की पहचान और उस पर रोक के लिए बीएचयू ने हर - हर महादेव नाम का एक ऐप डिजाइन किया है. ये  ऐप लोगों को इस तरह की गंदी सामग्री से बचाएगा जिनसे उनका मन बहकता है या फिर उनपर बुरा प्रभाव पड़ता है.

कई मायनों में अनोखी है बीएचयू के प्रोफेसर्स द्वारा बनाई गयी ये ऐप

ज्ञात हो कि बीएचयू परिसर के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के न्यूरॉलजिस्ट और उनकी टीम द्वारा तैयार किया गया ये नया ऐप, आम से लेकर खास तक सभी की जुबान पर चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐप बनाने वाली टीम का दावा है कि इसकी मदद से उन साइट्स और उन कंटेंट्स को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जा सकता है जिसमें व्यक्ति की कोई दिलचस्पी नहीं है या फिर जो किसी के जीवन में बुरा प्रभाव डाल रहे हैं. इस ऐप को लेकर ये तक कहा जा रहा है कि इसको बनाने का उद्देश्य पोर्न सामग्री और अडल्ट कंटेंट पर पूर्ण नियंत्रण है.

आपको बताते चलें कि तकरीबन 6 महीने की मेहनत से तैयार इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद एक यूजर को इस ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. जब ये ऐप इंस्टाल हो...

बीते दिनों अपने स्टूडेंट प्रोटेस्ट के कारण चर्चा में रहने वाली बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है. बीएचयू के फिर इस बार चर्चा में आने की वजह न तो कोई छेड़छाड़ है और न ही कोई एग्जाम के पेपर आउट होने का मामला. इस बार बीएचयू जिस वजह से चर्चा में है वो काफी दिलचस्प मामला है. अब बीएचयू के छात्र परिसर में बैठकर इंटरनेट द्वारा डर्टी पिक्चर नहीं देख सकते. ऐसा इसलिए क्योंकि जब वो डर्टी पिक्चर देखने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे होंगे तो शायद वहां अनूप जलोटा, अनुराधा पौडवाल या फिर लखबीर सिंह लक्खा में से किसी का भजन चल जाए और लोगों की नजर उनपर जम जाए.

जी हां ये भले ही सुनने में हास्यादपद हो मगर ये सच है. इंटरनेट पर अश्लील वेबसाईट की पहचान और उस पर रोक के लिए बीएचयू ने हर - हर महादेव नाम का एक ऐप डिजाइन किया है. ये  ऐप लोगों को इस तरह की गंदी सामग्री से बचाएगा जिनसे उनका मन बहकता है या फिर उनपर बुरा प्रभाव पड़ता है.

कई मायनों में अनोखी है बीएचयू के प्रोफेसर्स द्वारा बनाई गयी ये ऐप

ज्ञात हो कि बीएचयू परिसर के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के न्यूरॉलजिस्ट और उनकी टीम द्वारा तैयार किया गया ये नया ऐप, आम से लेकर खास तक सभी की जुबान पर चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐप बनाने वाली टीम का दावा है कि इसकी मदद से उन साइट्स और उन कंटेंट्स को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जा सकता है जिसमें व्यक्ति की कोई दिलचस्पी नहीं है या फिर जो किसी के जीवन में बुरा प्रभाव डाल रहे हैं. इस ऐप को लेकर ये तक कहा जा रहा है कि इसको बनाने का उद्देश्य पोर्न सामग्री और अडल्ट कंटेंट पर पूर्ण नियंत्रण है.

आपको बताते चलें कि तकरीबन 6 महीने की मेहनत से तैयार इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद एक यूजर को इस ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. जब ये ऐप इंस्टाल हो जाएगी तो उसके बाद आपकी डिवाइस पर कोई भी अश्लील सामग्री नहीं खुलेगी और केवल भक्ति गीत बजेंगे. फिल्हाल डेस्कटॉप और लैपटॉप के लिए बनाई गयी इस ऐप में केवल भजन हैं मगर भविष्य में इसमें अन्य धर्मों के भी भक्ति गीतों को जोड़ा जाएगा और इसे एंड्राइड डिवाइस के लिए भी निर्मित किया जाएगा.

गौरतलब है कि अभी तक ये ऐप करीब 3800 साइट्स को ब्लाक कर चुकी है और उन सभी साइट्स को ब्लाक कर रही है जिनपर इसे जरा भी शक लग रहा है. खैर बीएचयू की ये इजाद व्यर्थ की खोज है या वक़्त की जरूरत. ये बीएचयू के प्रोफ़ेसर जानें, मगर इस ऐप को देखकर इतना तो है कि कहीं न कहीं ये चंचल मन को शांत करने के लिए एक अच्छी पहल है और इसकी तारीफ होनी चाहिए. साथ ही इस ऐप के मद्देनगर ये भी देखना दिलचस्प रहेगा कि कहीं भविष्य में प्रोफ़ेसर इसे ज्यादा संस्कारी बनाने के चक्कर में खुद हंसी के पात्र न बन जाएं और इस ऐप के मूल उद्देश्य को बर्बाद कर बैठें. 

ये भी पढ़ें -

samsung vs apple : स्मार्टफोन मार्केट की जंग में गूगल कहाँ है?

वॉट्सएप का लाइव लोकेशन शेयरिंग फीचर खतरनाक है !

गूगल पिक्सल 2: गूगल ने कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना लगाया है

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    मेटा का ट्विटर किलर माइक्रो ब्लॉगिंग एप 'Threads' आ गया...
  • offline
    क्या Chat GPT करोड़ों नौकरियों के लिये खतरा पैदा कर सकता है?
  • offline
    Google Bard है ही इतना भव्य ChatGPT को बुरी तरह से पिछड़ना ही था
  • offline
    संभल कर रहें, धोखे ही धोखे हैं डिजिटल वर्ल्ड में...
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲