• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

विदेशियों की नजर में कितना खरा उतरेंगे योगी आदित्यनाथ?

    • जगत सिंह
    • Updated: 24 मार्च, 2017 05:23 PM
  • 24 मार्च, 2017 05:23 PM
offline
भारतीय मीडिया ने तो जो कवरेज किया सो किया, लेकिन विदेशी मीडिया भी योगी आदित्यनाथ पर खासी रुची ले रही है. अमेरिका से लेकर पाकिस्तान तक देखिए क्या लिखा है योगी के बारे में.

दुनिया भर की मीडिया की निगाहें भारत के सबसे बड़े 20 करोड़ की आवादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चुनाव पर तो रही ही, भाजपा के अप्रत्याशित सफलता ने भी विदेशी समाचार पत्रो की सुर्खियां बटोरीं. इसके बाद, जैसे ही योगी आदित्य नाथ को प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाये जाने की बात पक्की हुयी तब ग्लोबल मीडिया ने उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को कवर करना शुरू किया और इसकी बहुत तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली.

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने पर त्योरियां चढ़ाई थीं, ठीक वैसी ही प्रतिक्रिया आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश सीएम बनने पर भी दी. न्यूयॉर्क टाइम्स का मनना है कि आदित्यनाथ योगी धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए स्तब्धकारी है. न्यूयार्क टाइम्स ने अपने 23 मार्च को प्रकाशित संपादकीय के शीर्षक में ही लिखा है कि मोदी हिंदू कट्टरपंथियों के भरोसे चल रहे हैं. संपादकीय के मुताबिक वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नरेंद्र मोदी ने पार्टी के कट्टरपंथी हिंदुओं को लुभाना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही वह विकास और आर्थिक बढ़ोतरी के धर्मनिरपेक्ष लक्ष्यों की भी जमकर पैरवी की है. संपादकीय के अनुसार चिंता इस बात की है मोदी ने देश में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा को मौन स्वीकृति दे दी है. इससे साफ है कि आगामी 2019 के चुनाव में भी चुनावी गणित बैठानी शुरू हो जाएगी. संपादकीय पर भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आयी है.

19 मार्च को पाकिस्तान के तमाम बड़े अख़बारों ने योगी के उत्तर परदेश के मुख्यमंत्री बनाने के बाद चिंता प्रगट की और उन्हें  मुस्लिम विरोधी और उग्र हिंदूवादी नेता बताना शुरू...

दुनिया भर की मीडिया की निगाहें भारत के सबसे बड़े 20 करोड़ की आवादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चुनाव पर तो रही ही, भाजपा के अप्रत्याशित सफलता ने भी विदेशी समाचार पत्रो की सुर्खियां बटोरीं. इसके बाद, जैसे ही योगी आदित्य नाथ को प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाये जाने की बात पक्की हुयी तब ग्लोबल मीडिया ने उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को कवर करना शुरू किया और इसकी बहुत तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली.

अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने पर त्योरियां चढ़ाई थीं, ठीक वैसी ही प्रतिक्रिया आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश सीएम बनने पर भी दी. न्यूयॉर्क टाइम्स का मनना है कि आदित्यनाथ योगी धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए स्तब्धकारी है. न्यूयार्क टाइम्स ने अपने 23 मार्च को प्रकाशित संपादकीय के शीर्षक में ही लिखा है कि मोदी हिंदू कट्टरपंथियों के भरोसे चल रहे हैं. संपादकीय के मुताबिक वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नरेंद्र मोदी ने पार्टी के कट्टरपंथी हिंदुओं को लुभाना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही वह विकास और आर्थिक बढ़ोतरी के धर्मनिरपेक्ष लक्ष्यों की भी जमकर पैरवी की है. संपादकीय के अनुसार चिंता इस बात की है मोदी ने देश में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा को मौन स्वीकृति दे दी है. इससे साफ है कि आगामी 2019 के चुनाव में भी चुनावी गणित बैठानी शुरू हो जाएगी. संपादकीय पर भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आयी है.

19 मार्च को पाकिस्तान के तमाम बड़े अख़बारों ने योगी के उत्तर परदेश के मुख्यमंत्री बनाने के बाद चिंता प्रगट की और उन्हें  मुस्लिम विरोधी और उग्र हिंदूवादी नेता बताना शुरू कर दिया.

कुछ सुर्खियों पर ध्यान देना जरूरी है जैसे, पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की वेबसाइट ने कहा कि हिंदुत्व खुलकर सामने आ गया है. हिंदू कट्टरपंथी को भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य का मुख्यमंत्री चुना गया.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की वेबसाइट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने एक हिंदू कट्टरपंथी को उत्तर प्रदेश का नेतृत्व करने की  जिम्मेदारी दी हैं.

जिओ न्यूज़ का मनना है कि बीजेपी ने भारत के सबसे बड़े राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए कुख्यात हिंदू कट्टरपंथी को चुना है.

न्यूयॉर्क टाइम्स कि वेबसाइट ने कहा कि फायरब्रांड हिंदू धर्मगुरु योगी आदित्यनाथ को यूपी का मुख्यमंत्री चुना गया.

टीवी चैनल अलजजीरा की वेबसाइट पर कहा गया कि मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए फायरब्रांड को चुना है, जो एंटी मुस्लिम स्टैंड के लिए मशहूर हैं.

बीबीसी वेबसाइट ने लिखा कि योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री चुने जाने पर विवाद हो रहे हैं पर प्रतिक्रिया चाहें जैसी भी हो, साफ है कि योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री बनना अपने आप में एक बड़ी राजनीतिक घटना है.

गार्डियन का मनना है कि योगी आदिनाथ अब भारत के शक्तिशाली राजनेता हैं, और ये भी संकेत जाता हैं कि अल्पसंख्यक मुस्लिम को बहुसंख्यक हिंदुओं के गुडविल पर निर्भर करना पड़ेगा.

देखने की बात ये है कि योगी की हर नए मुहीम पर जिस तरह भारत की मीडिया कवरेज कर रही है और उनके हर फैसले  पर निगाह बनाये हुए है. योगी को तलवार की धार पर चल कर अपनी छवि के विपरीत मिसाल पेश करनी होगी.

तमाम विदेशी अख़बारों और मीडिया के योगी के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने पर जो अटेंशन दिया ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है. किसी भी दूसरे प्रदेश के साथ-साथ ही भाजपा के फैसले पर जिस तरह चिंता जताई गयी अब योगी आदित्यनाथ के साथ भाजपा के लिए भी अपनी छवि को अंतराष्ट्रीय मीडिया की कसौटी पर खरा उतरने की दोहरी जिम्मेदारी होगी. जवाब तो  भविष्य के गर्त में है.

ये भी पढ़ें-

देखो ओ दीवानों, रोमियो का नाम बदनाम ना करो

योगी की कैबिनेट पॉलिटिक्स जिसमें सबके सब ऐडजस्ट हो गये

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲