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ये है वो वजह, जिससे रिलायंस जियो ने 'दुनिया बदल दी'

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 22 अगस्त, 2018 03:25 PM
  • 22 अगस्त, 2018 03:25 PM
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इस लिस्ट में मुनाफा कमाने के उद्देश्य से काम करते हुए दुनिया को मदद करने और सामाजिक समस्याओं को हल करने में मदद करने वाली दुनिया भर की कंपनियों को रैंकिंग दी जाती है. तो जियो ने ऐसा कौन सा बड़ा काम कर दिया?

जब से रिलायंस जियो लॉन्च हुआ है, तभी से आए दिन मीडिया में छाया रहता है. कभी अपने फ्री के ऑफर की बदौलत, तो कभी अपने सस्ते प्लान और फोन की वजह से. एक बार फिर से जियो मीडिया में चर्चा का विषय बना है, लेकिन इस बार ये चर्चा सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है. हो भी क्यों नहीं, काम ही कुछ ऐसा किया है. रिलायंस जियो ने फॉर्च्यून की 'चेंज द वर्ल्ड' की लिस्ट में पहला स्थान प्राप्त कर लिया है. आपको बता दें कि इस लिस्ट में मुनाफा कमाने के उद्देश्य से काम करते हुए दुनिया को मदद करने और सामाजिक समस्याओं को हल करने में मदद करने वाली दुनिया भर की कंपनियों को रैंकिंग दी जाती है. तो आखिर जियो ने ऐसा क्या कर दिया कि उसे फॉर्च्यून ने अपनी इस लिस्ट में शामिल कर लिया. चलिए जानते हैं.

मुफ्त कॉलिंग, सस्ता इंटरनेट डेटा और सस्ते स्मार्टफोन के चलते ये सब मुमकिन हुआ.

लिस्ट में कैसे किया जियो ने टॉप?

अधिकतर लोग ये नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर जियो ने ऐसा क्या किया जो इस लिस्ट में पूरी दुनिया में टॉप कर दिया है. इसका जवाब खुद फॉर्च्यून ने दिया है. उसने कहा है- 'अगर इंटरनेट तक पहुंच को मूल अधिकार माना जाए, तो रिलायंस जियो को इसका सबसे अधिक श्रेय जाता है, जिसने इसकी पहुंच को बढ़ाया है. 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेट तक पहुंच को लोगों का मूलभूत अधिकार घोषित किया था. जियो लोगों को डिजिटल ऑक्सीजन मुहैया कराता है.'

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए फॉर्च्यून ने कहा- 'दो साल पहले तक भारत में इसकी पर्याप्त मात्रा नहीं थी. मोबाइल 2जी नेटवर्क पर चलते थे और उपभोक्ताओं को महज 1 जीबी डेटा के लिए भी 200 रुपए तक चुकाने पड़ते थे. जियो ने मुफ्त कॉल, बेहद सस्ता डेटा और कम कीमत के स्मार्टफोन दिए, जो किसी क्रांति से कम नहीं है. इससे भारत की डिजिटल इकोनॉमी में...

जब से रिलायंस जियो लॉन्च हुआ है, तभी से आए दिन मीडिया में छाया रहता है. कभी अपने फ्री के ऑफर की बदौलत, तो कभी अपने सस्ते प्लान और फोन की वजह से. एक बार फिर से जियो मीडिया में चर्चा का विषय बना है, लेकिन इस बार ये चर्चा सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है. हो भी क्यों नहीं, काम ही कुछ ऐसा किया है. रिलायंस जियो ने फॉर्च्यून की 'चेंज द वर्ल्ड' की लिस्ट में पहला स्थान प्राप्त कर लिया है. आपको बता दें कि इस लिस्ट में मुनाफा कमाने के उद्देश्य से काम करते हुए दुनिया को मदद करने और सामाजिक समस्याओं को हल करने में मदद करने वाली दुनिया भर की कंपनियों को रैंकिंग दी जाती है. तो आखिर जियो ने ऐसा क्या कर दिया कि उसे फॉर्च्यून ने अपनी इस लिस्ट में शामिल कर लिया. चलिए जानते हैं.

मुफ्त कॉलिंग, सस्ता इंटरनेट डेटा और सस्ते स्मार्टफोन के चलते ये सब मुमकिन हुआ.

लिस्ट में कैसे किया जियो ने टॉप?

अधिकतर लोग ये नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर जियो ने ऐसा क्या किया जो इस लिस्ट में पूरी दुनिया में टॉप कर दिया है. इसका जवाब खुद फॉर्च्यून ने दिया है. उसने कहा है- 'अगर इंटरनेट तक पहुंच को मूल अधिकार माना जाए, तो रिलायंस जियो को इसका सबसे अधिक श्रेय जाता है, जिसने इसकी पहुंच को बढ़ाया है. 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने इंटरनेट तक पहुंच को लोगों का मूलभूत अधिकार घोषित किया था. जियो लोगों को डिजिटल ऑक्सीजन मुहैया कराता है.'

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए फॉर्च्यून ने कहा- 'दो साल पहले तक भारत में इसकी पर्याप्त मात्रा नहीं थी. मोबाइल 2जी नेटवर्क पर चलते थे और उपभोक्ताओं को महज 1 जीबी डेटा के लिए भी 200 रुपए तक चुकाने पड़ते थे. जियो ने मुफ्त कॉल, बेहद सस्ता डेटा और कम कीमत के स्मार्टफोन दिए, जो किसी क्रांति से कम नहीं है. इससे भारत की डिजिटल इकोनॉमी में तेजी आई है.' यानी मुफ्त कॉल, सस्ता डेटा और सस्ता स्मार्टफोन... इन 3 चीजों के दम पर जियो ने बाजी मार ली. अभी तो जियो का गिगाफाइबर भी लॉन्च हुआ है, तो हो सकता है कि अगली बार भी वह टॉप कर दे.

बड़े-बड़े तीस मार खां रह गए पीछे

इस लिस्ट में टॉप करते हुए रिलायंस जियो ने फार्मा दिग्गज मर्क (दूसरे नंबर पर), बैंक ऑफ अमेरिका (तीसरे नंबर पर) और अलीबाबा (5वें नंबर पर) जैसी कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया है. स्पेन की इंडिटेक्स कंपनी चौथे नंबर पर है, जबकि औद्योगिक मशीनरी कंपनी एबीबी 8वें नंबर पर है. वहीं दूसरी ओर नेटवर्क और संचार के क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ह्यूजेज नेटवर्क सिस्टम 10वें नंबर पर है. फॉर्च्यून ने कहा है कि जियो की वजह से सबसे बड़ा फायदा स्टूडेंट, किसान और छोटे कारोबारियों को हुआ है. ये लोग पहले आधुकनिक अर्थव्यवस्था से नहीं जुड़े थे, लेकिन सस्ता इंटरनेट मिलने के बाद ये लोग भी इंटरनेट से जुड़ गए हैं.

आपको बता दें कि फॉर्च्यून 'चेंज द वर्ल्ड' की लिस्ट के लिए उन कंपनियों को चुनती है जो बिजनेस की गतिविधियों के जरिए समाज पर एक सकारात्मक असर डालती हैं. साथ ही, इस लिस्ट में सिर्फ वही कंपनियां शामिल होती हैं, जिनका सालाना रेवेन्यू कम से कम एक अरब डॉलर हो. यहां आपको ये जानना जरूरी है कि रैंकिंग करते समय कंपनी के कारोबारी नतीजे, उसका इनोवेशन और कॉरपोरेट इंटीग्रेशन जैसी चीजों को ध्यान में रखा जाता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही किसी कंपनी को इस लिस्ट में जगह मिलती है. अब अगर रिलायंस जियो ने इस लिस्ट में टॉप किया है तो आप ये तो समझ ही गए होंगे कि यह कंपनी इन सभी मानकों पर खरी उतरी है और इसने समाज पर एक सकारात्मक असर डालते हुए समाज को बदला है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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