• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

इंटरनेट पर खूब वायरल हुए ये 4 पत्र लेकिन बात सिर्फ हंसने की नहीं है

    • आईचौक
    • Updated: 09 फरवरी, 2018 07:21 PM
  • 09 फरवरी, 2018 07:21 PM
offline
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी ने शिकायत की है कि जूनियर इंजीनियर ने सप्ताह भर बाद भी दफ्तर में रखी माचिस वापस नहीं लौटाई है. हंसिए नहीं, इसके पीछे एक गंभीर मैसेज छुपा है.

कई बार सोशल मीडिया पर ऐसे पत्र वायरल होते हैं, जिन्हें पढ़ने भर से हंसी छूट जाए. लेकिन अगर इन पत्रों को थोड़ी गंभीरता से पढ़ा जाता है तो उसके पीछे छुपा एक गंभीर संदेश सामने आता है. इन दिनों भी सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी ने शिकायत की है कि जूनियर इंजीनियर ने सप्ताह भर बाद भी दफ्तर में रखी माचिस वापस नहीं लौटाई है. आ गई ना हंसी. लेकिन इस पत्र में भी गंभीर मैसेज छुपा है. ये पहली बार नहीं है कि कोई अजीबो-गरीब पत्र वायरल हो रहा हो. इससे पहले भी कई ऐसे पत्र वायरल हुए हैं, जिन्होंने पहले तो लोगों को हंसाया और फिर एक बड़ा सवाल छोड़कर चले गए.

माचिस वापस नहीं लौटाने का पत्र

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक असिस्टेंट इंजीनियर ने उसके जूनियर के खिलाफ माचिस न लौटाने को लेकर शिकायती पत्र लिखा है. 1 फरवरी को लिखे इस पत्र में बिजली विभाग के अर्बन टेस्ट डिवीजन में तैनात सुशील कुमार ने जूनियर इंजीनियर मोहित को शिकायत करते हुए पत्र में लिखा है कि उन्होंने 23 जनवरी को जो माचिस ली थी, जिसमें करीब 19 तीलियां थीं, जिसका इस्तेमाल दफ्तर में मॉर्टिन सुलगाने के लिए होता है, वह अब तक वापस नहीं दी है. इसकी वजह से रात में बिजली जाने पर परेशानी हो जाती है.

माचिस न लौटाने की शिकायत वाला यह पत्र इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ.

अगर इस पत्र को सिर्फ एक नजर पढ़ा जाए तो किसी की भी हंसी छूट सकती है. लेकिन अगर जी भर के हंस लिया हो तो अब एक बार फिर से इस पत्र को पढ़िए. इस पत्र को पढ़ने से आपको यह पता चलेगा कि जिस यूपी में योगी आदित्यनाथ 24 घंटे बिजली मुहैया कराने का सपना देख रहे हैं, वहां के बिजली विभाग में ही बिजली नहीं रहती है. इतना ही नहीं, एक कर्मचारी ने 1 रुपए की माचिस वापस नहीं रखी, तो दूसरे कर्मचारियों को दिक्कत...

कई बार सोशल मीडिया पर ऐसे पत्र वायरल होते हैं, जिन्हें पढ़ने भर से हंसी छूट जाए. लेकिन अगर इन पत्रों को थोड़ी गंभीरता से पढ़ा जाता है तो उसके पीछे छुपा एक गंभीर संदेश सामने आता है. इन दिनों भी सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी ने शिकायत की है कि जूनियर इंजीनियर ने सप्ताह भर बाद भी दफ्तर में रखी माचिस वापस नहीं लौटाई है. आ गई ना हंसी. लेकिन इस पत्र में भी गंभीर मैसेज छुपा है. ये पहली बार नहीं है कि कोई अजीबो-गरीब पत्र वायरल हो रहा हो. इससे पहले भी कई ऐसे पत्र वायरल हुए हैं, जिन्होंने पहले तो लोगों को हंसाया और फिर एक बड़ा सवाल छोड़कर चले गए.

माचिस वापस नहीं लौटाने का पत्र

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक असिस्टेंट इंजीनियर ने उसके जूनियर के खिलाफ माचिस न लौटाने को लेकर शिकायती पत्र लिखा है. 1 फरवरी को लिखे इस पत्र में बिजली विभाग के अर्बन टेस्ट डिवीजन में तैनात सुशील कुमार ने जूनियर इंजीनियर मोहित को शिकायत करते हुए पत्र में लिखा है कि उन्होंने 23 जनवरी को जो माचिस ली थी, जिसमें करीब 19 तीलियां थीं, जिसका इस्तेमाल दफ्तर में मॉर्टिन सुलगाने के लिए होता है, वह अब तक वापस नहीं दी है. इसकी वजह से रात में बिजली जाने पर परेशानी हो जाती है.

माचिस न लौटाने की शिकायत वाला यह पत्र इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ.

अगर इस पत्र को सिर्फ एक नजर पढ़ा जाए तो किसी की भी हंसी छूट सकती है. लेकिन अगर जी भर के हंस लिया हो तो अब एक बार फिर से इस पत्र को पढ़िए. इस पत्र को पढ़ने से आपको यह पता चलेगा कि जिस यूपी में योगी आदित्यनाथ 24 घंटे बिजली मुहैया कराने का सपना देख रहे हैं, वहां के बिजली विभाग में ही बिजली नहीं रहती है. इतना ही नहीं, एक कर्मचारी ने 1 रुपए की माचिस वापस नहीं रखी, तो दूसरे कर्मचारियों को दिक्कत होने लगी. इससे यह भी साफ होता है कि इन सरकारी दफ्तरों की हालत कितनी खराब है कि बिजली जाने पर उनके पास इंवर्टर की भी सुविधा नहीं है, तभी तो माचिस की जरूरत पड़ रही है. जिस पत्र ने इंटरनेट पर वायरल होकर लोगों के ठहाके बटोरे हैं, दरअसल वह पत्र योगी सरकार के मुंह पर एक तमाचा है. डिजिटल इंडिया सपना भी कहीं इस अंधकार में खो न जाए.

सावन से पहले चिकन खाने के लिए छुट्टी

इससे पहले छत्तीसगढ़ के एक रेलवे कर्मचारी की छुट्टी का पत्र भी इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ था. दरअसल, यह पत्र छुट्टी मांगने की अजीबो-गरीब वजह के चलते वायरल हुआ था. रेलवे कर्मचारी पंकज राज गौड़ ने सावन से पहले चिकन खाने के लिए 7 दिन की छुट्टी मांगी थी. उन्होंने लिखा था कि सावन शुरू होने वाला है जिसके चलते वो चिकन नहीं खा सकते और चिकन न खाने से उनको कमजोरी आ जाएगी, जिससे उनका काम प्रभावित होगा. अपने लैटर में पंकज ने ये भी बताया था कि उन्हें महीने भर का चिकन खाने के लिए कम से कम एक हफ्ता लगेगा. इंटरनेट ने यह पत्र खूब वायरल हुआ था. अब सवाल ये है कि सावन और चिकन का क्या लेना-देना? जब सावन में दाल-चावल खा सकते हैं तो चिकन क्यों नहीं? क्योंकि वह मांस है? खैर, ये एक बहस का विषय है, जिस पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय हो सकती है. कुछ लोग सावन में मांस खाना गलत समझते हैं, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि खाना तो खाना है, भले ही वह मांसाहारी हो या फिर शाकाहारी.

खाने के शौकीन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं.

वो पत्र, जिसने ट्रेनों में लगवाया टॉयलेट

ब्रिटिश हुकूमत के दौरान ट्रेनें तो चलने लगी थीं, लेकिन उनमें टॉयलेट नहीं होते थे. 1909 में ओखिल चंद्र सेन नाम के एक यात्री ने रेलवे को ऐसा भावुक पत्र लिखा कि रेलवे ने ट्रेनों में टॉयलेट लगाने की पहल की. पढ़िए उस पत्र में क्या लिखा था.

प्रिय श्रीमान,

मैं पैसेजंर ट्रेन से अहमदपुर स्टेशन आया और मेरा पेट दर्द की वजह से सूज रहा था. मैं शौच के लिए वहां एकांत में गया. मैं वहां निवृत्त हो ही रहा था कि गार्ड ने सीटी बजाना शुरू कर दिया कि ट्रेन छूटने वाली है. मैं एक हाथ में 'लोटा' और दूसरे हाथ में 'धोती' पकड़कर दौड़ा और तभी प्लेटफार्म पर गिर पड़ा. मेरी धोती खुल गई और मुझे वहां मौजूद सभी महिला-पुरुषों के सामने शर्मिन्दा होना पड़ा. मेरी ट्रेन छूट गई और मैं अहमदपुर स्टेशन पर ही रह गया.

यह कितनी बुरी बात है कि एक यात्री शौच के लिए गया हो और ट्रेन का गार्ड कुछ मिनट उसका इंतजार भी नहीं कर सकता. मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि जनता की भलाई के लिए उस गार्ड पर भारी जुर्माना लगाएं. नहीं तो मैं इस प्रकरण की सूचना समाचार पत्रों को दे दूंगा.

इस पत्र द्वारा की गई शिकायत के बाद रेलवे ने ट्रेनों में टॉयलेट लगाने का फैसला किया.

सबसे पुराना वैलेंटाइन लैटर

आइए अब बात करते हैं सबसे पुराने वैलेंटाइन लैटर की. यह पत्र 1477 में मार्गरी ब्रूस ने यह पत्र अपने मंगेतर जॉन पास्टन को लिखा था. फिलहाल यह पत्र 15वीं शताब्दी के इंग्लिश प्रायवेट कॅरेस्पांडेंस के सबसे बड़े कलेक्शन का हिस्सा है.

ये सबसे पुराना वैलेंटाइन लैटर आज भी दुनिया में मौजूद है.

जॉन को अपने दिल के सबसे करीब बताते हुए इस पत्र में मार्गरी ब्रूस ने लिखा था कि वह स्वस्थ नहीं है. न शरीर से और न ही दिल से. और जब तक वह जॉन की आवाज सुन नहीं लेती शायद तब ठीक भी नहीं होगी. मार्गरी बता रही है कि उसकी मां ने दहेज को बढ़ाने के लिए पिता से कहा है, लेकिन अब तक सफल नहीं हो पाई हैं. लेकिन यदि जॉन उसे प्यार करता है तो वह उससे किसी भी कीमत पर शादी करेगा: 'यदि तुम मुझसे प्यार करते हो, मुझे विश्वास है कि तुम ऐसा करते हो, तुम मुझे कभी छोड़कर नहीं जाओगे'. इस कहानी का अंत सुखद रहा है. इस प्रेमी जोड़े की आखिर में शादी हो गई थी.

ये भी पढ़ें-

बेहद महंगा खेल: एक विज्ञापन की कीमत 32 करोड़, 1.35 अरब चिकन विंग्स खा गए लोग

हवाई जहाज का किराया ऑटो से सस्ता? जनाब अब जरा ये गणित भी देख लीजिए, आंखें खुल जाएंगी !

बच्चों को ब्रांडेड क्रेच में डालिए, फिर ब्रांडेड वृद्धाश्रम का मजा लीजिए


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲