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ये वीडियो देख लेंगे तो फिर कभी नहीं करेंगे प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 07 फरवरी, 2018 11:59 AM
  • 07 फरवरी, 2018 11:59 AM
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हम खुद ही बना रहे हैं अपनी मौत का सामान, हर व्यक्ति के सिर पर है 1088 किलोग्राम प्लास्टिक का वजन. देखिए चौंकाने वाले आंकड़े.

प्लास्टिक का इस्तेमाल खतरनाक है, ये सुनता तो हर कोई है, लेकिन मानता कोई नहीं. ये खतरनाक इसलिए है क्योंकि कहीं फेंकने पर यह सड़ता नहीं है और अगर जला दिया जाए तो हवा को प्रदूषित करता है. बावजूद इसके लोग प्लास्टिक को जहां-तहां फेंकने से बाज नहीं आते हैं. यही वजह है कि आज हर व्यक्ति के ऊपर करीब 1.2 टन (लगभग 1088 किलोग्राम) प्लास्टिक का वजन है. जरा सोचिए अगर इतना प्लास्टिक वाकई में किसी व्यक्ति के सिर पर रख दिया जाए तो क्या उसका कचूमर नहीं बन जाएगा. ये बात तो आपको मजाक लग रही होगी, लेकिन जब आंकड़े देखेंगे तो आपकी आंखें भी फटी की फटी रह जाएंगी.

9.1 अरब टन है प्लास्टिक

अमेरिका के रिसर्चर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय धरती पर करीब 9.1 अरब टन प्लास्टिक है. आपका यह जानना बेहद जरूरी है कि इस समय दुनिया की आबादी करीब 7.6 अरब है. यानी अगर देखा जाए तो हर व्यक्ति पर लगभग 1.2 टन का प्लास्टिक है. सोचने वाली बात ये है कि जो चीज इतनी खतरनाक है, उसे भी हमने इतनी अधिक मात्रा में बना लिया है. ये कहना गलत नहीं होगा कि अपनी मौत का सामान हम खुद ही बना रहे हैं.

व्हेल जैसा विशाल प्राणी भी नहीं बच सका

नॉर्वे में एक व्हेल बहुत अधिक बीमार हो गई थी, जिसकी वजह से उसे मारने का फैसला किया गया. लेकिन जब उसका पोस्टमार्टम हुआ तो उसके पेट से निकलने वाली चीज ने सभी को चौंका दिया. दरअसल, उस व्हेल के पेट में करीब 30 प्लास्टिक बैग थे, जो पेट में इकट्ठा हो गए थे. इसी की वजह से व्हेल की हालत बहुत खराब हो चुकी थी. अगर आप ये वीडियो देख लेंगे तो फिर कभी भी प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल नहीं करेंगे. महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के आनंद महिंद्रा ने खुद यह वीडियो ट्वीट किया है और लिखा है कि अब वह कभी प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल नहीं करेंगे.

Sobering video on a Sunday. I don’t think I can ever use a plastic bag again...

प्लास्टिक का इस्तेमाल खतरनाक है, ये सुनता तो हर कोई है, लेकिन मानता कोई नहीं. ये खतरनाक इसलिए है क्योंकि कहीं फेंकने पर यह सड़ता नहीं है और अगर जला दिया जाए तो हवा को प्रदूषित करता है. बावजूद इसके लोग प्लास्टिक को जहां-तहां फेंकने से बाज नहीं आते हैं. यही वजह है कि आज हर व्यक्ति के ऊपर करीब 1.2 टन (लगभग 1088 किलोग्राम) प्लास्टिक का वजन है. जरा सोचिए अगर इतना प्लास्टिक वाकई में किसी व्यक्ति के सिर पर रख दिया जाए तो क्या उसका कचूमर नहीं बन जाएगा. ये बात तो आपको मजाक लग रही होगी, लेकिन जब आंकड़े देखेंगे तो आपकी आंखें भी फटी की फटी रह जाएंगी.

9.1 अरब टन है प्लास्टिक

अमेरिका के रिसर्चर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय धरती पर करीब 9.1 अरब टन प्लास्टिक है. आपका यह जानना बेहद जरूरी है कि इस समय दुनिया की आबादी करीब 7.6 अरब है. यानी अगर देखा जाए तो हर व्यक्ति पर लगभग 1.2 टन का प्लास्टिक है. सोचने वाली बात ये है कि जो चीज इतनी खतरनाक है, उसे भी हमने इतनी अधिक मात्रा में बना लिया है. ये कहना गलत नहीं होगा कि अपनी मौत का सामान हम खुद ही बना रहे हैं.

व्हेल जैसा विशाल प्राणी भी नहीं बच सका

नॉर्वे में एक व्हेल बहुत अधिक बीमार हो गई थी, जिसकी वजह से उसे मारने का फैसला किया गया. लेकिन जब उसका पोस्टमार्टम हुआ तो उसके पेट से निकलने वाली चीज ने सभी को चौंका दिया. दरअसल, उस व्हेल के पेट में करीब 30 प्लास्टिक बैग थे, जो पेट में इकट्ठा हो गए थे. इसी की वजह से व्हेल की हालत बहुत खराब हो चुकी थी. अगर आप ये वीडियो देख लेंगे तो फिर कभी भी प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल नहीं करेंगे. महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के आनंद महिंद्रा ने खुद यह वीडियो ट्वीट किया है और लिखा है कि अब वह कभी प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल नहीं करेंगे.

Sobering video on a Sunday. I don’t think I can ever use a plastic bag again... pic.twitter.com/ntJ1l2VLSV

— anand mahindra (@anandmahindra) February 4, 2018

वैज्ञानिकों ने भी चेताया

ऑस्ट्रेलिया की मुंडोर्क यनिवर्सिटी और इटली की सिएना यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कहा है कि माइक्रोप्लास्टिक समुद्री जीवों के लिए बहुत ही हानिकारक हैं, क्योंकि इसमें हानिकारिक कैमिकल होते हैं. बंगाल की खाड़ी में इससे बहुत अधिक प्रदूषण फैल चुका है. व्हेल और शार्क जैसी बड़ी मछलियों के लिए यह बहुत बड़ा खतरा हैं.

यहां पहुंचा दुनिया का सबसे अधिक प्लास्टिक

दक्षिण पैसिफिक में स्थित हैंडरसन आइलैंड (Henderson Island) प्लास्टिक के खतरनाक होने का सबसे बड़ा उदाहरण है. यह आइलैंड न्यूजीलैंड और चिली से बराबर दूरी पर है. 2015 में इस आइलैंड पर गई ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ तस्मानिया की साइंटिस्ट Jennifer Lavers के अनुसार इस आइलैंड पर करीब 18 टन प्लास्टिक है. देखिए इस आइलैंड की कुछ तस्वीरें और इसका मैप.

आपको जानकर हैरानी होगी कि NESCO ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया है, जहां पर अभी तक इंसान नहीं पहुंच सका है. सवाल यह है कि जब वहां इंसान जाते नहीं तो इतना सारा प्लास्टिक आया कैसे? दरअसल, समुद्र के बीच में स्थित इस आइलैंड पर लहरों के साथ रोजाना करीब 3,500 प्लास्टिक की चीजें आती हैं और यहां जमा होती जाती हैं. जरा सोच कर देखिए, समुद्र में लगातार प्लास्टिक फेंकने से वह ऐसी जगह भी तबाही मचाने को तैयार है, जो जगह इंसानों से अछूती है. अगर समुद्र के बीच में स्थित एक आइलैंड का ये हाल है तो फिर शहरों में जमा प्लास्टिक से कितना प्रदूषण होता होगा, इस बारे में सिर्फ सोच कर भी डर लग जाता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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