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टेक्नोलॉजी

2017 में इस टेक्नोलॉजी पर रहेगी नजर...

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 30 दिसम्बर, 2016 12:13 PM
  • 30 दिसम्बर, 2016 12:13 PM
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2016 तो बीत गया, लेकिन 2017 का क्या? क्या बदलेगा तकनीकी दुनिया में? सिर्फ सैमसंग गैलेक्सी S8 या आईफोन 8 जैसे स्मार्टफोन्स के नाम नहीं होगा ये साल. 2017 में ये सभी नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

साल 2016 तकनीक और उसके विवादों के नाम रहा. जहां गिरने वाले ड्रोन और जलने वाले फोन दोनों ही चर्चा में रहे. एक ओर एपल ने FBI से टक्कर ली तो दूसरी ओर बिना हेडफोन जैक के आईफोन निकाला. ये वो साल था जनाब जब 251 रु. के फोन से भारत हिल गया था और पोकीमॉन गो ने दुनिया को हिला दिया था. कुल मिलाकर तकनीक इस साल महज स्मार्टफोन तक सीमित नहीं रही. वो बढ़कर वर्चुअल रिएलिटी और धीमी गती से तरक्की करने वाले गूगल ऐलो तक आ पहुंची. साथ ही, इंडिया कैशलेस भी होने लगा.

ये भी पढ़ें- इंटरनेट पर अनजाने में भी ना करना ये काम वरना हो सकती है जेल

2016 तो बीत गया, लेकिन 2017 का क्या? 2016 में जिन बातों की उम्मीदें थीं वो नहीं हुईं, लेकिन जो उम्मीद से परे था वो सामने आया. 2017 में भी कुछ ऐसा हो सकता है. सैमसंग गैलेक्सी S8, आईफोन 7S या 8, स्मार्ट होम डिवाइसेस 2017 में आएंगे ही, लेकिन अगर सिर्फ तकनीक की बात करें तो क्या नया होगा. चलिए देखते हैं 2017 के कुछ टेक्नोलॉजी ट्रेंड्स-

1. ड्राइवरलेस कार और टैक्सी-

2016 में ड्राइवरलेस कारों ने काफी तरक्की कर ली है, लेकिन 2017 में ये आम जन तक पहुंच सकती हैं. टेस्ला और फोर्ड जैसी कंपनियों ने अपनी ड्राइवरलेस कार लॉन्च कर दी हैं. उबर ने तो ड्राइवरलेस कारों का अपना पहला लॉट सेन फ्रांसिस्को में चलाना शुरू कर दिया है. एपल और गूगल की ड्राइवरलेस कारों का तो पता नहीं, लेकिन बाकी कंपनियों की कारें जरूर लोगों तक अपनी जगह बना रही हैं.

 ड्राइवरलेस कार को...

साल 2016 तकनीक और उसके विवादों के नाम रहा. जहां गिरने वाले ड्रोन और जलने वाले फोन दोनों ही चर्चा में रहे. एक ओर एपल ने FBI से टक्कर ली तो दूसरी ओर बिना हेडफोन जैक के आईफोन निकाला. ये वो साल था जनाब जब 251 रु. के फोन से भारत हिल गया था और पोकीमॉन गो ने दुनिया को हिला दिया था. कुल मिलाकर तकनीक इस साल महज स्मार्टफोन तक सीमित नहीं रही. वो बढ़कर वर्चुअल रिएलिटी और धीमी गती से तरक्की करने वाले गूगल ऐलो तक आ पहुंची. साथ ही, इंडिया कैशलेस भी होने लगा.

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2016 तो बीत गया, लेकिन 2017 का क्या? 2016 में जिन बातों की उम्मीदें थीं वो नहीं हुईं, लेकिन जो उम्मीद से परे था वो सामने आया. 2017 में भी कुछ ऐसा हो सकता है. सैमसंग गैलेक्सी S8, आईफोन 7S या 8, स्मार्ट होम डिवाइसेस 2017 में आएंगे ही, लेकिन अगर सिर्फ तकनीक की बात करें तो क्या नया होगा. चलिए देखते हैं 2017 के कुछ टेक्नोलॉजी ट्रेंड्स-

1. ड्राइवरलेस कार और टैक्सी-

2016 में ड्राइवरलेस कारों ने काफी तरक्की कर ली है, लेकिन 2017 में ये आम जन तक पहुंच सकती हैं. टेस्ला और फोर्ड जैसी कंपनियों ने अपनी ड्राइवरलेस कार लॉन्च कर दी हैं. उबर ने तो ड्राइवरलेस कारों का अपना पहला लॉट सेन फ्रांसिस्को में चलाना शुरू कर दिया है. एपल और गूगल की ड्राइवरलेस कारों का तो पता नहीं, लेकिन बाकी कंपनियों की कारें जरूर लोगों तक अपनी जगह बना रही हैं.

 ड्राइवरलेस कार को भारत आने में अभी समय लग सकता है, लेकिन 2017 में बेशक इनकी तरक्की पक्की है

2. बिग डेटा-

इस टर्म को आसान भाषा में समझाऊं तो ये एक ऐसा डेटाबेस होता है जो एक्युरेट रिजल्ट के लिए जाना जाता है. ये वो डेटाबेस है जो खुद अपडेट होगा, ये बहुत ही बड़ी मात्रा में होता है और डेटा प्रोसेसिंग के हालिया टूल्स इसके लिए थोड़ छोटे साबित होते हैं. इसका एक छोटा सा उदाहरण होगा फेसबुक का फेक न्यूज टूल. फेसबुक पर काफी जानकारी प्रोसेस होती है और फेसबुक टीम के हालिया बयान में ये बात कही गई है कि फेक न्यूज से डील करने की तकनीक पर काम किया जाएगा. आपको बता दूं कि इस साल खुद मार्क जकरबर्ग की मौत की खबर फेसबुक पर वायरल हो रही थी.

 क्या फेसबुक में बन पाएगा फेक न्यूज फिल्टर?

3. ऑगमेंटेड रिएलिटी-

टिम कुक ने तो इस साल अक्टूबर में घोषणा कर ही दी थी कि अब एपल ऑगमेंटेड रिएलिटी की ओर बढ़ रहा है. 2017 को हम ऑगमेंटेड रिएलिटी का साल मान सकते हैं. जिन लोगों को ये टर्म नहीं पता उन्हें बता दूं की ये एक ऐसी तकनीक होती है जिसमें कम्प्यूटर से बनी हुई तस्वीर आपकी आंखों के सामने होती है. जैसे गूगल ग्लास है जो एक वर्चुअल तस्वीर लोगों की आंखों के सामने बना देता है. टिम कुक को फ्यूचर इसमें ही दिखता है और उनके हिसाब से कुछ समय में ऑगमेंटेड रिएलिटी अपना सही आकार ले लेगी. वैसे ये माना जा सकता है. जहां 2016 में वर्चुअल रिएलिटी ने अपनी पैठ जमाई है वहीं, 2017 में ऑगमेंटेड रिएलिटी आगे बढ़ सकती है. कुल मिलाकर लोगों को नए हाईटेक गैजेट्स देखने को मिलेंगे और सबसे पहले नजर रहेगी MWC 2017 (मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2017) पर.

 वर्चुअल रिएलिटी के बाद अब ऑगमेंटेड रिएलिटी पर जाएगी बात

4. बैटरी-

2016 ने दिखा दिया कि कंपनियों को स्मार्टफोन बैटरी बनाते समय कितना सावधान रहने की जरूरत है. ऐसे में एक अमेरिकी टेक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक लीथियम-आयॉन (स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाली बैटरी) बैटरी को और सुरक्षित बनाने के लिए टेस्टिंग की जा रही है. ऐसे में क्या 2017 के स्मार्टफोन्स यकीनन 2016 से ज्यादा सुरक्षित होंगे.

ये भी पढ़ें- नोटबंदी के बाद चोरी भी होगी डिजिटल

5. सेहत भी होगी डिजिटल-

हम एपल हेल्थकिट या गूगल हेल्थ एप्स की बात नहीं कर रहे हैं. यहां बात हो रही है हाईटेक हेल्थ गैजेट्स की. जहां  2016 में लोगों का ध्यान फिटनेस बैंड और कैलोरी काउंटर की तरफ बढ़ा है वहीं अब 2017 में स्मार्ट हेल्थ गैजेट्स जोर पर रहेंगे. वायरलेस ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम, प्रोस्टेटिक अंगों से लेकर लिफ्टवेयर स्मार्ट स्पून (पार्किन्सन जैसी बीमारी वाले मरीजों के लिए बनाया गया स्मार्ट स्पून) शामिल होंगे. स्मार्ट जूते, मोजे, ग्लव्ज जो बाजार में आ तो गए हैं, लेकिन अभी लोगों के बीच उतने लोकप्रिय नहीं हुए अपनी जगह बनाएंगे. वर्चुअल रिएलिटी भी 2017 में हेल्थ सेक्टर में काफी मदद करेगी.

 नए हेल्थ गैजेट्स का होगा आगाज

6. सिक्योरिटी और सिस्टम-

2016 में 32 लाख क्रेडिट और डेबिट कार्ड होल्डर की जानकारी लीक हुई थी ऐसे में 2017 को ज्यादा सुरक्षित माना जा सकता है. फिंगरप्रिंट टेक्नोलॉजी स्मार्टफोन्स तक तो पहुंच चुकी है, लेकिन अब बायोमेट्रिक लॉक ज्यादा आगे बढ़ेंगे. सिक्योरिटी के नजरिए से आने वाला साल बहुत अच्छा माना जा सकता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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