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UPI 2.0 : ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर का नया वर्जन क्यों खास है

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 18 अगस्त, 2018 05:56 PM
  • 18 अगस्त, 2018 05:45 PM
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यूपीआई में आप करंट और सेविंग अकाउंट तो पहले ही लिंक कर सकते थे, लेकिन अब वर्जन 2.0 में आप अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट को भी इसमें लिंक करवा सकेंगे. इन नए वर्जन में आपके लिए ऐसे ही 4 खुश कर देने वाले फीचर हैं.

अप्रैल 2016 में लॉन्च हुआ यूपीआई यानी यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस सरकार का एक सफल प्रयास रहा है. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनजसीआई ने बनाया है. यूपीआई की मदद से एक बैंक से दूसरे बैंक में आसानी से पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं. लोग इसका इस्तेमाल भी खूब कर रहे हैं और इसी के चलते अब सरकार ने इसका दूसरा वर्जन भी लॉन्च कर दिया है. यूपीआई 2.0 वर्जन में सुरक्षा में कुछ सुधार करते हुए सरकार ने इसे लॉन्च किया है. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें कुछ नया भी है या फिर सिर्फ वर्जन अपग्रेड किया गया है? तो चलिए जानते हैं इस नए वर्जन में आपको क्या फायदे मिलेंगे.

इन नए वर्जन में आपके लिए 4 खुश कर देने वाले फीचर हैं.

1- ओवरड्राफ्ट अकाउंट को करें लिंक

यूपीआई में आप करंट और सेविंग अकाउंट तो पहले ही लिंक कर सकते थे, लेकिन अब वर्जन 2.0 में आप अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट को भी इसमें लिंक करवा सकेंगे. यानी अब यूपीआई के जरिए आप अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट से भी भुगतान कर सकेंगे. आपको बता दें कि ओवरड्राफ्ट वह सुविधा होती है, जिसे कोई शख्स अपने खाते में पैसे ना होने पर भी पैसे निकाल सकता है. यह सुविधा हर ग्राहको को नहीं मिलती है और जिसे मिलती है, उसे भी कुछ सीमा के साथ दी जाती है.

2- वन टाइम मैनडेट

आपने भी पोस्ट डेटेट चेक यानी भविष्य की किसी तारीख का चेक कभी न कभी तो किसी को दिया ही होगा. ये फीचर भी ठीक वैसे ही काम करेगा. अगर आपको किसी शख्स को बाद में पैसे भेजने हैं तो आप भविष्य की उस तारीख के लिए भी पहले से ही निर्देश दे सकते हैं. तय तारीख पर अपने आप आपको खाते से पैसे कट जाएंगे और जिसे भेजना चाहते...

अप्रैल 2016 में लॉन्च हुआ यूपीआई यानी यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस सरकार का एक सफल प्रयास रहा है. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनजसीआई ने बनाया है. यूपीआई की मदद से एक बैंक से दूसरे बैंक में आसानी से पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं. लोग इसका इस्तेमाल भी खूब कर रहे हैं और इसी के चलते अब सरकार ने इसका दूसरा वर्जन भी लॉन्च कर दिया है. यूपीआई 2.0 वर्जन में सुरक्षा में कुछ सुधार करते हुए सरकार ने इसे लॉन्च किया है. अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें कुछ नया भी है या फिर सिर्फ वर्जन अपग्रेड किया गया है? तो चलिए जानते हैं इस नए वर्जन में आपको क्या फायदे मिलेंगे.

इन नए वर्जन में आपके लिए 4 खुश कर देने वाले फीचर हैं.

1- ओवरड्राफ्ट अकाउंट को करें लिंक

यूपीआई में आप करंट और सेविंग अकाउंट तो पहले ही लिंक कर सकते थे, लेकिन अब वर्जन 2.0 में आप अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट को भी इसमें लिंक करवा सकेंगे. यानी अब यूपीआई के जरिए आप अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट से भी भुगतान कर सकेंगे. आपको बता दें कि ओवरड्राफ्ट वह सुविधा होती है, जिसे कोई शख्स अपने खाते में पैसे ना होने पर भी पैसे निकाल सकता है. यह सुविधा हर ग्राहको को नहीं मिलती है और जिसे मिलती है, उसे भी कुछ सीमा के साथ दी जाती है.

2- वन टाइम मैनडेट

आपने भी पोस्ट डेटेट चेक यानी भविष्य की किसी तारीख का चेक कभी न कभी तो किसी को दिया ही होगा. ये फीचर भी ठीक वैसे ही काम करेगा. अगर आपको किसी शख्स को बाद में पैसे भेजने हैं तो आप भविष्य की उस तारीख के लिए भी पहले से ही निर्देश दे सकते हैं. तय तारीख पर अपने आप आपको खाते से पैसे कट जाएंगे और जिसे भेजना चाहते हैं, उसके खाते में पहुंच जाएंगे. यह फीचर उन लोगों के बहुत काम आएगा जो कई सारे काम होने के चलते अक्सर भुगतान करना भूल जाते हैं. इसका इस्तेमाल ऐसे भी किया जा सकता है कि अगर आप कोई कैब बुक करें तो पहले पैसे ना दें और यूपीआई से भुगतान का विकल्प चुनें. आपको इसके बाद यह विकल्प चुनना होगा कि यात्रा पूरी होने पर पैसे कटें.

3- इनबॉक्स में मिलेगी इनवॉइस

यूपीआई का नया वर्जन ग्राहकों को धोखाधड़ी से भी बचाने में सहायक होगा. एनपीसीआई के मुताबिक यूपीआई के वर्जन 2.0 में मर्चेंट अपने ग्राहकों के इनबॉक्स में इनवॉइस भेज सकेगा. ऐसे में ग्राहक पहले इनवॉइस को देख लेंगे और उसके बाद भुगतान करेंगे. इस तरह आपको भी ये कनफर्म हो जाएगा कि आप कितने रुपयों का भुगतान कर रहे हैं और साथ ही आप सारी डीटेल्स को वेरिफाई भी कर सकेंगे.

4- क्यूआर कोड वेरिफिकेशन

ग्राहकों से कोई धोखा ना हो, इसके लिए क्यूआर कोड वेरिफिकेशन का नया फीचर काफी मददगार होगा. जैसे ही आप किसी मर्चेंट का क्यूआर कोड स्कैन करेंगे, वैसे ही आपको पता चल जाएगा कि वह मर्चेंट वेरिफाइड यूपीआई यूजर है या नहीं.

यूपीआई ने अपने इस अपडेटेड वर्जन में एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, आरबीएल बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, फेडरल बैंक और एचएसबीसी ने हाथ मिलाया है. जुलाई 2018 में यूपीआई से होने वाले लेन-देन थोड़ी गिरावट भी दर्ज की गई थी, जिसके बाद भी यूपीआई का एडवांस होना काफी जरूरी था. एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक जून में यूपीआई के जरिए 24.6 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए थे, जबकि जुलाई में यह आंकड़ा गिरकर 23.56 करोड़ पर आ गया. यूपीआई का नया वर्जन लॉन्च होने के बाद उम्मीद है कि इसके ट्रांजेक्शन में फिर से बढ़ोत्तरी होगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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