• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
टेक्नोलॉजी

Lander Vikram से संपर्क के आगे ISRO के लिए जहां और भी है

    • विकास कुमार
    • Updated: 12 सितम्बर, 2019 08:08 PM
  • 12 सितम्बर, 2019 08:05 PM
offline
Chandrayaan-2 मिशन भले ही पूरी तरह सफल नहीं हो पाया हो, पर इसरो अगले कुछ सालों में ऐसे कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने वाला है, जो अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की धाक जमाने वाली है.

Chandrayaan-2 के Lander Vikram की चुप्‍पी तोड़ने की कोशिश पांचवें दिन भी जारी रही. ISRO के प्रयासों में NASA ने भी हाथ बंटाया. अपने हाई फ्रीक्‍वेंसी एंटीना के जरिए नासा ने लैंडर विक्रम तक संदेश पहुंचाने की कोशिश की. न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने रिपोर्ट किया कि नासा के जरिए 'हैलो विक्रम' का संदेश चंद्रमा तक पहुंचाया गया है. नासा जल्‍द ही इसरो को चंद्रमा की उस लोकेशन की तस्‍वीरें भी मुहैया कराने की बात कर रहा है, जहां लैंडर विक्रम गिरा हुआ है. इन तस्‍वीरों में से कुछ तस्‍वीरें लैंडिंग से पहले की होंगी, जबकि कुछ लैंडिंग के बाद की. इन तस्‍वीरों के अंतर से भी पता लगाने की कोशिश होगी कि लैंडर विक्रम किसी गति से चंद्रमा की सतह पर पहुंचा.

बहरहाल, Chandrayaan-2 मिशन भले ही पूरी तरह सफल नहीं हो पाया हो, पर इसरो अगले कुछ सालों में ऐसे कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने वाला है, जो अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की धाक जमाने वाली है. इन्हीं मिशन में से है, मिशन गगनयान, मिशन शुक्रयान, मिशन चंद्रयान-3 और मिशन सूर्य. ये सब ऐसे मिशन हैं जो चंद्रयान-2 से भी काफी ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं. आइये जानते हैं क्या है इसरो के आगे का मिशन.

मिशन गगनयान

मिशन गगनयान का मकसद 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा एक भारतीय चालक दल के साथ अंतरिक्ष यान को लॉन्च करना है. गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्षयान कार्यक्रम है. इसकी घोषणा पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इसमें तीन-सदस्यीय चालक दल को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके लिए भारतीय वायुसेना की मदद से पायलटों के चयन का पहला चरण पूरा हो गया है. जिसकी घोषणा भारतीय वायुसेना ने की.

वायुसेना के मुताबिक दस पायलटों का मेडिकल टेस्ट किया गया. इन पायलटों के बैच में से 3-3 पायलटों का एक सेट तैयार किया जाएगा और अंत में मेडिकल जांच और अन्य कसौटियों पर खड़े उतरने वाले तीन पायलटों का चयन मिशन के...

Chandrayaan-2 के Lander Vikram की चुप्‍पी तोड़ने की कोशिश पांचवें दिन भी जारी रही. ISRO के प्रयासों में NASA ने भी हाथ बंटाया. अपने हाई फ्रीक्‍वेंसी एंटीना के जरिए नासा ने लैंडर विक्रम तक संदेश पहुंचाने की कोशिश की. न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने रिपोर्ट किया कि नासा के जरिए 'हैलो विक्रम' का संदेश चंद्रमा तक पहुंचाया गया है. नासा जल्‍द ही इसरो को चंद्रमा की उस लोकेशन की तस्‍वीरें भी मुहैया कराने की बात कर रहा है, जहां लैंडर विक्रम गिरा हुआ है. इन तस्‍वीरों में से कुछ तस्‍वीरें लैंडिंग से पहले की होंगी, जबकि कुछ लैंडिंग के बाद की. इन तस्‍वीरों के अंतर से भी पता लगाने की कोशिश होगी कि लैंडर विक्रम किसी गति से चंद्रमा की सतह पर पहुंचा.

बहरहाल, Chandrayaan-2 मिशन भले ही पूरी तरह सफल नहीं हो पाया हो, पर इसरो अगले कुछ सालों में ऐसे कई महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने वाला है, जो अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की धाक जमाने वाली है. इन्हीं मिशन में से है, मिशन गगनयान, मिशन शुक्रयान, मिशन चंद्रयान-3 और मिशन सूर्य. ये सब ऐसे मिशन हैं जो चंद्रयान-2 से भी काफी ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं. आइये जानते हैं क्या है इसरो के आगे का मिशन.

मिशन गगनयान

मिशन गगनयान का मकसद 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा एक भारतीय चालक दल के साथ अंतरिक्ष यान को लॉन्च करना है. गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्षयान कार्यक्रम है. इसकी घोषणा पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इसमें तीन-सदस्यीय चालक दल को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके लिए भारतीय वायुसेना की मदद से पायलटों के चयन का पहला चरण पूरा हो गया है. जिसकी घोषणा भारतीय वायुसेना ने की.

वायुसेना के मुताबिक दस पायलटों का मेडिकल टेस्ट किया गया. इन पायलटों के बैच में से 3-3 पायलटों का एक सेट तैयार किया जाएगा और अंत में मेडिकल जांच और अन्य कसौटियों पर खड़े उतरने वाले तीन पायलटों का चयन मिशन के लिए किया जाएगा.

तीन-सदस्यीय चालक दल को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा

अंतरिक्ष यात्रियों को रूस देगा प्रशिक्षण

अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के लिए रूस भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देगा. इसके लिए इसरो ने रूस के अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकॉस्मोस के साथ इसी साल 2 जुलाई को एक समझौता किया था. हाल के दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत और रूस मिलकर गगनयान मिशन पर काम करेंगे. 3 भारतीय अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएंगे. रूस इस मिशन के लिए हमारे अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में जाने, रहने और काम करने के तरीकों के बारे में प्रशिक्षण देगा.

अंतरिक्ष में 7 दिन रहेंगे अंतरिक्ष यात्री

तीनों अंतरिक्ष यात्री कम से कम सात दिन अंतरिक्ष में गुजारेंगे. और वहां रिसर्च करेंगे. इस यान को जीएसएलवी मैक-3 से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. अंतरिक्षयान को पृथ्वी की निचली कक्षा में रखा जाएगा. इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा कि इसरो दी गई समय सीमा में मिशन को पूरा करने में सक्षम है.

गगनयान पर 10000 करोड़ का आएगा खर्च

गगनयान मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल लालकिले से स्वतंत्रता दिवस पर की थी. मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इसे संभवत: दिसम्बर 2021 में लॉन्च किया जाएगा. इसके लिए पिछले साल ही यूनियन कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी थी.

मिशन को पूरा करने वाला चौथा देश होगा भारत

अगर भारत अपने मिशन में कामयाब होता है तो ऐसा करने वाला वह दुनिया का चौथा देश होगा. अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही अंतरिक्ष में अपना मानवयुक्त यान भेजने में सफलता हासिल की है.

चंद्रयान-3

चंद्रयान-2 पूरी तरह सफल नहीं हो सका, पर तीसरा चंद्र मिशन 2020 के अंत तक पूरा होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि तीसरे मून मिशन में भारतीय रोबोट को चांद की सतह पर उतारेगा. जो वहां जाकर विभिन्न प्रकार के जांच करेगा. एक इंटरव्यू में इसरो चीफ डॉ. के सिवन ने कहा था कि चंद्रमा पर चंद्रयान-2 के बाद हम एक और यान भेजेंगे.

ISRO के आने वाले मिशन दुनिया में अंतरिक्ष विज्ञान में क्रांति लाने वाले होंगे

मिशन सूर्य

इसके अतिरिक्त भी इसरो मिशन शुक्रयान और मिशन सूर्य (आदित्य) पर भी काम कर रहा है सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो गगनयान से पहले सूर्य की बाहरी परत का अध्ययन करने के लिए इसरो 2020 के मध्य तक ही ‘आदित्य-एल1’ को लॉन्च कर देगा. इसरो चीफ के. सिवन ने बताया था कि आदित्य-एल1 पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी की दूरी पर स्थित होगा. वहां से यह हमेशा सूर्य की ओर देखेगा. सूर्य की इस बाहरी परत ‘तेजोमंडल’ का विश्लेषण देगा. जिसका क्लाइमेट चेंज पर खासा प्रभाव है.

मिशन शुक्रयान

Indian Venusian orbiter MISION यानी शुक्रयान. इसरो इस मिशन को 2023 तक पूरा करने की कोशिश करेगा. इस मिशन के जरिए ISRO शुक्र के वातावरण का अध्ययन करेगा. आज तक सिर्फ चार देश अमेरिका, रूस, जापान और यूरोपियन यूनियन ही शुक्र पर सफलतापूर्वक मिशन भेज पाए हैं. शुक्रयान में 100 किलोग्राम का पेलोड हो सकता है. यह शुक्र ग्रह के चारों तरफ अंडाकार चक्कर लगाएगा. शुक्रयान शुक्र ग्रह के चारों तरफ नजदीकी 500 किमी और दूर 60 हजार किमी की कक्षा में चक्कर लगाएगा. इसमें करीब 12 यंत्र हो सकते हैं जो शुक्र ग्रह का अध्ययन करेंगे.

कई बड़े मिशन पर तैयारी जारी

इसके अलावे भी इसरो अगले 5 सालों में कई ऐसे बड़े अभियान को अंजाम देनेवाला है, जो अंतरिक्ष विज्ञान में क्रांति ला सकता है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है NASA और ISRO का संयुक्त मिशन NISAR (Nasa-Isro Synthetic Aperture Radar). जो दुनिया का सबसे महंगा सैटेलाइट होगा. इसपर करीब 10000 करोड़ का खर्च आएगा. वहीं मंगलायन-2, दो स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़ने वाला ‘मिशन स्पेडेक्स’, अंतरिक्ष में एक्स-रे का अध्ययन करने वाला ‘एक्सपोसैट’ सैटेलाइट, एक ही यान का उपयोग कई बार करने के लिए ‘AVATAR’ मिशन पर भी इसरो जोर-शोर से काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें-

लैंडर विक्रम की तस्‍वीर मिल गई, और अगली खुशखबरी कतार में है

Chandrayaan-2 की नाकामी के बीच ISRO के 5 योगदान देश नहीं भूलेगा

Chandrayaan 2 की 'नाकामी' बहुत छोटी है NASA के संघर्ष के आगे


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    मेटा का ट्विटर किलर माइक्रो ब्लॉगिंग एप 'Threads' आ गया...
  • offline
    क्या Chat GPT करोड़ों नौकरियों के लिये खतरा पैदा कर सकता है?
  • offline
    Google Bard है ही इतना भव्य ChatGPT को बुरी तरह से पिछड़ना ही था
  • offline
    संभल कर रहें, धोखे ही धोखे हैं डिजिटल वर्ल्ड में...
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲