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मॉस्को में प्लेन क्रैश से भारत को क्यों सबक लेना चाहिए

    • आईचौक
    • Updated: 12 फरवरी, 2018 04:59 PM
  • 12 फरवरी, 2018 04:59 PM
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मॉस्को में एक बड़ा विमान हादसा सामने आया है जहां प्लेन में सवार सभी 71 यात्रियों की मौत हो गयी है.

दुर्घटनाओं पर किसी का बस नहीं है. ये कभी भी और किसी के साथ भी हो सकती हैं. कह सकते हैं कि किसी भी दुर्घटना पर व्यक्ति के कुछ गिने चुने ही रिएक्शन होते हैं जैसे या तो वो इनपर अपना दुःख जाहिर करते हुए अफ़सोस करेगा या फिर उस तंत्र को कोसेगा जिसके कारण दुर्घटना हुई. बहरहाल इस वक़्त जो खबर आ रही है वो दिल दहलादेने वाली है. खबर है कि मॉस्को से उड़ान भरने के बाद एक विमान क्रैश हो गया है जिस कारण विमान में बैठे सभी 71 यात्रियों की मौत हो गयी है. ज्ञात हो कि मॉस्को के दोमोदेदोवो एयरपोर्ट से सारातोव एयरलाइंस के विमान एंतोनोव एएन-148 ने 65 यात्रियों और 6 क्रू मेंबर के साथ उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के महज 2 मिनट बाद ही राडार से विमान का संपर्क टूट गया और वो गायब हो गया.

मॉस्को में हुई इस बड़ी दुर्घटना में सभी 71 लोगों की मौत हो गयी है

बताया जा रहा है कि विमान मॉस्को के एग्रुनोवो गांव के बाहरी इलाके में क्रैश हुआ है और इसमें सभी 71 यात्रियों की मौत हो गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार मॉस्को के दोमोदेदोवो एयरपोर्ट से उड़ान भरकर यह विमान रूस-कजाकिस्तान सीमा के पास स्थित ओर्स्क जा रहा था. विमान के गायब होने के बाद जो ख़बरें आ रही हैं यदि उनपर यकीन करें तो पता चलता है कि ये हादसा इतना बड़ा था कि इसमें कोई भी यात्री बचा नहीं है और सभी यात्री मारे गए हैं.

तो आखिर क्यों हुआ ये बड़ा हादसा

इस हादसे की वजह मौसम को बताया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरा रूस ठंड की चपेट में है और वहां भारी स्नो फॉल हो रहा है जिसके कारण विजिबिलिटी बहुत कम है. इसके विपरीत अगर रूस की ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की बात पर यकीन करें तो खराब मौसम के अलावा इस हादसे के लिए विमान का पायलट भी जिम्मेदार था. वहीं रूसी टीवी चैनल रूसिया-24 ने बर्फ में प्लेन का मलबा...

दुर्घटनाओं पर किसी का बस नहीं है. ये कभी भी और किसी के साथ भी हो सकती हैं. कह सकते हैं कि किसी भी दुर्घटना पर व्यक्ति के कुछ गिने चुने ही रिएक्शन होते हैं जैसे या तो वो इनपर अपना दुःख जाहिर करते हुए अफ़सोस करेगा या फिर उस तंत्र को कोसेगा जिसके कारण दुर्घटना हुई. बहरहाल इस वक़्त जो खबर आ रही है वो दिल दहलादेने वाली है. खबर है कि मॉस्को से उड़ान भरने के बाद एक विमान क्रैश हो गया है जिस कारण विमान में बैठे सभी 71 यात्रियों की मौत हो गयी है. ज्ञात हो कि मॉस्को के दोमोदेदोवो एयरपोर्ट से सारातोव एयरलाइंस के विमान एंतोनोव एएन-148 ने 65 यात्रियों और 6 क्रू मेंबर के साथ उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के महज 2 मिनट बाद ही राडार से विमान का संपर्क टूट गया और वो गायब हो गया.

मॉस्को में हुई इस बड़ी दुर्घटना में सभी 71 लोगों की मौत हो गयी है

बताया जा रहा है कि विमान मॉस्को के एग्रुनोवो गांव के बाहरी इलाके में क्रैश हुआ है और इसमें सभी 71 यात्रियों की मौत हो गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार मॉस्को के दोमोदेदोवो एयरपोर्ट से उड़ान भरकर यह विमान रूस-कजाकिस्तान सीमा के पास स्थित ओर्स्क जा रहा था. विमान के गायब होने के बाद जो ख़बरें आ रही हैं यदि उनपर यकीन करें तो पता चलता है कि ये हादसा इतना बड़ा था कि इसमें कोई भी यात्री बचा नहीं है और सभी यात्री मारे गए हैं.

तो आखिर क्यों हुआ ये बड़ा हादसा

इस हादसे की वजह मौसम को बताया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरा रूस ठंड की चपेट में है और वहां भारी स्नो फॉल हो रहा है जिसके कारण विजिबिलिटी बहुत कम है. इसके विपरीत अगर रूस की ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की बात पर यकीन करें तो खराब मौसम के अलावा इस हादसे के लिए विमान का पायलट भी जिम्मेदार था. वहीं रूसी टीवी चैनल रूसिया-24 ने बर्फ में प्लेन का मलबा गिरता दिखाया है जिसको देखकर साफ है कि इस हादसे में कोई बचा नहीं है.

इसी साल टर्की में भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया था

इससे पहले, इसी साल टर्की में भी होते होते रह गयी थी एक बड़ी दुर्घटना

गौरतलब है कि इसी साल टर्की में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था जहां पेगासस एयरलाइंस बोइंग 737-800 में बैठे यात्री तब दहल गए थे जब 168 यात्रियों को ले जा रही एयर लाइन में कुछ तकनीकी खामी आई थी और वो एक पहाड़ की चोटी पर अटक गया था. हालांकि इस हादसे में सभी को सकुशल निकाल लिया गया था मगर इस हादसे का जो वीडियो सामने आया था वो दिल बैठा देने वाला था.

तो क्या विमान के पुराने होने के चलते हुआ हादसा

मॉस्को में जो ये हादसा हुआ है उसके पीछे की वजह जो अब तक निकल कर सामने आई है वो ये कि इस हादसे का होना इसलिए भी संभव क्योंकि सारातोव द्वारा एक 7 साल पुराने विमान का इस्तेमाल किया जा रहा था. ध्यान रहे कि सारातोव ने एक साल पहले किसी रूसी एयरलाइन कंपनी से यह प्लेन खरीदा था और तभी से इसमें कई छोटी बड़ी परेशानियां देखने को मिल रही थीं.

अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात खत्म करंगे कि इस खबर से हर वो देश सीख लेगा जो पुराने जहाजों का इस्तेमाल कर रहा है और अपने यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहा है. बात अगर भारत की हो तो ये कहना शायद गलत नहीं है कि इस खबर से भारत को और अधिक प्रेरणा लेने की ज़रूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि आज भी यात्री सेवाओं के लिए पुराने जहाजों का इस्तेमाल किया जा रहा है साथ ही राहत और बचाव के मामले में पश्चिम की अपेक्षा आज भी हमारा देश बहुत पीछे है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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