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उजड़ा चमन हकीकत तो है लेकिन उतनी हसीन नहीं

    • आईचौक
    • Updated: 01 नवम्बर, 2019 02:47 PM
  • 01 नवम्बर, 2019 02:47 PM
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'टकले की पहली और असली फिल्म' टैगलाइन के साथ Ujda Chaman रिलीज तो हो गई लेकिन अगर सवाल ये है कि क्या ये फिल्म वास्तव में लोगों को प्रभावित करती है? तो जवाब है नहीं.

फिल्में समाज का आईना होती हैं और बहुत खुशी है कि गंजेपन को लेकर भी एक फिल्म रिलीज हुई है. जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि फिल्म jda Chaman समय से पहले बाल झड़ जाने वाले लोगों के जीवन और परेशानियों पर आधारित है. लेकिन अच्छी बात ये है कि जो अब तक आम आदमी की परेशानी और शर्म हुआ करती थी वो अब फिल्म के रूप में दर्शकों के सामने आई है. 'टकले की पहली और असली फिल्म' टैगलाइन के साथ उजड़ा चमन रिलीज तो हो गई लेकिन अगर सवाल ये है कि क्या ये फिल्म वास्तव में लोगों को प्रभावित करती है? तो जवाब है नहीं.

फिल्म उजड़ा चमन दिल्ली के एक मिडिल क्लास घर की कहानी है जिसका मुख्य किरदार है चमन. चमन हिंदी का प्रोफेसर है और 30 साल का उम्र में ही उसके आधे से ज्यादा बाल झड़ चुके हैं. और यही वजह है कि उसकी शादी नहीं हो रही. पंडितों को कहना है कि अगर 31 से पहले चमन की शादी न हुई तो वो आजीवन कुंवारा रहेगा. उम्र के इस पड़ाव पर चमन के हार्मोन अपने चरम पर हैं और परेशानी ये है कि उसकी शादी नहीं हो रही. घरवाले परेशान हैं और चमन मायूस. इसी जद्दोजहद में चमन क्या-क्या करता है वो इस फिल्म में दिखाया गया है.

फिल्म उजड़ा चमन अच्छी है लेकिन बहुत प्रभावी नहीं

फिल्म में चमन का किरदार निभा रहे हैं सन्नी सिंह जिनकी पिछली फिल्म थी Sonu Ke Titu Ki Sweety. अपने उड़े हुए बालों की वजह से सनी पहचाने नहीं जा रहे हैं. फिल्म के निर्देशक हैं अभिषेक पाठक और कुमार मंगत पाठक इसके प्रोड्यूसर हैं. इसमें सनी सिंह के साथ मानवी गागरू, करिश्मा शर्मा, एश्वर्या सखुजा, सौरभ शुक्ला और अतुल कुमार जैसे एक्टर्स नजर आएंगे. जो अपने अपने किरदार में फिट नजर आते हैं.

फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई

जिस भारत में हर 10 में से कम से कम 2 व्यक्ति गंजेपन के...

फिल्में समाज का आईना होती हैं और बहुत खुशी है कि गंजेपन को लेकर भी एक फिल्म रिलीज हुई है. जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि फिल्म jda Chaman समय से पहले बाल झड़ जाने वाले लोगों के जीवन और परेशानियों पर आधारित है. लेकिन अच्छी बात ये है कि जो अब तक आम आदमी की परेशानी और शर्म हुआ करती थी वो अब फिल्म के रूप में दर्शकों के सामने आई है. 'टकले की पहली और असली फिल्म' टैगलाइन के साथ उजड़ा चमन रिलीज तो हो गई लेकिन अगर सवाल ये है कि क्या ये फिल्म वास्तव में लोगों को प्रभावित करती है? तो जवाब है नहीं.

फिल्म उजड़ा चमन दिल्ली के एक मिडिल क्लास घर की कहानी है जिसका मुख्य किरदार है चमन. चमन हिंदी का प्रोफेसर है और 30 साल का उम्र में ही उसके आधे से ज्यादा बाल झड़ चुके हैं. और यही वजह है कि उसकी शादी नहीं हो रही. पंडितों को कहना है कि अगर 31 से पहले चमन की शादी न हुई तो वो आजीवन कुंवारा रहेगा. उम्र के इस पड़ाव पर चमन के हार्मोन अपने चरम पर हैं और परेशानी ये है कि उसकी शादी नहीं हो रही. घरवाले परेशान हैं और चमन मायूस. इसी जद्दोजहद में चमन क्या-क्या करता है वो इस फिल्म में दिखाया गया है.

फिल्म उजड़ा चमन अच्छी है लेकिन बहुत प्रभावी नहीं

फिल्म में चमन का किरदार निभा रहे हैं सन्नी सिंह जिनकी पिछली फिल्म थी Sonu Ke Titu Ki Sweety. अपने उड़े हुए बालों की वजह से सनी पहचाने नहीं जा रहे हैं. फिल्म के निर्देशक हैं अभिषेक पाठक और कुमार मंगत पाठक इसके प्रोड्यूसर हैं. इसमें सनी सिंह के साथ मानवी गागरू, करिश्मा शर्मा, एश्वर्या सखुजा, सौरभ शुक्ला और अतुल कुमार जैसे एक्टर्स नजर आएंगे. जो अपने अपने किरदार में फिट नजर आते हैं.

फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई

जिस भारत में हर 10 में से कम से कम 2 व्यक्ति गंजेपन के शिकार हों, तब इस सब्जेक्ट पर फिल्म बनाना तारीफ की बात है. लेकिन फिल्म रिलाज हो जाने के बाद लेखक और निर्देशक की तारीफ उतनी नहीं हो रही. jda Chaman , 2017 की हिट कन्नड़ फिल्म ओंडू मोट्टेया कठे का रीमेक है. और इसीलिए फिल्म को देखने की उत्सुकता बनी हुई थी लेकिन उजड़ा चमन ओंडू मोट्टेया कठे से काफी अलग है और देखने के बाद सारी उत्सुकता खत्म कर देती है. वजह कई हैं. फिल्म के डायलॉग पर हंसी तो आती है, लेकिन ऐसे नहीं जिन्हें आप याद रख सकें. सेक्स और वर्जिनिटी पर एक बिंदास पंजाबी फैमिली की बातें आपको जरूर हंसाती हैं. फिल्म स्लो और कमजोर लगती है. फिल्म में न तो ठीक तरह से ह्यूमर डाला गया है और न ही इमोशन्स का सही इस्तेमाल किया गया है. और इसी वजह से फिल्म बोरिंग लगती है. हालांकि सनी सिंह की एक्टिंग वास्तव में लाजवाब है लेकिन ओवरऑल फिल्म प्रभावित नहीं करती.

फिल्म कन्नड़ फिल्म ओंडू मोट्टेया कठे का रीमेक है, लेकिन उसके जितनी सफल नहीं

अगर स्टार देखकर फिल्म देखने जाते हैं तो शायद आप नहीं जाना चाहेंगे क्योंकि फिल्मी क्रिटिक्स ने इसे स्टार 1.5 या 2 स्टार दिए हैं. बहुतों ने तो इसे श्योर शॉट फ्लाप कह रहे हैं.  

जो लोग गंजेपन के शिकार हैं वो ये फिल्म जरूर देखें

ये फिल्म उनके लिए सबसे मुफीद है जो लोग अपने रूप और रंग की वजह से खुद को कमतर समझते हैं. और बॉडी शेमिंग का शिकार होते हैं. शायद इस फिल्म को देखकर उन्हें कुछ अपना सा लगे और बहुत कुछ समझने को भी मिले. फिल्म एक संदेश जरूर देती है कि अपने पार्टनर को उसके लुक्स की वजह से जज नहीं करना चाहिए.

ये फिल्म देखकर आए लोगों ने इसके लिए मिक्स रिएक्शन दिए हैं शायद आपके काम आ जाएं.

माना जा रहा है कि सनी सिंह की फिल्म उजड़ा चमन अपने ओपनिंग डे पर 1 से 1.5 करोड़ की कमाई कर सकती है. जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई करने के संकेत नहीं देती. लेकिन अगर आपके पास कोई और ऑप्शन न हो तो इस वीकेंड ये फिल्म देख सकते हैं.

जानकारों की मानें तो फिल्म के खराब रिव्यू का असर अगले सप्ताह रिलीज होने वाली फिल्म 'bala' पर भी पड़ सकता है. बाला आयुष्मान खुराना की फिल्म है और वो भी इसी विषय पर बनी है. हालांकि कहानी दोनों की अलग है. लेकिन एक कॉन्सेप्ट पर बनी दो फिल्मों में से पहली अगर निराश करती है तो दर्शक दूसरी फिल्म के प्रति अपना नजरिया बदल लेते हैं. लेकिन हमारा कहना तो ये है कि ये फिल्म एक बार देखनी जरूर चाहिए, क्योंकि आयुष्मान खुराना की बाला तो आप मिस नहीं कर सकते. लेकिन इसी बहाने आप दोनों फिल्मों का अंतर समझ सकते हैं. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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