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PUBG की तरह दिखने वाला BGMI क्यों हुआ 'गायब'? जानिए वजह

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 31 जुलाई, 2022 03:28 PM
  • 31 जुलाई, 2022 03:28 PM
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PUBG Mobile पर बैन के लंबे समय बाद क्राफ्टन ने इसका रिब्रांडेड वर्जन बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) लॉन्च किया था. लेकिन, लॉन्चिंग के समय से ही यह भारत सरकार के रडार पर था. दरअसल, बच्चों पर इस गेम के कई खतरनाक साइड इफेक्ट (Side Effects) सामने आए हैं.

बीते कुछ दिनों में BGMI यानी बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया के गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर से गायब होने की खबर सुर्खियों में छाई हुई है. साउथ कोरिया के गेम डेवलपर क्राफ्टन (Krafton) की ओर से बीजीएमआई को हटाए जाने के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. वहीं, भारत सरकार ने भी इस पर कोई बयान जारी नही किया है. हालांकि, गूगल का कहना है कि 'बीजीएमआई गेम को भारत सरकार के आदेश पर ही हटाया गया है.' वैसे, चौंकाने वाली बात है कि क्राफ्टन का एक अन्य गेम न्यू स्टेट (New State) अभी भी गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर पर मौजूद है. जो काफी हद तक BGMI की तरह ही है. बता दें कि भारत सरकार ने इससे पहले PBG Mobile पर बैन लगा दिया था. और, लंबे इंतजार के बाद गेम डेवलपर क्राफ्टन ने इसका रिब्रांडेड वर्जन BGMI (बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया) लांच किया था. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर PBG की तरह दिखने वाला BGMI क्यों 'गायब' हुआ?

पब्जी मोबाइल और बीजीएमआई में मैप से लेकर वेपन्स तक में कोई अंतर नही था. केवल टेंसेंट गेम्स का नाम हटा दिया गया था.

PBG कैसे बना BGMI?

गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की खूनी झड़प के बाद भारत सरकार ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था. भारत सरकार ने इस दौरान सैकड़ों चीनी मोबाइल एप्स पर बैन लगाया था. चीनी सॉफ्टवेयर और गेम कंपनियों पर बैन लगाने के दौरान सबसे ज्यादा सुर्खियां PBG Mobile ने बटोरी थीं. क्योंकि, पब्जी मोबाइल नाम का ये बैटल रॉयल गेम भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था. हालांकि, यह गेम साउथ कोरियाई डेवलपर कंपनी क्राफ्टन का ही था. लेकिन, इसमें चीनी कंपनी टेंसेंट गेम्स की भी साझेदारी थी. जिसके चलते यूजर्स के डाटा का इस्तेमाल गलत तरीके से करने की आशंकाओं के बीच...

बीते कुछ दिनों में BGMI यानी बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया के गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर से गायब होने की खबर सुर्खियों में छाई हुई है. साउथ कोरिया के गेम डेवलपर क्राफ्टन (Krafton) की ओर से बीजीएमआई को हटाए जाने के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. वहीं, भारत सरकार ने भी इस पर कोई बयान जारी नही किया है. हालांकि, गूगल का कहना है कि 'बीजीएमआई गेम को भारत सरकार के आदेश पर ही हटाया गया है.' वैसे, चौंकाने वाली बात है कि क्राफ्टन का एक अन्य गेम न्यू स्टेट (New State) अभी भी गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर पर मौजूद है. जो काफी हद तक BGMI की तरह ही है. बता दें कि भारत सरकार ने इससे पहले PBG Mobile पर बैन लगा दिया था. और, लंबे इंतजार के बाद गेम डेवलपर क्राफ्टन ने इसका रिब्रांडेड वर्जन BGMI (बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया) लांच किया था. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर PBG की तरह दिखने वाला BGMI क्यों 'गायब' हुआ?

पब्जी मोबाइल और बीजीएमआई में मैप से लेकर वेपन्स तक में कोई अंतर नही था. केवल टेंसेंट गेम्स का नाम हटा दिया गया था.

PBG कैसे बना BGMI?

गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की खूनी झड़प के बाद भारत सरकार ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था. भारत सरकार ने इस दौरान सैकड़ों चीनी मोबाइल एप्स पर बैन लगाया था. चीनी सॉफ्टवेयर और गेम कंपनियों पर बैन लगाने के दौरान सबसे ज्यादा सुर्खियां PBG Mobile ने बटोरी थीं. क्योंकि, पब्जी मोबाइल नाम का ये बैटल रॉयल गेम भारत में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था. हालांकि, यह गेम साउथ कोरियाई डेवलपर कंपनी क्राफ्टन का ही था. लेकिन, इसमें चीनी कंपनी टेंसेंट गेम्स की भी साझेदारी थी. जिसके चलते यूजर्स के डाटा का इस्तेमाल गलत तरीके से करने की आशंकाओं के बीच पब्जी पर बैन लगा दिया गया था.

पब्जी मोबाइल पर लगे बैन ने क्राफ्टन को एक बड़ा झटका दिया था. क्योंकि, भारत उसके गेम्स का सबसे बड़ा बाजार था. पब्जी पर बैन लगने के बाद क्राफ्टन ने टेंसेंट गेम्स से खुद को अलग कर लिया था. और, करीब एक साल पहले पब्जी को बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (बीजीएमआई) के नये नाम के साथ लॉन्च किया था. वैसे, क्राफ्टन ने टेंसेंट से अलग होने की बात कही थी. लेकिन, पब्जी और बीजीएमआई में किसी भी तरह का अंतर नजर नहीं आता था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो क्राफ्टन ने गेम की शुरुआत में आने वाला टेंसेंट गेम्स का नाम ही हटाया था. बाकी बैटल रॉयल गेम में मैप से लेकर सभी चीजें पब्जी की तरह ही थीं.

बच्चों में नजर आ रहे हैं साइड इफेक्ट

बीते महीने ही उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 16 के बच्चे ने अपनी मां की हत्या कर दी थी. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि बच्चे ने पब्जी का रिब्रांडेड वर्जन बीजीएमआई खेलने से बार-बार टोके जाने पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. दरअसल, PBG और BGMI जैसे गेम्स का बच्चों पर सबसे ज्यादा साइड इफेक्ट पड़ता है. ये गेम्स बच्चे के शारीरिक-मानसिक विकास पर बुरा असर डालते हैं. और, इससे बच्चों में हिंसक भावना भी पैदा होती है. वैसे, लखनऊ का मामला इकलौता नहीं है. इससे पहले राजस्थान के नागौर में भी एक नाबालिग ने अपने चचेरे भाई की हत्या कर दी थी. और, ऐसे दर्जनों मामले अब तक सामने आ चुके हैं.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह के ऑनलाइन गेम्स हर उम्र के लोगों में लत यानी एडिक्शन को बढ़ावा देते हैं. और, एक बार लत लग जाने के बाद दिमाग पर गेम का गलत प्रभाव पड़ता है. जो उन्हें धीरे-धीरे हिंसक बना देता है. बीजीएमआई जैसे गेम्स में यूजर्स को सामने वाले को मारकर गेम जीतने का टास्क मिलता है. बच्चे और बड़े यहां अपने टारगेट को पाने के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं. यही उकसावा गेम खेलते समय चीखने-चिल्लाने के तौर पर महसूस किया जा सकता है.

क्या न्यू स्टेट और फ्री फायर मैक्स पर भी लगेगा बैन?

क्राफ्टन का एक और गेम न्यू स्टेट और भारत में बैन हो चुका फ्री फायर गेम का मैक्स वर्जन भी गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर पर मौजूद है. बता दें कि न्यू स्टेट के लॉन्च के समय इसके नाम के साथ PBG जुड़ा हुआ था. लेकिन, बाद में इसे हटा दिया गया था. इसी गरेना फ्री फायर गेम पर भी भारत सरकार ने बैन लगा दिया है. लेकिन, गरेना का फ्री फायर मैक्स धड़ल्ले से चल रहा है. आशंका जताई जा रही है कि इन पर भी कार्रवाई हो सकती है. हालांकि, संभावना यही नजर आ रही है कि इन गेम्स को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए असुरक्षित घोषित किया जा सकता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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