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क्या अनुपम खेर अब योगी आदित्य नाथ से माफी मांगेंगे?

    • शुभम गुप्ता
    • Updated: 27 मार्च, 2017 11:01 AM
  • 27 मार्च, 2017 11:01 AM
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अनुपम खेर ने हमेशा बीजेपी का समर्थन किया है, लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ को जेल भेजने की बात कह डाली?

अनुपम खेर पिछले एक दो वर्षों से राजनीति में काफी रुचि लेते नजर आ रहे हैं. देश में जो भी मुद्दा हो अनुपम उसमें ना कूदें ऐसा कम ही देखने को मिलता है. फिर चाहें देश में बढ़ती असहिष्णुता का मुद्दा हो या फिर सरहद पर जवानों के शहीद होने का या फिर FTII का मुद्दा ही क्यों ना हो. सभी मुद्दों पर अनुपम खेर कहीं ना कहीं बीजेपी का बचाव करते नजर आते है. सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना हो फिर टीवी पर बहस ही क्यों ना करनी पड़े. बीजेपी के लिए खेर का अनुपम प्रेम हमेशा देखने को मिलता है. बीजेपी भी अनुपम खेर को समर्थन देती नजर आई है. मगर पिछले साल जब अनुपम खेर बैंगलुरु में एक अख़बार के कार्यक्रम में पहुंचे थे तब बहस का मुद्दा था ‘असहिष्णुता ‘. कई बड़े नेता और पत्रकार भी यहां पहुंचे और बहस का हिस्सा बने थे.

जब अनुपम खेर की बारी आयी तब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि देश बहुत आगे बढ़ रहा है. देश को पहली बार एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो दिन में 18 घंटे काम करता है. जिसके होने से पता चलता है कि हाँ देश में कोई तो है जो काम कर रहा है.

मगर अनुपम खेर ने कहा, "बीजेपी में कुछ ऐसे नेता हैं जो कुछ भी बोलते हैं. फिर वो चाहें साध्वी हो या फिर योगी हो. इनको जेल में डाल देना चाहिए, इनको पिटना चाहिए. ॐ नम: शिवाय....". जी हाँ, ये माननीय अनुपम जी के ही शब्द थे. मगर इस पर जब योगी आदित्य नाथ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अनुपम खेर रियल लाइफ के भी विलन हैं.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिस योगी आदित्य नाथ को अनुपम खेर जेल में डालने की बात कर रहे थे या जिसे पार्टी से निकालने की...

अनुपम खेर पिछले एक दो वर्षों से राजनीति में काफी रुचि लेते नजर आ रहे हैं. देश में जो भी मुद्दा हो अनुपम उसमें ना कूदें ऐसा कम ही देखने को मिलता है. फिर चाहें देश में बढ़ती असहिष्णुता का मुद्दा हो या फिर सरहद पर जवानों के शहीद होने का या फिर FTII का मुद्दा ही क्यों ना हो. सभी मुद्दों पर अनुपम खेर कहीं ना कहीं बीजेपी का बचाव करते नजर आते है. सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करना हो फिर टीवी पर बहस ही क्यों ना करनी पड़े. बीजेपी के लिए खेर का अनुपम प्रेम हमेशा देखने को मिलता है. बीजेपी भी अनुपम खेर को समर्थन देती नजर आई है. मगर पिछले साल जब अनुपम खेर बैंगलुरु में एक अख़बार के कार्यक्रम में पहुंचे थे तब बहस का मुद्दा था ‘असहिष्णुता ‘. कई बड़े नेता और पत्रकार भी यहां पहुंचे और बहस का हिस्सा बने थे.

जब अनुपम खेर की बारी आयी तब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि देश बहुत आगे बढ़ रहा है. देश को पहली बार एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो दिन में 18 घंटे काम करता है. जिसके होने से पता चलता है कि हाँ देश में कोई तो है जो काम कर रहा है.

मगर अनुपम खेर ने कहा, "बीजेपी में कुछ ऐसे नेता हैं जो कुछ भी बोलते हैं. फिर वो चाहें साध्वी हो या फिर योगी हो. इनको जेल में डाल देना चाहिए, इनको पिटना चाहिए. ॐ नम: शिवाय....". जी हाँ, ये माननीय अनुपम जी के ही शब्द थे. मगर इस पर जब योगी आदित्य नाथ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अनुपम खेर रियल लाइफ के भी विलन हैं.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिस योगी आदित्य नाथ को अनुपम खेर जेल में डालने की बात कर रहे थे या जिसे पार्टी से निकालने की बात कर रहे थे, बीजेपी ने उसे ही यूपी का मुख्यमंत्री बना दिया है. जिस दिन से योगी मुख्यमंत्री बने हैं उस दिन से ही लोग अनुपम खेर से सवाल पूछते नजर आ रहे हैं. मगर अनुपम अब किसी भी शख्स का जवाब नहीं दे पा रहे हैं. ना ही मीडिया के सामने आते हैं.

अनुपम खेर का कहीं ना कहीं दिल तो टूटा है तभी तो उन्होंने अब तक योगी को बधाई भी नहीं दी है. अनुपम को भी अब एक बात समझनी होगी, अगर उत्तर प्रदेश में रहना है तो योगी-योगी कहना है. फिलहाल अब देखना होगा कि अनुपम खेर मुख्यमंत्री योगी से माफी मांगते हैं या नहीं. क्योंकि बीजेपी के कई नेता और योगी समर्थक अनुपम खेर से बहुत नाराज हैं. ऐसे में अनुपम क्या करेंगे ये तो वो ही जाने.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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