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वो खुराक जो वजन और बीमारियों दोनों को काबू में रखती है

    • कविता देवगन
    • Updated: 08 जुलाई, 2018 07:19 PM
  • 08 जुलाई, 2018 07:19 PM
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सही खान पान हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. सही खानपान का कोई विकल्प नहीं है. वैसे अब तक आपको इतना तो पता ही होगा कि विटामिन सी हमारे इम्यून सिस्टम को बनाने के लिए बहुत ही अच्छा सोर्स है. लेकिन और भी कई खाद्य वस्तुएं हैं जो हमें फायदा पहुंचा सकते हैं.

कुछ लोग होते हैं जिनकी तबियत खराब होने के लिए किसी मौसम का इंतजार नहीं करना होता. किसी दोस्त से आपने हाथ मिलाया जिसे ज़ुकाम है और अगले दिन आप छींके मारने लगे. किसी मॉल में घूम रहे और दूर कोने में एक खड़े एक इंसान से आपको वायरस जकड़ लेता है. इसका मतलब क्या है? मतलब साफ है कि आपकी रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम कमजोर है! और ये हमारा इम्यून सिस्टम ही है जो ये तय करता है कि कौन बीमार होगा और कौन नहीं.

दुर्भाग्यवश बारिश का मौसम ऐसा मौसम है जब लोग सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. इस मौसम में उमस भरी गर्मी बीमारी के लिए सबसे अधिक उपजाऊ होती है. तो फिर आखिर इम्यूनिटी है क्या? आप इसे न तो देख सकते हैं और न ही महसूस कर सकते हैं. लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम भी चुपचाप आपके शरीर में पेट्रोलिंग करता रहता है ताकि बीमार करने वाले विषाणुओं से आपका बचाव कर सकें.

संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे

सीधे शब्दों में कहें, तो इम्यूनिटी हमारे शरीर और दिमाग के रोजाना के तनाव का सामना करने की क्षमता को बताता है. साथ ही ये शरीर के असंतुलन और बीमारी से निपटने की क्षमता भी है. ये शरीर पर हमला करने वाले हानिकारक वायरस, बीमारी और संक्रमणों की क्षमता है. तो आखिर मजबूत इम्यून सिस्टम पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? इसके लिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरुरी है.

सही खान पान हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. सही खानपान का कोई विकल्प नहीं है. वैसे अब तक आपको इतना तो पता ही होगा कि विटामिन सी हमारे इम्यून सिस्टम को बनाने के लिए बहुत ही अच्छा सोर्स है. आमला और नींबू हमारे शरीर की रक्षा प्रणाली को बढ़ा सकते हैं. लेकिन अकेले विटामिन सी इस लड़ाई को नहीं लड़ सकता. और बिमारियों से शरीर को बचाने के लिए हमें और ज्यादा असलहों की जरुरत होती है.

एक मजबूत...

कुछ लोग होते हैं जिनकी तबियत खराब होने के लिए किसी मौसम का इंतजार नहीं करना होता. किसी दोस्त से आपने हाथ मिलाया जिसे ज़ुकाम है और अगले दिन आप छींके मारने लगे. किसी मॉल में घूम रहे और दूर कोने में एक खड़े एक इंसान से आपको वायरस जकड़ लेता है. इसका मतलब क्या है? मतलब साफ है कि आपकी रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम कमजोर है! और ये हमारा इम्यून सिस्टम ही है जो ये तय करता है कि कौन बीमार होगा और कौन नहीं.

दुर्भाग्यवश बारिश का मौसम ऐसा मौसम है जब लोग सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. इस मौसम में उमस भरी गर्मी बीमारी के लिए सबसे अधिक उपजाऊ होती है. तो फिर आखिर इम्यूनिटी है क्या? आप इसे न तो देख सकते हैं और न ही महसूस कर सकते हैं. लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम भी चुपचाप आपके शरीर में पेट्रोलिंग करता रहता है ताकि बीमार करने वाले विषाणुओं से आपका बचाव कर सकें.

संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे

सीधे शब्दों में कहें, तो इम्यूनिटी हमारे शरीर और दिमाग के रोजाना के तनाव का सामना करने की क्षमता को बताता है. साथ ही ये शरीर के असंतुलन और बीमारी से निपटने की क्षमता भी है. ये शरीर पर हमला करने वाले हानिकारक वायरस, बीमारी और संक्रमणों की क्षमता है. तो आखिर मजबूत इम्यून सिस्टम पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? इसके लिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरुरी है.

सही खान पान हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. सही खानपान का कोई विकल्प नहीं है. वैसे अब तक आपको इतना तो पता ही होगा कि विटामिन सी हमारे इम्यून सिस्टम को बनाने के लिए बहुत ही अच्छा सोर्स है. आमला और नींबू हमारे शरीर की रक्षा प्रणाली को बढ़ा सकते हैं. लेकिन अकेले विटामिन सी इस लड़ाई को नहीं लड़ सकता. और बिमारियों से शरीर को बचाने के लिए हमें और ज्यादा असलहों की जरुरत होती है.

एक मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए, हमारे खाने में पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स और सभी आवश्यक विटामिन और मिनिरल होना चाहिए.

उदाहरण के लिए, ये पाया गया है कि हमारे इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में विटामिन डी का अहम् योगदान है. इसलिए रोजाना सूरज की पर्याप्त रोशनी शरीर के लिए जरुरी है. इम्यून सिस्टम को और बढ़ाने वाले अन्य पदार्थों में जिंक और सेलेनियम शामिल हैं. ठंड और फ्लू को दूर रखने में जिंक की भूमिका सभी को पता है. और अब ये साफ हो गया है कि जिन लोगों को अपने खाने में पर्याप्त सेलेनियम नहीं मिलता है, वे लगातार संक्रमण की जद में रहते हैं और उन्हें ठीक होने में भी काफी समय लगता है.

सेलेनियम का प्रमुख स्रोत है

ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर शरीर की कोशिकाओं में पर्याप्त मात्रा में सेलेनियम नहीं होता तो फिर वायरस का शरीर में रेप्लिकेट करना बहुत आसान हो जाता है. जिससे उनकी संख्या शरीर में दोगुनी तेजी से बढ़ती है. ये खनिज लहसुन, प्याज, केल्प, समुद्री भोजन और अनाज में पाया जाता है. इसलिए इन चीजों का सेवन कर पर्याप्त मात्रा में इस खनिज को शरीर में पहुंचाएं. जिंक के लिए, अपने आहार में अंडे, बादाम, बीज और फलियां शामिल करें.

अपने वजन का ख्याल रखें. हर एक एक्स्ट्रा किलो वजन, एक किलो एक्स्ट्रा टिश्यू को जन्म देते हैं जिनकी देखभाल इम्यून सिस्टम को करनी होती है. यही कारण है कि मोटे लोगों में गतिविधि कम हो जाती है. इसलिए अधिक वजन वाले व्यक्तियों में लिम्फोसाइट्स (संक्रमण से लड़ने वाली सफेद रक्त कोशिका) कम हो जाते हैं.

अच्छी खबर क्या है? जब लोग वजन कम करते हैं, तो उनके लिम्फोसाइट का स्तर और कार्यों में सुधार होता है. इसके अलावा, डायटिंग से भी परहेज करना चाहिए क्योंकि यह लिम्फोसाइट्स को शरीर पर हमला करने वाले बैक्टीरिया या वायरस को रोकता है. इसलिए अपने वजन को नियमित रखना बहुत जरुरी है.

शराब पीते समय ध्यान रखें

शराब पीते समय ध्यान रखें. नियंत्रित मात्रा में शराब का सेवन आईजीए स्तर को बढ़ाता है. लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा पीते हैं तो फिर ये आपके इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है. अत्यधिक शराब का सेवन शरीर के इम्यून सिस्टम को दो तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है. यह समग्र रुप से पौष्टिकता की कमी करता है. जिससे की शरीर में सभी मूल्यवान प्रतिरक्षा-पोषक तत्वों की कमी आती है. और जीवाणुओं को मारने के लिए सफेद कोशिकाओं की क्षमता को भी कम कर देता है.

जिस मात्रा में शराब का सेवन होगा इम्यून सिस्टम को उसी अनुपात में नुकसान होता है. तो इसलिए आप कितनी शराब पीते हैं उसपर ध्यान रखें.

इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए बेस्ट उपाय व्यायाम है! कई अध्ययनों में पाया गया है कि एक्सरसाइज कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम में मदद करता है, ब्लड फ्लो में सुधार करता है, मांसपेशियों और अंगों से विषाक्त पदार्थों को दूर करता है, और किडनी और एन्डोक्राइम सिस्टम को अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है. यह रोगाणुओं को हटाने और एंटीबॉडी फैलाने में मदद करता है.

ये सभी एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं. सूरज की रोशनी में बाहर जाना बहुत जरुरी है. ये सिर्फ इसलिए जरुरी नहीं है क्योंकि इससे विटामिन डी बनाता है. त्वचा में, ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो इंटरलुकिन-1 (आईएल -1) नामक इम्यूनिटि बढ़ाने वाले पदार्थ उत्पन्न करती हैं. ये प्राकृतिक रौशनी में प्रेरित होते हैं.

तो इसलिए सुबह की सैर वास्तव में आपको असंख्य बीमारियों से सुरक्षित रख सकती है.

(DailyO से साभार)

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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