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मामोनी का ये रिक्‍शा कहता है एक इमोशनल कहानी...

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 24 नवम्बर, 2017 04:17 PM
  • 24 नवम्बर, 2017 04:17 PM
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मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में जवाब दिया था कि मांओं को सबसे ज्यादा सैलेरी मिलनी चाहिए. मां बनना कितना कठिन है अगर वैसे न समझ आ रहा हो तो मामोनी की कहानी आईना दिखाती है.

शाहरुख खान ने अपनी फिल्म ऊँ शांति ऊँ में एक डायलॉग बोला था- "कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो... तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है." असम की मामोनी बोरा के संदर्भ में ये डायलॉग सच साबित हो गया. असम के बोकाखात स्थित राजबारी गांव की मामोनी रिक्शा चलाती हैं. अपना और अपनी बेटी के जीवनयापन का उनका यही रिक्शा सहारा है.

लड़ने वाले की ही जीत होती है

हर मां की तरह मामोनी की आंखों में भी अपनी 16 साल की बेटी मामू बोरा के लिए सुनहरे सपने हैं. वो अपनी बेटी को पढ़ाना चाहती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवान बनाना चाहती हैं. बेटी के लिए देखे गए अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए मामोनी ने कई बार कई लोगों के दरवाजे पर दस्तक दी और मदद की गुहार लगाई. लेकिन कोई भी हाथ उनकी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा. अंत में इस सिंगल मदर ने खुद ही अपने हाथों से अपनी बेटी की किस्मत लिखने का फैसला किया और रिक्शा चलाने लगीं.

जीवन चलने का नाम...

नतीजा? बॉलीवुड के फेमस सिंगर पापोन की उनपर नजर पड़ी और उन्होंने मामोनी की मदद करने का फैसला किया. पापोन ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंदा सोनवाल को मामोनी की फोटो ट्वीट करते हुए मदद की गुहार लगाई. साथ ही मामोनी की बेटी मामू बोरा का नंबर भी खोज निकाला और उसे शेयर किया.

इसके बाद असम सरकार तुरंत हरकत में आई और मामोनी से बात करके उन्हें मदद का भरोसा दिया. असम...

शाहरुख खान ने अपनी फिल्म ऊँ शांति ऊँ में एक डायलॉग बोला था- "कहते हैं अगर किसी चीज को दिल से चाहो... तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है." असम की मामोनी बोरा के संदर्भ में ये डायलॉग सच साबित हो गया. असम के बोकाखात स्थित राजबारी गांव की मामोनी रिक्शा चलाती हैं. अपना और अपनी बेटी के जीवनयापन का उनका यही रिक्शा सहारा है.

लड़ने वाले की ही जीत होती है

हर मां की तरह मामोनी की आंखों में भी अपनी 16 साल की बेटी मामू बोरा के लिए सुनहरे सपने हैं. वो अपनी बेटी को पढ़ाना चाहती हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवान बनाना चाहती हैं. बेटी के लिए देखे गए अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए मामोनी ने कई बार कई लोगों के दरवाजे पर दस्तक दी और मदद की गुहार लगाई. लेकिन कोई भी हाथ उनकी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा. अंत में इस सिंगल मदर ने खुद ही अपने हाथों से अपनी बेटी की किस्मत लिखने का फैसला किया और रिक्शा चलाने लगीं.

जीवन चलने का नाम...

नतीजा? बॉलीवुड के फेमस सिंगर पापोन की उनपर नजर पड़ी और उन्होंने मामोनी की मदद करने का फैसला किया. पापोन ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंदा सोनवाल को मामोनी की फोटो ट्वीट करते हुए मदद की गुहार लगाई. साथ ही मामोनी की बेटी मामू बोरा का नंबर भी खोज निकाला और उसे शेयर किया.

इसके बाद असम सरकार तुरंत हरकत में आई और मामोनी से बात करके उन्हें मदद का भरोसा दिया. असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सर्मा ने पापोन को जवाब देते हुए ट्वीट किया- "मैंने उनसे बात कर ली है. हम उन्हें कुछ भी गिरवी रखे बगैर ही सॉफ्ट लोन मुहैया कराएंगे ताकि वो अपना कोई बिजनेज शुरु कर सकें."

पापोन की पहल का असर ये हुआ कि अब मामोनी बोरा की मदद के लिए सैंकड़ों हाथ खड़े हो चुके हैं. कई नामी-गिरामी लोग भी अब उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं. 5 साल पहले मामोनी को उनके पति ने छोड़ दिया था. तब से अकेले वो अपनी बेटी को एक अच्छा भविष्य देने की लड़ाई लड़ रही हैं.

मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में जवाब दिया था कि मांओं को सबसे ज्यादा सैलेरी मिलनी चाहिए. मां बनना कितना कठिन है अगर वैसे न समझ आ रहा हो तो मामोनी की कहानी आईना दिखाती है. साथ ही मामोनी हमें सीखाती हैं कि हर के हिस्से में परेशानियां होती हैं. फर्क इससे पड़ता है कि उन परेशानियों का सामना कौन कैसे करता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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