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भारत में सबसे वीभत्स थे ये 8 विरोध प्रदर्शन...

    • आईचौक
    • Updated: 04 फरवरी, 2018 05:51 PM
  • 04 फरवरी, 2018 05:50 PM
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इतिहास में भारत में कई ऐसे विरोध प्रदर्शन हुए हैं जो यकीनन काफी बड़े स्तर पर किए गए थे. यहां तक की 1992 के दंगे भी बाबरी मस्जिद कांड के विरोध के कारण हुए थे. ये ऐसी घटनाएं हैं जहां शुरुआत में किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि ये इतना विकराल रूप ले लेंगी...

 

करणी सेना ने आखिरकार पद्मावत देखी और फिर उसका विरोध खत्म करने का फैसला ले लिया. ये करणी सेना के महाराष्ट्र लीडर योगेंद्र सिंह कटार ने एक पत्र लिखकर कहा कि वो पद्मावत का विरोध खत्म कर रहे हैं. इसपर फिर से लोकेंद्र सिंह काल्वी का कहना है कि वो ऐसा नहीं करेंगे और कटार को निकाल दिया गया है. साथ ही ये भी कहा है कि पता नहीं कितनी करणी सेना बन गई हैं. कई असली भी नहीं हैं और फेक खबरें फैला रही हैं. यानि पद्मावत का विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है.

पद्मावत का विरोध वाकई बहुत ज्यादा बढ़ गया. एक फिल्म के लिए इस तरह का विरोध शायद ही पहले भारत में हुआ हो. पद्मावत के नाम पर तो एक आदमी को मारकर जयपुर के पास नाहरगढ़ किले में लटका दिया गया था. इस मौत को पद्मावत से जोड़ने की कोशिश की गई थी.

इतिहास में भारत में कई ऐसे विरोध प्रदर्शन हुए हैं जो यकीनन काफी बड़े स्तर पर किए गए थे. यहां तक की 1992 के दंगे भी बाबरी मस्जिद कांड के विरोध के कारण हुए थे. ये ऐसी घटनाएं हैं जहां शुरुआत में किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि ये इतना विकराल रूप ले लेंगी...

1. भारतीय एंटी करप्शन मूवमेंट.. (2011)

आज के दौर में अगर कोई कहे कि उसे अन्ना हजारे याद नहीं तो सोचने वाली बात होगी. करीब 10 करोड़ लोग इस प्रदर्शन का हिस्सा बने थे. भारत स्वाभिमान आंदोलन से इसे जोड़ दिया गया था.

2. पानी में दो हफ्तों तक खड़े रहना...

मध्यप्रदेश में जल सत्याग्रह हुआ था. गोगलगांव और आस-पास के गांवों से 30 लोग पानी में जाकर खड़े हो गए थे. कारण था डैम का जलस्तर बढ़ाने का फैसला जो सरकार ने लिया था. 10 दिनों में उनमें से कई लोगों के शरीर में घातक इन्फेक्शन हो गया था.

3. तमिलनाडु के किसानों का पेशाब पीना...

सूखाग्रस्त...

 

करणी सेना ने आखिरकार पद्मावत देखी और फिर उसका विरोध खत्म करने का फैसला ले लिया. ये करणी सेना के महाराष्ट्र लीडर योगेंद्र सिंह कटार ने एक पत्र लिखकर कहा कि वो पद्मावत का विरोध खत्म कर रहे हैं. इसपर फिर से लोकेंद्र सिंह काल्वी का कहना है कि वो ऐसा नहीं करेंगे और कटार को निकाल दिया गया है. साथ ही ये भी कहा है कि पता नहीं कितनी करणी सेना बन गई हैं. कई असली भी नहीं हैं और फेक खबरें फैला रही हैं. यानि पद्मावत का विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है.

पद्मावत का विरोध वाकई बहुत ज्यादा बढ़ गया. एक फिल्म के लिए इस तरह का विरोध शायद ही पहले भारत में हुआ हो. पद्मावत के नाम पर तो एक आदमी को मारकर जयपुर के पास नाहरगढ़ किले में लटका दिया गया था. इस मौत को पद्मावत से जोड़ने की कोशिश की गई थी.

इतिहास में भारत में कई ऐसे विरोध प्रदर्शन हुए हैं जो यकीनन काफी बड़े स्तर पर किए गए थे. यहां तक की 1992 के दंगे भी बाबरी मस्जिद कांड के विरोध के कारण हुए थे. ये ऐसी घटनाएं हैं जहां शुरुआत में किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि ये इतना विकराल रूप ले लेंगी...

1. भारतीय एंटी करप्शन मूवमेंट.. (2011)

आज के दौर में अगर कोई कहे कि उसे अन्ना हजारे याद नहीं तो सोचने वाली बात होगी. करीब 10 करोड़ लोग इस प्रदर्शन का हिस्सा बने थे. भारत स्वाभिमान आंदोलन से इसे जोड़ दिया गया था.

2. पानी में दो हफ्तों तक खड़े रहना...

मध्यप्रदेश में जल सत्याग्रह हुआ था. गोगलगांव और आस-पास के गांवों से 30 लोग पानी में जाकर खड़े हो गए थे. कारण था डैम का जलस्तर बढ़ाने का फैसला जो सरकार ने लिया था. 10 दिनों में उनमें से कई लोगों के शरीर में घातक इन्फेक्शन हो गया था.

3. तमिलनाडु के किसानों का पेशाब पीना...

सूखाग्रस्त तमिलनाडु के किसान अपने खुद के मल-मूत्र का सेवन कर सरकार का ध्यान खींच रहे थे. उन्होंने अपने साथियों के नरमुंड भी दिखाए जो आत्महत्या कर चुके थे. उन्होंने चूहे भी खाए. ये विरोध प्रदर्शन दिल्ली की गरमी में हुआ था.

4. मनिपुर की महिलाओं का विरोध...

14 साल पहले भारतीय आर्मी के खिलाफ मनिपुर की महिलाओं ने विरोध किया था जहां वो नग्न अवस्था में सड़क पर उतरीं थीं. उनके बैनर में लिखा था INDIAN ARMY RAPE S . ये विरोध 32 साल की थांगजाम मनोरमा के वीभत्स रेप और हत्या के खिलाफ था.

मुंबई में भी एक ऐसा प्रदर्शन देवदासियों ने किया था. ये प्रदर्शन पेंशन स्कीम के लिए था और ये 2010 में हुआ था.

5. BH का विरोध प्रदर्शन..

जब सेक्शुअल हैरेस्मेंट के खिलाफ BH की छात्राओं ने ये कदम उठाया था. कई वीडियो भी वायरल हुए थे जिसमें पुलिसवाले लड़कियों को लाठियों से पीट रहे थे.

6. बेंगलुरु मास मोलेस्टेशन के खिलाफ विरोध...

2017 न्यू इयर ईव पर बेंगलुरु में हुए मास मोलेस्टेशन के विरोध में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकता में महिलाएं सड़कों पर उतर आई थीं. उस समय हैशटैग #Iwillgoout भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा था.

7. कश्मीर का विरोध...

2010 में हजारों कश्मीरी सड़क पर उतर आए थे. वो भारतीय सेना का विरोध कर रहे थे. उनके हिसाब से सेना बल ने मासूम कश्मीरियों को मारा था. ये विरोध इतना बढ़ गया था कि सेना को पेलेट गन, टियर गैस से लेकर गोलियां तक चलानी पड़ी थीं जिसमें कई लोगों की जान गई थी.

वैसे तो हिंदुस्तान में हर हफ्ते कहीं न कहीं विरोध प्रदर्शन होता रहता है, लेकिन ये कुछ ऐसे थे जो इतिहास का हिस्सा बन गए थे.

8. महाराष्ट्र दलित विरोध..

ये विरोध इतना भयानक था कि तीन ट्रेनों को आग लगा दी गई थी. नहीं ये हाल ही में हुई दलित हिंसा नहीं बल्कि उससे काफी ज्यादा था. इसके विरोध में लगभग 100 बसें जला दी गई थी. 28 नवंबर 2006 को इस आंदोलन से हिंसक रूप ले लिया था. ये आंदोलन चार दलितों की मौत के खिलाफ था जिन्हें कुनबियों ने मारा था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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