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होली से पहले विवाद सर्फ एक्सेल के साथ!

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 10 मार्च, 2019 07:32 PM
  • 10 मार्च, 2019 05:21 PM
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होली आने में अभी 10 दिन बाकी हैं. हर बार की तरह कंपनियां इस त्योहार का इस्तेमाल अपने विज्ञापन बनाने में करने में लगी हैं. लेकिन सर्फ एक्सल को ऐसा करना भारी पड़ गया है. कंपनी ने जो विज्ञापन बनाया है, उसे लेकर विवाद हो गया है.

देखा जाए तो आज की सबसे बड़ी खबर ये है कि शाम को चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान होना है. कुछ लोग ये भी कह सकते हैं कि आज की सबसे बड़ी खबर है आकाश अंबानी की शादी. लेकिन ट्विटर पर सबसे ऊपर ट्रेंड कर रहा है #SurfExcel. इसकी वजह है होली को लेकर कंपनी की तरफ से बनाया गया एक विज्ञापन, जो बहस का मुद्दा बन गया है. कुछ लोग इस विज्ञापन की सराहना कर रहे हैं तो कुछ विरोध में हैं. यहां तक कि ट्विटर पर #BoycottSurfExcel और #BoycottHindustannilever जैसे हैशटैग भी चलना शुरू हो गए हैं.

होली आने में अभी 10 दिन बाकी हैं. हर बार की तरह इस बार भी कंपनियां इस त्योहार का इस्तेमाल अपने विज्ञापन बनाने और कमाई बढ़ाने में करने में लगी हैं. लेकिन सर्फ एक्सल को ऐसा करना भारी पड़ गया है. होली से पहले कंपनी ने जो विज्ञापन बनाया है, उसे लेकर विवाद हो गया है. सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया है. जहां एक ओर सर्फ एक्सल के नए विज्ञापन की तारीफ करने वालों की कमी नहीं है, वहीं दूसरी ओर बहुत से ऐसे भी ट्विटर यूजर हैं जो इसका विरोध कर रहे हैं. कोई सर्फ एक्सल का पैकेट जला रहा है तो कोई सर्फ को टॉयलेट में बहा रहा है. यानी होली से पहले विवाद, वो भी सर्फ एक्सेल के साथ.

सर्फ एक्सल का कंपनी ने जो विज्ञापन बनाया है, उसे लेकर विवाद हो गया है.

क्या है इस विज्ञापन में?

जिस विज्ञापन को लेकर ये सारा विवाद खड़ा हुआ है, उसमें एक मुस्लिम बच्चे और एक हिंदू बच्ची को दिखाया है. मुस्लिम बच्चा नमाज पढ़ने के लिए घर से निकलना चाहता है, लेकिन गली के मकानों में बच्चे पिचकारी और रंग भरे गुब्बारे लिए खड़े हैं. उसे डर इस बात का है कि नमाज पढ़ने से पहले ही उसका सफेद कुर्ता खराब ना हो जाए. तभी एक हिंदू...

देखा जाए तो आज की सबसे बड़ी खबर ये है कि शाम को चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान होना है. कुछ लोग ये भी कह सकते हैं कि आज की सबसे बड़ी खबर है आकाश अंबानी की शादी. लेकिन ट्विटर पर सबसे ऊपर ट्रेंड कर रहा है #SurfExcel. इसकी वजह है होली को लेकर कंपनी की तरफ से बनाया गया एक विज्ञापन, जो बहस का मुद्दा बन गया है. कुछ लोग इस विज्ञापन की सराहना कर रहे हैं तो कुछ विरोध में हैं. यहां तक कि ट्विटर पर #BoycottSurfExcel और #BoycottHindustannilever जैसे हैशटैग भी चलना शुरू हो गए हैं.

होली आने में अभी 10 दिन बाकी हैं. हर बार की तरह इस बार भी कंपनियां इस त्योहार का इस्तेमाल अपने विज्ञापन बनाने और कमाई बढ़ाने में करने में लगी हैं. लेकिन सर्फ एक्सल को ऐसा करना भारी पड़ गया है. होली से पहले कंपनी ने जो विज्ञापन बनाया है, उसे लेकर विवाद हो गया है. सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया है. जहां एक ओर सर्फ एक्सल के नए विज्ञापन की तारीफ करने वालों की कमी नहीं है, वहीं दूसरी ओर बहुत से ऐसे भी ट्विटर यूजर हैं जो इसका विरोध कर रहे हैं. कोई सर्फ एक्सल का पैकेट जला रहा है तो कोई सर्फ को टॉयलेट में बहा रहा है. यानी होली से पहले विवाद, वो भी सर्फ एक्सेल के साथ.

सर्फ एक्सल का कंपनी ने जो विज्ञापन बनाया है, उसे लेकर विवाद हो गया है.

क्या है इस विज्ञापन में?

जिस विज्ञापन को लेकर ये सारा विवाद खड़ा हुआ है, उसमें एक मुस्लिम बच्चे और एक हिंदू बच्ची को दिखाया है. मुस्लिम बच्चा नमाज पढ़ने के लिए घर से निकलना चाहता है, लेकिन गली के मकानों में बच्चे पिचकारी और रंग भरे गुब्बारे लिए खड़े हैं. उसे डर इस बात का है कि नमाज पढ़ने से पहले ही उसका सफेद कुर्ता खराब ना हो जाए. तभी एक हिंदू बच्ची साइकिल से आती है और गली के सारे बच्चों को उसका कर उनके रंग अपने ऊपर फिंकवा लेती है, ताकि मुस्लिम बच्चे पर रंग का कतरा ना पड़े. विज्ञापन की टैगलाइन है- अपनेपन के रंग से औरों को रंगने में दाग लग जाएं तो दाग अच्छे हैं.

तो विरोध किस बात पर?

विरोध इस बात पर हो रहा है कि इस विज्ञापन में हिंदू बच्ची और मुस्लिम बच्चे को क्यों दिखाया गया? क्यों किसी और धर्म की बच्ची को नहीं दिखाया गया? ये भी सवाल उठ रहा है कि हिंदू बच्ची ही क्यों, कोई हिंदू बच्चा यानी लड़का क्यों नहीं दिखाया गया? इतना ही नहीं, विरोध ये भी कह कर किया जा रहा है कि होली का रंग दाग है और ईद पर खून की होली खेलना त्योहार? दो धर्मों में आपसी सद्भाव दिखाकर सर्फ एक्सल अपनी कमाई बढ़ाना चाहता था, लेकिन सद्भाव की जगह यहां तो धार्मिक उन्माद पैदा हो गया. इस विज्ञापन को लोग हिंदु विरोधी सोच कह रहे हैं. विरोध की बातें लव जिहाद तक पहुंच चुकी हैं. देखिए लोग ट्विटर पर क्या-क्या शेयर कर रहे हैं. 

सवाल उठ रहा है कि होली का रंग दाग है और ईद पर खून की होली खेलना त्योहार?

कुछ लोग सर्फ एक्सल के विज्ञापन को सोचा समझा षडयंत्र तक कह रहे हैं.

हिंदू हो तो खून खौलेगा... इस तरह की बातें कह कर भी सर्फ एक्सल के विज्ञापन का विरोध हो रहा है.

भले ही इस विज्ञापन का जमकर विरोध हो रहा है, लेकिन इसका समर्थन करने वालों की भी कमी नहीं है. सीपीएम पोलित ब्‍यूरो की सदस्‍य कविता कृष्‍णन से लेकर पत्रकार सुमंत रमन तक सभी इस विज्ञापन का समर्थन कर रहे हैं.

सीपीएम पोलित ब्‍यूरो की सदस्‍य कविता कृष्‍णन विज्ञापन का समर्थन कर रही हैं.

कुछ लोग तो विरोध करने वालों को जवाब देने के लिए और अधिक सर्फ खरीदने की बात कह रहे हैं.

पत्रकार सुमंत रमन विज्ञापन को एक दूसरे की आस्था का सम्मान करने वाला कह रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस विज्ञापन पर हो रही बहस को एक अलग ही नजरिए से देख रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं पत्रकार कंचन श्रीवास्तव, जो कहती हैं कि होली के विज्ञापन पर हो रहे विवाद से कंपनी को खूब पब्लिसिटी मिल रही है और हैरानी की बात नहीं होगी, अगर इस बार कंपनी की सेल खूब बढ़ जाए.

समर्थन और विरोध के बीच इसका एक और भी एंगल देखना जरूरी है.

सर्फ एक्सल के विज्ञापन पर विवाद भले ही सुलझे या उलझे, लेकिन कंपनी को खूब पब्लिसिटी मिल रही है. विरोध भी इतना मजबूती से नहीं हो रहा है कि कंपनी इस विज्ञापन को हटाने पर मजबूर हो जाए. वैसे भी, जिस विज्ञापन पर आज अचानक से विरोध शुरू हो गया है, उसे कंपनी ने अपने फेसबुक पेज पर करीब दो हफ्ते पहले 27 फरवरी को अपलोड किया था. अब तक इस वीडियो को करीब 1.30 लाख बार देखा जा चुका है. वीडियो पर 20 हजार से अधिक कमेंट हैं और करीब 3800 बार शेयर किया गया है. अब अचानक शुरू हुआ ये विरोध कंपनी को मजबूर करेगा या सर्फ एक्सल की सेल मजबूत करेगा, ये तो होली के बाद सर्फ एक्सल की सेल के आंकड़े ही बताएंगे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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