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गूगल पिक्सल 2: गूगल ने कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना लगाया है

    • आईचौक
    • Updated: 12 अक्टूबर, 2017 11:40 AM
  • 12 अक्टूबर, 2017 11:40 AM
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गूगल ने पिक्सल 2 के जरिए दूर की कौड़ी फेंकी है और इसका फायदा भी वो समय आने पर उठाएंगे. आर्टिफिशियल इं‍टेलिजेंस को लेकर गूगल की आक्रामक रणनीति की फिलहाल तो बाजार में कोई मुकाबला नहीं है.

गूगल का पिक्सेल- 2 फोन लॉन्च हो गया है. इस फोन को खरीदने के पहले हर आदमी एक ही सवाल करेगा- 'जब उसी ऑपरेटिंग सिस्टम और वही सारे फीचर वाले फोन पिक्सेल से आधे दाम में बाजार में मौजूद हैं तो फिर कोई पिक्सेल क्यों खरीदे?' वन प्लस, नोकिया और इसेंशियल फोन जैसे विकल्पों के बाद इस साल गूगल को पिछले साल के मुकाबले ज्यादा कड़ी टक्कर मिल रही है.

अपनी महंगी कीमत को पिक्सेल किसी भी तरह से सही साबित नहीं कर पा रही. न तो इसने सैमसंग की कर्व स्क्रीन है न ही आईफोन एक्स की तरह एज टू एज डिसप्ले. फिर आखिर उन्होंने अपने फोन की कीमत इतनी ज्यादा क्यों रखी है ये बात किसी के गले नहीं उतर रही.

सैन फ्रांसिस्को में गूगल के कार्यक्रम से ये बात स्पष्ट भी हो गई थी. इस इवेंट में सैमसंग या एप्पल के इवेंट की तरह फोन की खुबियां बताने में बहुत ही कम समय दिया गया था. गूगल का ज्यादा झुकाव फोन के सॉफ्टवेयर पर था. गूगल द्वारा लॉन्च किए गए कई उत्पादों में एक चीज कॉमन थी- गूगल असिस्टेंस पर उनकी निर्भरता. ऐसा लग रहा था मानो हर जगह से गूगल असिस्टेंस को ही लॉन्च किया जा रहा हो.

गूगल भविष्य की तरफ देख रही है

स्मार्टफोन के बाद अब अगली बड़ी चीज है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI). स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने के लिए इसे अपने साथ रखना पड़ता है लेकिन AI अपनी सर्विस देने के लिए किसी भी माध्यम का प्रयोग कर सकता है. साफ है कि गूगल का मकसद यही है. इस तरह के नए इनोवेशन दूसरे फोन निर्माताओं को पीछे छोड़ देते हैं.

गूगल उन कुछ कंपनियों में से एक है जिनके पास बेशुमार डेटा उपलब्ध है. डेटा का महासागर. और यह ताकत गूगल को एक मजबूत AI के लिए आधार उपलब्‍ध कराती है. एक तरफ जहां सभी कंपनियां अभी बाजार मैं अपनी पैठ बनाने की जुगत में लगी हैं, गूगल भविष्य की अपनी सीढ़ी तय कर...

गूगल का पिक्सेल- 2 फोन लॉन्च हो गया है. इस फोन को खरीदने के पहले हर आदमी एक ही सवाल करेगा- 'जब उसी ऑपरेटिंग सिस्टम और वही सारे फीचर वाले फोन पिक्सेल से आधे दाम में बाजार में मौजूद हैं तो फिर कोई पिक्सेल क्यों खरीदे?' वन प्लस, नोकिया और इसेंशियल फोन जैसे विकल्पों के बाद इस साल गूगल को पिछले साल के मुकाबले ज्यादा कड़ी टक्कर मिल रही है.

अपनी महंगी कीमत को पिक्सेल किसी भी तरह से सही साबित नहीं कर पा रही. न तो इसने सैमसंग की कर्व स्क्रीन है न ही आईफोन एक्स की तरह एज टू एज डिसप्ले. फिर आखिर उन्होंने अपने फोन की कीमत इतनी ज्यादा क्यों रखी है ये बात किसी के गले नहीं उतर रही.

सैन फ्रांसिस्को में गूगल के कार्यक्रम से ये बात स्पष्ट भी हो गई थी. इस इवेंट में सैमसंग या एप्पल के इवेंट की तरह फोन की खुबियां बताने में बहुत ही कम समय दिया गया था. गूगल का ज्यादा झुकाव फोन के सॉफ्टवेयर पर था. गूगल द्वारा लॉन्च किए गए कई उत्पादों में एक चीज कॉमन थी- गूगल असिस्टेंस पर उनकी निर्भरता. ऐसा लग रहा था मानो हर जगह से गूगल असिस्टेंस को ही लॉन्च किया जा रहा हो.

गूगल भविष्य की तरफ देख रही है

स्मार्टफोन के बाद अब अगली बड़ी चीज है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI). स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने के लिए इसे अपने साथ रखना पड़ता है लेकिन AI अपनी सर्विस देने के लिए किसी भी माध्यम का प्रयोग कर सकता है. साफ है कि गूगल का मकसद यही है. इस तरह के नए इनोवेशन दूसरे फोन निर्माताओं को पीछे छोड़ देते हैं.

गूगल उन कुछ कंपनियों में से एक है जिनके पास बेशुमार डेटा उपलब्ध है. डेटा का महासागर. और यह ताकत गूगल को एक मजबूत AI के लिए आधार उपलब्‍ध कराती है. एक तरफ जहां सभी कंपनियां अभी बाजार मैं अपनी पैठ बनाने की जुगत में लगी हैं, गूगल भविष्य की अपनी सीढ़ी तय कर रहा है और बाजार पर छा जाने की तैयारी कर रहा है.

उदाहरण के लिए, गूगल पिक्सेलबड्स देखने में तो किसी भी आम वायरलेस हेडफ़ोन की तरह है. लेकिन इसके बड में AI के इस्तेमाल ने इसे एक रियल टाइम ट्रांसलेटर बना दिया है. ये एक ऐसी चीज जो आज भी सिर्फ जेम्स बॉन्ड की फिल्मों में दिखाई देती है. हालांकि अभी ये बड सिर्फ पिक्सेल फोन में साथ ही मिलेंगे.

Google I/O 2017 में गूगल लेंस की घोषणा की गई थी. पिक्सेल ईवेंट में कंपनी ने इसके ग्रोथ को दिखाया और इसके संभावित प्रयोगों के बारे में जानकारी दी. जैसे-  गूगल लेंस किसी फोटो को डिटेक्ट करने के लिए AI का इस्तेमाल करता है और फिर उसके बारे में सारी जानकारी मुहैया करा देता है. उदाहरण के लिए किसी राउटर के स्टीकर को आप स्कैन कर सकते हैं और फिर अपने घर के वाई-फाई से उसे सीधा जोड़ सकते हैं. किसी किताब को स्कैन करते ही उसका रिव्यू और स्टोर्स के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

गूगल असिस्टेंस माइक्रोफोन का इस्तेमाल करता जो किसी भी सक्रिय शब्द को पकड़ लेता है. कंपनी ने इसमें अब AI फीचर भी जोड़ दिया है. अगर आपका फोन किसी गाने को डिटेक्ट करता है तो वो अपनेआप ही गाने का नाम स्क्रीन पर दिखाने लगेगा. साथ ही इसको स्ट्रीम करने या डाउनलोड करने के लिए लिंक भी मुहैया करा देगा. गूगल होम सीरीज सामान्य घरों को अब स्मार्ट घर में बदल देगा. साथ ही दखलअंदाजी भी नहीं होगी. ये डिवाइस वॉइस को और प्रसंग के आधार पर उसके जवाब देगी. उसका ब्रॉडकास्ट मोड हर गूगल होम डिवाइस पर मैसेज भेज देगा.

हालांकि ये सारी सुविधाएं और फीचर अभी दूर की बात हैं. लेकिन AI समय के साथ बेहतर होता जाएगा इसमें कोई शक नहीं. और गूगल अपना बेस बढ़ाकर इस बात को सुनिश्चित कर रहा है. अब ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि इस सेक्टर के दूसरे खिलाड़ी गूगल के इस आविष्कार को कैसे टक्कर देते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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