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Remix के नाम पर पुराने क्लासिक्स गानों का बलात्कार अब रुकना चाहिए!

    • अनु रॉय
    • Updated: 19 नवम्बर, 2019 07:36 PM
  • 19 नवम्बर, 2019 07:36 PM
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जिस तरह से पिछले कुछ सालों से रीमिक्स के नाम पर पुराने हिंदी गानों को कानफोड़ू म्यूज़िक और बकवास रैप के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है, वो दिन दूर नहीं जब संगीत प्रेमी सच में म्यूज़िक-इंडस्ट्री का साथ छोड़कर उसे अकेला कर देंगे.

बॉलीवुड से क्रीएटिविटी दिन-ब-दिन दूर होती जा रही है. जहां हिंदी फ़िल्में हॉलीवुड से ले कर साउथ की फ़िल्मों की कॉपी होती हैं, वही रीमिक्स के नाम पर पुराने क्लासिक्स गानों का बलात्कार बदस्तूर जारी है. नाइनटीज़ के वो सदाबहार गानें जिन्हें सुन कर लाखों दिल पहली बार धड़के होंगे, इन दिनों कान-फोड़ू म्यूज़िक और बकवास रैप के साथ परोसे जा रहे हैं. जो गाने की ख़ूबसूरती को तो बर्बाद कर ही रहे हैं, साथ लोगों की यादों में भी कांटा बो रहे हैं. दिलबर-दिलबर से के कर लड़की शहर की लड़की, आंख मारे वो लड़की आंख मारे सभी को नए फ़िल्म या अल्बम में रीमिक्स के नाम पर तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहें. गानों को बर्बाद करने की इस कड़ी में कल एक और गाना जुड़ गया. जो आज यूट्यूब पर न जाने क्यों ट्रेंड भी कर रहा. मैं बात कर रही हूं  राधिका और विनय स्प्रू द्वारा निर्देशित गाना 'याद पिया की आने लगी.' जिसमें एक बार फिर से ऐक्टिंग करने की वाहियात कोशिश दिव्या खोसला ने की है.

बॉलीवुड में ट्रेंड स्टार्ट हो गया है 90 के दशक के गानों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें रीमिक्स बनाने का

जी ये गाना नाइनटीज़ के सबसे हिट गानों में से एक गाना था. जिसे गाया था फाल्गुनी पाठक ने. तब जो बड़े हो रहे थे उनके लिए ये सिर्फ़ गाना भर नहीं मुहब्बत का पहला एहसास है मगर उस एहसास की किसको पड़ी है. ख़ैर, पति अगर अमीर हो साथ में टी-सिरीज़ जितनी बड़ी कम्पनी का मालिक हो तो आप कुछ भी, मतलब चोटी पकड़ कर नाच सकते हो और उसे एक्टिंग के नाम आपका पति प्रमोट भी करेगा.

हद होती है! ठीक है. आप ख़ूबसूरत हैं. पप्पी फ़ेस हैं लेकिन इसका ये मतलब थोड़े ही हैं कि आप 90’s में बड़ी हो रहीं लाखों लड़कियों के सबसे प्यारे गाने को यूं बर्बाद कर देंगी. जी हां , मैं बात कर रही हूं 'याद पिया की आने लगी'...

बॉलीवुड से क्रीएटिविटी दिन-ब-दिन दूर होती जा रही है. जहां हिंदी फ़िल्में हॉलीवुड से ले कर साउथ की फ़िल्मों की कॉपी होती हैं, वही रीमिक्स के नाम पर पुराने क्लासिक्स गानों का बलात्कार बदस्तूर जारी है. नाइनटीज़ के वो सदाबहार गानें जिन्हें सुन कर लाखों दिल पहली बार धड़के होंगे, इन दिनों कान-फोड़ू म्यूज़िक और बकवास रैप के साथ परोसे जा रहे हैं. जो गाने की ख़ूबसूरती को तो बर्बाद कर ही रहे हैं, साथ लोगों की यादों में भी कांटा बो रहे हैं. दिलबर-दिलबर से के कर लड़की शहर की लड़की, आंख मारे वो लड़की आंख मारे सभी को नए फ़िल्म या अल्बम में रीमिक्स के नाम पर तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहें. गानों को बर्बाद करने की इस कड़ी में कल एक और गाना जुड़ गया. जो आज यूट्यूब पर न जाने क्यों ट्रेंड भी कर रहा. मैं बात कर रही हूं  राधिका और विनय स्प्रू द्वारा निर्देशित गाना 'याद पिया की आने लगी.' जिसमें एक बार फिर से ऐक्टिंग करने की वाहियात कोशिश दिव्या खोसला ने की है.

बॉलीवुड में ट्रेंड स्टार्ट हो गया है 90 के दशक के गानों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें रीमिक्स बनाने का

जी ये गाना नाइनटीज़ के सबसे हिट गानों में से एक गाना था. जिसे गाया था फाल्गुनी पाठक ने. तब जो बड़े हो रहे थे उनके लिए ये सिर्फ़ गाना भर नहीं मुहब्बत का पहला एहसास है मगर उस एहसास की किसको पड़ी है. ख़ैर, पति अगर अमीर हो साथ में टी-सिरीज़ जितनी बड़ी कम्पनी का मालिक हो तो आप कुछ भी, मतलब चोटी पकड़ कर नाच सकते हो और उसे एक्टिंग के नाम आपका पति प्रमोट भी करेगा.

हद होती है! ठीक है. आप ख़ूबसूरत हैं. पप्पी फ़ेस हैं लेकिन इसका ये मतलब थोड़े ही हैं कि आप 90’s में बड़ी हो रहीं लाखों लड़कियों के सबसे प्यारे गाने को यूं बर्बाद कर देंगी. जी हां , मैं बात कर रही हूं 'याद पिया की आने लगी' गाने और दिव्या खोसला की. जिसे टी सिरीज़ ने क़ल यूट्यूब पर रिलीज़ किया है. आवाज़ सुर-साम्राज्ञी, महा-सेक्सी नेहा-कक्कड़ जी की है. नेहा जी पर तो बाद में आउंगी. पहले दिव्या जी और एल्बम की बात कर लें.

एल्बम दुनिया समाप्त होने के बाद 2030 में बनी है. जिसमें एक रोबोट को कोई रिकॉर्डिंग मिलती है. रिकॉर्डिंग में एक लड़का कोन्स्टिपेटेड आवाज़ में किसी लड़की के लिए मैसेज कह रहा होता. वो लड़की सितारा यानि दिव्या खोसला जी हैं. जो उसी लड़के के कॉलेज में अपने प्रेमी को मनाने के लिए गयी होती हैं जहां ये महोदय उन्हें देखते हैं और अपना दिल हार बैठते हैं. फिर जब वो दिव्या जी को कंगना रानावत की स्टाइल की भद्दी कॉपी करके अपने महबूब के ब्याह में नाचते देखते हैं तो उन्हें उस पल में रियल-वाल इश्क़ हो जाता है सितारा से. वो स्वयं कहते हैं, 'उस दिन जब तुम उसकी शादी में टल्ली हो कर नाची थी तब कॉलेज वाले प्यार से फ़ॉर-एवर वाला प्यार हो गया था तुमसे. बाई-गॉड!'

और फिर आप देखते हैं कि सितारा जी मैगी में शराब मिला कर पीती हैं. होंठो से नोट पकड़ कर अपने महबूब की नज़र उतारती है. फिर फ़िल्म स्टार बन जाती हैं और आख़िर में शायद मर-मुर जाती हैं. लड़का रियल में तब ये सब उनसे कह नहीं पाता लेकिन आख़िर में 2030 सितारा के पास वो मैसेज रोबोट के ज़रिए पहुंचता है और गाना यहीं ख़त्म होता मगर कहानी नहीं. लिखा आता है स्क्रीन पर, 'To be continued..!'

तो ये तो हुई एल्बम कहानी की बात. अब आते हैं दिव्या जी की ऑस्कर विनिंग एक्टिंग पर. मोहतरमा ने 'हनी-हनी' गाने से बॉलीवुड में या यूं कह लें टी-सिरीज़ में एंट्री मारी थी. तब से लेकर अब तक एक्टिंग के नाम पर अपनी की हुई दो-तीन कालजयी फ़िल्मस और एकाध गाने में वही आंखें गोल करके दुःखी वाले इक्स्प्रेसन, ख़ुशी से ले कर ग़म, पहला प्यार होने से दिल-टूटने तक के लिए देती आयी हैं.

हां, इसमें देवी जी ने नृत्य के नाम पर अपनी चुटिया पकड़ कर कुछ अलग करने की कोशिश की है. लेकिन सच कह रही हूं अगर ग़ौर से उस दृश्य को देख लीजिए तो आंखों में घेंघा या कर्क रोग हो जाएगा. ऊपर से गाने में आवाज़ की बात करें तो आहा! नेहा जी की एक जैसी आवाज़ जो दर्द में भी सेक्सी ही साउंड करतीं हैं उन्होंने इस गाने को पूरी तरह से सत्यानाश कर दिया है. सुन कर लगता है कान में फोले पड़ जायेंगे.

अब आप सोच रहें होंगे कि जब गाना इतना ही बुरा लगा तो उस पर इतना लिख क्यों रहीं. इग्नोर कर देती! तो आप सही सोच रहें. मैं कई बार नाइनटीज़ के गानों के साथ हो रहे बलात्कार को सुन कर भी कुछ नहीं लिखती मगर ये गाना 'याद पिया की आने लगी' तब आयी थी जब मैं आंठवीं में पढ़ती थी.

क्रश और प्यार का मतलब धीरे-धीरे समझ आ रहा था. दिसम्बर की सर्द गुलाबी शाम को ट्यूशन से लौटते वक्त कोई ये गाना गली में बजाता था. इस गाने को पहली बार टीवी पर देखा तो वैसा ही लहंगा सिलवाया था और न्यू-ईयर की पार्टी में अपने क्रश के सामने कई बार बहाने से गुज़री थी. चोर नज़र से उसने कई बार मुझे देखा भी था.

नाइनटीज़ में बड़े हो रहे हमारी जनरेशन के लिए 'याद पिया की आने लगी' सिर्फ़ गाना नहीं है. शायद प्यार का पहला अहसास है. ये गाना कईयों की ज़िंदगी के सबसे मुलायम लम्हों में से एक लम्हा है. शेम ऑन यू टी-सिरीज़. इतनी बड़ी कम्पनी है. दुनिया में क्रीएटिव संगीतकार और गीतकारों की कमी नहीं है. प्लीज़ नए लोगों को मौक़ा दीजिए. आख़िर कब तक रीमिक्स के नाम पर कानों से पब्लिक के लहू निकालते रहेंगे. अब बस कीजिए. फिर से बहुत शुक्रिया एक और ख़ूबसूरत गाने को बर्बाद करने के लिए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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