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स्मार्टफोन और टीवी की दुनिया पर अब काल बनकर आ रहा है फेसबुक !

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 30 अप्रिल, 2017 09:09 PM
  • 30 अप्रिल, 2017 09:09 PM
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फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने सालाना F8 डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस में ऐसे-ऐसे एलान किए हैं जिससे लग रहा है कि फेसबुक अब स्मार्टफोन और टीवी की दुनिया पर काल बनकर आ रहा है...

कभी एचडी टीवी तो कभी स्मार्टफोन... हर तरह से दुनिया हाईटेक हो रही है. अब फेसबुक ऐसा करने जा रहा है जिससे आने वाले समय में लोगों को स्मार्टफोन या टीवी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. जी हां, यानी इस चीज से आप टीवी और स्मार्टफोन सब को त्याग देंगे. फेसबुक का ऑगमेंटेड रियलिटी यानी एआर प्लेटफॉर्म से आप कुछ भी देख सकते हैं और एन्जॉय भी कर सकते हैं.

जहां गूगल और एप्पल कई सालों से ऑगमेंटेड रियलिटी को दुनिया के सामने पेश करने के लिए महनत कर रहे हैं वहां फेसबुक भी इस लड़ाई में उतर गया है. नई दुनिया और नई बहस को जन्म देता नजर आ रहा है.

क्या है ऑगमेंटेड रियलिटी ?

ऑगमेंटेड रियलिटी मतलब, इस गेम में दिए गए वर्चुअल कैरेक्टर आपको मोबाइल के जरिए असली दुनिया में नजर आएंगे. उदाहरण के तौर स्मार्टफोन के जरिए आपको अपनी टेबल पर ही पोकेमॉन बैठा हुआ दिखाई देगा.

आज के समय में ऑगमेंटेड रियलिटी का प्रयोग डिजिटल गेमिंग, शिक्षा, सैन्य प्रशिक्षण, इंजीनियरिंग डिजाइन, रोबोटिक्स, शॉपिंग और चिकित्सा के क्षेत्र में किया जा रहा है. लेकिन फेसबुक अब इसको लोगों की जिंदगी से जोड़ने का काम कर रहा है.

‘एआर’ और ‘वीआर’ पर फेसबुक का जोर

फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने सालाना F8 डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बात की जानकारी दी है कि वो आने वाले दिनों में ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी यानी एआर और वीआर का इस्तेमाल बढ़ाने वाले हैं. कंपनी के डेवलपर फेसबुक के लिए नए ऑगमेंटेड कैमरा इफेक्ट्स तैयार कर रहे हैं. इसके बाद जल्द ही फेसबुक कैमरा ऐप में एआर इफेक्ट वाले...

कभी एचडी टीवी तो कभी स्मार्टफोन... हर तरह से दुनिया हाईटेक हो रही है. अब फेसबुक ऐसा करने जा रहा है जिससे आने वाले समय में लोगों को स्मार्टफोन या टीवी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. जी हां, यानी इस चीज से आप टीवी और स्मार्टफोन सब को त्याग देंगे. फेसबुक का ऑगमेंटेड रियलिटी यानी एआर प्लेटफॉर्म से आप कुछ भी देख सकते हैं और एन्जॉय भी कर सकते हैं.

जहां गूगल और एप्पल कई सालों से ऑगमेंटेड रियलिटी को दुनिया के सामने पेश करने के लिए महनत कर रहे हैं वहां फेसबुक भी इस लड़ाई में उतर गया है. नई दुनिया और नई बहस को जन्म देता नजर आ रहा है.

क्या है ऑगमेंटेड रियलिटी ?

ऑगमेंटेड रियलिटी मतलब, इस गेम में दिए गए वर्चुअल कैरेक्टर आपको मोबाइल के जरिए असली दुनिया में नजर आएंगे. उदाहरण के तौर स्मार्टफोन के जरिए आपको अपनी टेबल पर ही पोकेमॉन बैठा हुआ दिखाई देगा.

आज के समय में ऑगमेंटेड रियलिटी का प्रयोग डिजिटल गेमिंग, शिक्षा, सैन्य प्रशिक्षण, इंजीनियरिंग डिजाइन, रोबोटिक्स, शॉपिंग और चिकित्सा के क्षेत्र में किया जा रहा है. लेकिन फेसबुक अब इसको लोगों की जिंदगी से जोड़ने का काम कर रहा है.

‘एआर’ और ‘वीआर’ पर फेसबुक का जोर

फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने सालाना F8 डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बात की जानकारी दी है कि वो आने वाले दिनों में ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी यानी एआर और वीआर का इस्तेमाल बढ़ाने वाले हैं. कंपनी के डेवलपर फेसबुक के लिए नए ऑगमेंटेड कैमरा इफेक्ट्स तैयार कर रहे हैं. इसके बाद जल्द ही फेसबुक कैमरा ऐप में एआर इफेक्ट वाले मास्क और फ्रेम भी देखने को मिलेंगे.

कंपनी ने न्यूयॉर्क में जैसा डेमो पेश किया है, उसके हिसाब से ये मास्क और इफेक्ट कैमरे की फोकस वाले जगह पर आसानी से मूव और एडजस्ट हो पाएंगे. वैसे स्नैपचैट में अभी इस तरह की फेसिलिटी मिलती है, लेकिन फेसबुक का दावा है कि उसके कैमरा ऐप में एआर इफेक्ट वाले हजारों मास्क और फ्रेम होंगे.

और भी कुछ करने जा रहा है फेसबुक

सीईओ मार्क जकरबर्ग और एग्जीक्यूटिव टीम ने डेवलपर्स को ध्यान में रखते हुए कई अनाउंसमेंट किए हैं जो टेक्नलॉजी की दुनिया को अलग लेवल पर ले जाएगा..

सोशल वर्चुअल रियलटी : फेसबुक आपकी सोशल लाइफ को वर्चुअल रियलटी में कन्वर्ट कर देगा. वर्चुअल रियलटी ऐप के जरिए आप स्मार्टफोन में ही अपने दोस्तों के साथ हैंग आउट कर सकेंगे. इस वर्चुअल वर्ल्ड में आप जो भी करेंगे, उसे बाद में भी देख सकेंगे.

मैसेंजर में म्यूजिक और गेम्स : फेसबुक अपने मैसेंजर में हर दिन बड़े बदलाव कर रहा है. जल्दी ही इस पर गेम्स खेले जा सकेंगे और म्यूजिक भी अवेलेबल होगा. म्यूजिक के लिए फिलहाल फेसबुक Spotify से कनेक्टेड है, लेकिन जल्द ही इसे एप्पल म्यूजिक से इन्टीग्रेट किया जाएगा.

मैसेंजर बोट्स : यह मैसेंजर का फ्यूचर है. मान लीजिए आप मैसेंजर पर दोस्तों के साथ चैट कर रहे हैं और कोई आपको थाई फूड सजेस्ट करता है. यह टेक्नोलॉजी मैसेंजर में ही आपके फेवरेट रेस्टोरेंट का पॉपअप शो करेगा. कार्ट में पसंदीदा फूड आइटम्स एड करने से लेकर मोबाइल पेमेंट तक, सब इस टेक्नोलॉजी के जरिए हो जाएगा.

कुल मिलाकर फेसबुक पर सीधे-सीधे एप्पल और गूगल को टक्कर देने की तैयारी कर रहा है. फेसबुक के इन नए फीचर्स को देखकर लगता है कि वो लोगों की दुनिया को अलग बनाने की सोच रहे हैं, जो नई दुनिया और नई बहस को जन्म देता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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