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Kasganj में पुलिस पर हुए हमले ने यूपी के लॉ एंड आर्डर को बेनकाब किया है!

    • रीवा सिंह
    • Updated: 10 फरवरी, 2021 03:26 PM
  • 10 फरवरी, 2021 03:26 PM
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उत्तर प्रदेश के कासगंज (Kasganj) में पुलिसकर्मियों पर बिकरू काण्ड जैसा हमला हुआ. पुलिस वहां के गांव में अवैध शराब का कारोबार बंद कराने गयी थी. मामला सामने आने के बाद एक बार फिर यूपी के लॉ एंड आर्डर पर सवालियां निशान लग गए हैं.

उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिसकर्मियों पर आज फिर बिकरू काण्ड जैसा हमला हुआ. पुलिस वहां के गांव में अवैध शराब का कारोबार बंद कराने गयी थी लेकिन यह सर्वविदित है कि ऐसे कारोबारों से सरकारी सीढ़ियों तक कैसे चढ़ावा चढ़ता है. परिणामस्वरूप माफ़िया को पुलिस के आने की ख़बर पहले ही हो गयी. पहुंचने पर शराब माफ़ियाओं ने पुलिस को घेर लिया और दारोगा, अशोक व सिपाही, देवेंद्र को बंधक बना लिया। मौका मिलते ही सम्पर्क किया गया और अतिरिक्त पुलिस बल की मदद ली गयी. कॉम्बिंग के दौरान सिपाही अर्धनग्न अवस्था में मृत पाये गये, उनकी हत्या कर दी गयी और दारोगा खेत में लहूलुहान पड़े मिले.

हमले में घायल साथी को ले जाते यूपी पुलिस के जवान

इस मामले में योगी सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रासुका लगा दी है और आरोपियों की तलाश जारी है. बिकरू काण्ड के बाद योगी सरकार ने जिस तरह काम किया उससे राज्य के माफ़ियाओं में दहशत का माहौल बन गया था जिसके बाद एक वर्ष के भीतर ही दिल दहलाने वाली यह घटना भयावह है. एक छोटी टीम के साथ किसी ऑपरेशन पर निकलना पुलिस के लिए जोखिम भरा हो चुका है.

शहर के बीचों-बीच रह रहे गुंडे आतंकवादियों की तरह वर्दीधारियों पर हमले कर रहे हैं. यह सब इतना सहज होना ख़तरनाक है वह भी तब जब उन्हें पता है कि हश्र क्या हो सकता है. लहूलुहान दारोगा की तस्वीर मायूस करती है. सिपाही शहीद हो गये, कुछ घायल हैं.

शहीद सिपाही, देवेन्द्र, के परिवार के लिये मुआवज़े और नौकरी की घोषणाएं हो गयी हैं लेकिन ब्रह्माण्ड की कोई भी क़ीमत इतनी बड़ी कहां हो सकी है जो रुकी हुई सांसों में जान डाल दे. ज़रूरी है कि ऐसे माफ़ियाओं पर कठोरतम तरीके से नकेल कसी जाए. दिल दहलाने वाली इस घटना ने नींद उड़ा दी है. पुलिस अब भी छानबीन कर रही है, पता नहीं...

उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिसकर्मियों पर आज फिर बिकरू काण्ड जैसा हमला हुआ. पुलिस वहां के गांव में अवैध शराब का कारोबार बंद कराने गयी थी लेकिन यह सर्वविदित है कि ऐसे कारोबारों से सरकारी सीढ़ियों तक कैसे चढ़ावा चढ़ता है. परिणामस्वरूप माफ़िया को पुलिस के आने की ख़बर पहले ही हो गयी. पहुंचने पर शराब माफ़ियाओं ने पुलिस को घेर लिया और दारोगा, अशोक व सिपाही, देवेंद्र को बंधक बना लिया। मौका मिलते ही सम्पर्क किया गया और अतिरिक्त पुलिस बल की मदद ली गयी. कॉम्बिंग के दौरान सिपाही अर्धनग्न अवस्था में मृत पाये गये, उनकी हत्या कर दी गयी और दारोगा खेत में लहूलुहान पड़े मिले.

हमले में घायल साथी को ले जाते यूपी पुलिस के जवान

इस मामले में योगी सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रासुका लगा दी है और आरोपियों की तलाश जारी है. बिकरू काण्ड के बाद योगी सरकार ने जिस तरह काम किया उससे राज्य के माफ़ियाओं में दहशत का माहौल बन गया था जिसके बाद एक वर्ष के भीतर ही दिल दहलाने वाली यह घटना भयावह है. एक छोटी टीम के साथ किसी ऑपरेशन पर निकलना पुलिस के लिए जोखिम भरा हो चुका है.

शहर के बीचों-बीच रह रहे गुंडे आतंकवादियों की तरह वर्दीधारियों पर हमले कर रहे हैं. यह सब इतना सहज होना ख़तरनाक है वह भी तब जब उन्हें पता है कि हश्र क्या हो सकता है. लहूलुहान दारोगा की तस्वीर मायूस करती है. सिपाही शहीद हो गये, कुछ घायल हैं.

शहीद सिपाही, देवेन्द्र, के परिवार के लिये मुआवज़े और नौकरी की घोषणाएं हो गयी हैं लेकिन ब्रह्माण्ड की कोई भी क़ीमत इतनी बड़ी कहां हो सकी है जो रुकी हुई सांसों में जान डाल दे. ज़रूरी है कि ऐसे माफ़ियाओं पर कठोरतम तरीके से नकेल कसी जाए. दिल दहलाने वाली इस घटना ने नींद उड़ा दी है. पुलिस अब भी छानबीन कर रही है, पता नहीं सुबह तक कितने पुलिसकर्मी किस स्थिति में मिलें.

उन गुंडों के लिए मुखबिरी करने वाला भी कोई ख़ास ही होगा. पैसे की ख़ातिर ज़मीर बेचना जबतक आसान रहेगा, ईमानदारी और कर्त्तव्यनिष्ठा लहूलुहान होती रहेगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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