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आतंकियों की पनाह पाकिस्तान तो घपलेबाजों का स्वर्ग इंग्लैंड है!

    • आईचौक
    • Updated: 09 मार्च, 2019 03:41 PM
  • 09 मार्च, 2019 03:41 PM
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लंदन की सड़कों पर बेखौफ घूम रहे नीरव मोदी को देखकर यही लगता है कि वो वहां सुकून से सुखद भविष्य के सपने देख रहा है. लेकिन ऐसा क्या है ब्रिटेन में कि वो जगह ऐसे भगौडों का स्वर्ग है.

बड़े इत्तेफाक की बात है कि कल दुनिया ने नीरव मोदी को बंगले को मिट्टी में मिलते देखा और आज नीरव मोदी खुद ही दिखाई दे गया. PNB में 13000 करोड़ का घोटाला करके फरार हीरों का कारोबारी नीरव लंदन की सड़कों पर घूम रहा था.

और जैसा कि भगौड़े किया करते हैं, नीरव ने भी अपना हूलिया बदल लिया है. दाढ़ी और मूछें बढ़ा लीं जिससे लोगों की नजरों में न आ सके. सरकार की पकड़ से भले ही कोई बच जाए लेकिन पत्रकार की नजर से कुछ नहीं छिपता. लंदन के अखबार टेलीग्राफ ने नीरव को खोज निकाला. सड़क पर बेखौफ टहल रहे नीरव से कई सवाल भी पूछे, लेकिन no comments कहकर नीरव ने साबित कर दिया कि वो भगौड़ा नीरव ही है.

अधर भी काम चालू आहे...

हालांकि चेहरे की मुस्कान से साफ समझा जा सकता है कि इसे अपने किए पर न अफसोस है और न कोई डर. बताया जा रहा है कि नीरव लंदन के वेस्ट एंड इलाके में घूम रहा था. और वहीं 80 लाख पाउंड यानी करीब 70 करोड़ रुपये के आलीशान अपार्टमेंट में रह रहा है. घोटाला करके भागे नीरव ने सोहो में हीरे का नया कारोबार शुरू किया है. नीरव मोदी ने अपने बिजनेस को 'घड़ियों और जूलरी के होलसेल और रीटेल दुकान' के रूप में रजिस्टर्ड करवा रखा है. ये कंपनी पिछले साल ही शुरू की है लेकिन कंपनी के डायरेक्टर में उसका नाम नहीं है.

अय्याशी में कोई कमी नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी अपने घर से दफ्तर तक अपने कुत्ते के साथ पैदल चलकर ही जाया करता है. पैदल चलने का मतलब ये नहीं है उसके पास पैसा नहीं है. जिस वक्त नीरव मिला, उसने ऑस्ट्रिच हाइड की जैकेट पहन रखी है, यानी शुतुरमुर्ग के चमड़े से बनी जैकेट. इस जैकेट की कीमत करीब 8 लाख रुपये है. यानी अय्याशी में कोई कमी नहीं है. इस चमडे को शुतुरमुर्ग के पंख, खाल स्किन और मीट से बनाया जाता है.

बड़े इत्तेफाक की बात है कि कल दुनिया ने नीरव मोदी को बंगले को मिट्टी में मिलते देखा और आज नीरव मोदी खुद ही दिखाई दे गया. PNB में 13000 करोड़ का घोटाला करके फरार हीरों का कारोबारी नीरव लंदन की सड़कों पर घूम रहा था.

और जैसा कि भगौड़े किया करते हैं, नीरव ने भी अपना हूलिया बदल लिया है. दाढ़ी और मूछें बढ़ा लीं जिससे लोगों की नजरों में न आ सके. सरकार की पकड़ से भले ही कोई बच जाए लेकिन पत्रकार की नजर से कुछ नहीं छिपता. लंदन के अखबार टेलीग्राफ ने नीरव को खोज निकाला. सड़क पर बेखौफ टहल रहे नीरव से कई सवाल भी पूछे, लेकिन no comments कहकर नीरव ने साबित कर दिया कि वो भगौड़ा नीरव ही है.

अधर भी काम चालू आहे...

हालांकि चेहरे की मुस्कान से साफ समझा जा सकता है कि इसे अपने किए पर न अफसोस है और न कोई डर. बताया जा रहा है कि नीरव लंदन के वेस्ट एंड इलाके में घूम रहा था. और वहीं 80 लाख पाउंड यानी करीब 70 करोड़ रुपये के आलीशान अपार्टमेंट में रह रहा है. घोटाला करके भागे नीरव ने सोहो में हीरे का नया कारोबार शुरू किया है. नीरव मोदी ने अपने बिजनेस को 'घड़ियों और जूलरी के होलसेल और रीटेल दुकान' के रूप में रजिस्टर्ड करवा रखा है. ये कंपनी पिछले साल ही शुरू की है लेकिन कंपनी के डायरेक्टर में उसका नाम नहीं है.

अय्याशी में कोई कमी नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी अपने घर से दफ्तर तक अपने कुत्ते के साथ पैदल चलकर ही जाया करता है. पैदल चलने का मतलब ये नहीं है उसके पास पैसा नहीं है. जिस वक्त नीरव मिला, उसने ऑस्ट्रिच हाइड की जैकेट पहन रखी है, यानी शुतुरमुर्ग के चमड़े से बनी जैकेट. इस जैकेट की कीमत करीब 8 लाख रुपये है. यानी अय्याशी में कोई कमी नहीं है. इस चमडे को शुतुरमुर्ग के पंख, खाल स्किन और मीट से बनाया जाता है.

जैकेट देखिए 8 लाख की है जो शुतुरमुर्ग के चमड़े से बनी है

ऑस्ट्रिच लेदर की पहचान होती है इस पर उभरे पॉइंट्स या बम्प्स. इस लेदर से पहले मिलिट्री यूनिफॉर्म और हैट्स बना करते थे. लेकिन इसे बनाने का तरीका इतना महंगा है कि इस लेदर ने सिर्फ इंटरनेशनल लग्ज़री फैशन में ही अपनी जगह बनाई है. ये आम लोगों की पहुंच से बाहर की चीज है.

भडौड़ों का स्वर्ग आखिर इंग्लैंड ही क्यों?

ललित मोदी और विजय माल्या के बाद भारत से घोटाला करके भागा नीरव भी इंग्लैंड में ही छिपा हुआ है. और ये 3 ही नहीं भारत के 5,500 से ज्यादा लोगों ने 2013 से ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगी हुई है, हालांकि ये सभी अपराधी नहीं हैं.

असल में यूके में कड़े मानवाधिकार नियम हैं. मानवाधिकारों पर यूरोपीय कन्वेंशन में एक हस्ताक्षरकर्ता है- इसके मुताबिक अगर यूके की अदालतों को पता चलता है कि प्रत्यर्पित किए जाने वाले व्यक्ति को यातना या मौत की सजा का सामना करना पड़ेगा, या प्रत्यर्पण राजनीतिक कारणों से हो रहा है, तो वे प्रत्यर्पण अनुरोध से इनकार कर सकते हैं.

वहां प्रतियर्पण प्रक्रिया में बहुत समय लगता है. भारत विजय माल्या समेत 9 अपराधियों के लिए प्रत्यर्पण अनुरोध लगा चुका है लेकिन ये सभी अभी तक पेंडिग हैं. यूके ने अभी तक 2016 में केवल एक भारतीय का प्रत्यार्पण किया है वो है समीरभाई विनूभाई पटेल. यूके ने अब तक भारत द्वारा लगाए गए कई प्रत्यर्पण अनुरोधों को किसी न किसी आधार पर रिजेक्ट किया है. और इसी वजह से भारत से भागे हुए लोग खुद को ब्रिटेन में सुरक्षित महसूस करते हैं.

सरकार क्या कर रही है?

नीरव को लंदन की सड़कों पर बाखौफ घूमता देख भारत हैरान भी है और परेशान भी. और इसीलिए सरकार से फिर से सवाल किए जाने लगे हैं कि इन भगौड़ों को लेकर सरकार इतनी सुस्त क्यों है? इसपर विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है कि हम नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर कार्यवाही कर रहे हैं. लंदन में वो दिखाई दिया इसका यह मतलब नहीं है कि हम उसको तुरंत भारत ले आएंगे. इसके लिए एक प्रक्रिया होती है, जो हम कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि ED और CBI से मिली जानकारी के आधार पर पिछले साल अगस्त में ही ब्रिटेन से नीरव मोदी के प्रत्पर्पण का अनुरोध किया गया था. क्योंकि सरकार जानती है कि वो वहीं है. अभी तक ब्रिटेन की ओर से जवाब नहीं आया है.

ब्रिटेन को लेकर तो भारत मजबूर है लेकिन भारत में रहकर सरकार जो कुछ भी कर सकती है वो कर रही है. यहां उसके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. शुक्रवार को ही रायगढ़ जिले के अलीबाग में बीच पर बने नीरव मोदी के करीब 100 करोड़ के बंगले को सरकार ने डायनामाइट से उड़ा दिया. इस बंगले को मुम्बई हाईकोर्ट ने अवैध करार देते हुए तोड़ने का आदेश दिए थे.

इसके अलावा ईडी ने नीरव मोदी की 147.72 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क की. दुबई में मौजूद नीरव की 56 करोड़ की 11 प्रॉपर्टी भी ईडी जब्त की. अभी तक भारत और विदेशों में मौजूद नीरव मोदी की करीब 1725 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं. इसके अलावा नीरव मोदी समूह से संबंधित करीब 490 करोड़ रुपये के सोने, हीरे, बुलियन, आभूषण और अन्य कीमती सामान भी जब्त किए गए हैं.

भारत को नुकसान पहुंचाने वाले दो ही हैं पहले घपलेबाज और दूसरे आतंकी. और इन दोनों ही मामलों में भारत मजबूर है क्योंकि आतंकियों को पनाह देता है पाकिस्तान और घपलेबाजों को ब्रिटेन. पर सवाल अब भी वही है कि विदेशी मामलों में तो सरकार के हाथ बंधे हैं लेकिन घर के अंदर ही जब ये खेल खेला जा रहा होता है तब ही सरकार कुछ क्यों नहीं कर पाती? शायद इसका जवाब सरकार न दे पाए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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