• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

जानें क्या चीजें बनाती हैं, आमिर को बॉलीवुड में, मिस्टर परफेक्शनिस्ट

    • मनीष जैसल
    • Updated: 20 जनवरी, 2018 12:22 PM
  • 20 जनवरी, 2018 12:22 PM
offline
बॉलीवुड में आमिर खान उन चुनिन्दा अभिनेताओं में हैं, जो न सिर्फ अपनी फिल्मों की स्क्रिप्ट में, बल्कि अपने व्यक्तित्व में भी खासा बदलाव करते हैं. देखा जाए तो यही बात आमिर की परफेक्टनेस का कारण है.

बॉलीवुड में आमिर खान अपनी परफेक्टनेस के लिए मशहूर हैं. उनका नाम इसलिए भी मशहूर है कि, जहां एक तरफ अभिनेताओं द्वारा साल में ज्यादा से ज्यादा फ़िल्म करने होड़ लगी हुई है वहां आमिर साल भर में सिर्फ एक या 2 फिल्म ही करते हैं. बीते सालों के उनके फिल्मी इतिहास पर नज़र डालें तो वो सभी फ़िल्में किसी न किसी सामाजिक यथार्थ की प्रस्तुति करती हुई ही दिखेंगी. उनकी एक्टिंग भी इन फिल्मों में अपने बढ़ते क्रम में ही नज़र आती हैं. आमिर खान के साल में सिर्फ एक फिल्म करने के तथ्य को उनके फिल्मी आंकड़ें से प्रमाणित भी किया जा सकता है. पिछले दस सालों के रिकॉर्ड को यहां देखिए और जानिए कि वो साल दर साल आमिर ने कितनी फिल्में की हैं.

बॉलीवुड में आमिर उन चुनिंदा अभिनेताओं में हैं जो अपने रोल को लेकर बहुत प्रयोग करते हैं

1- गजिनी 2008

2- 3 इडियट 2009

3- धोबी घाट 2011

4- डेल्ही बेली 2011 (स्पेशल अपीयरेंस)

5- तलाश  2012

6- धूम 3 2013

7- पीके 2014

8- दिल धड़कने दो 2014

9- दंगल 2016

10- सीक्रेट सुपरस्टार 2017

11- ठग्स ऑफ हिंदुस्तान... दिवाली 2018 में रिलीज होने कि घोषणा हो चुकी है.

आमिर को लेकर ये भी मशहूर है कि वो बहुत सेलेक्टिव अभिनेता हैं

बीते दस सालों में आमिर खान द्वारा की गयी फिल्मों के कंटेन्ट पर बात...

बॉलीवुड में आमिर खान अपनी परफेक्टनेस के लिए मशहूर हैं. उनका नाम इसलिए भी मशहूर है कि, जहां एक तरफ अभिनेताओं द्वारा साल में ज्यादा से ज्यादा फ़िल्म करने होड़ लगी हुई है वहां आमिर साल भर में सिर्फ एक या 2 फिल्म ही करते हैं. बीते सालों के उनके फिल्मी इतिहास पर नज़र डालें तो वो सभी फ़िल्में किसी न किसी सामाजिक यथार्थ की प्रस्तुति करती हुई ही दिखेंगी. उनकी एक्टिंग भी इन फिल्मों में अपने बढ़ते क्रम में ही नज़र आती हैं. आमिर खान के साल में सिर्फ एक फिल्म करने के तथ्य को उनके फिल्मी आंकड़ें से प्रमाणित भी किया जा सकता है. पिछले दस सालों के रिकॉर्ड को यहां देखिए और जानिए कि वो साल दर साल आमिर ने कितनी फिल्में की हैं.

बॉलीवुड में आमिर उन चुनिंदा अभिनेताओं में हैं जो अपने रोल को लेकर बहुत प्रयोग करते हैं

1- गजिनी 2008

2- 3 इडियट 2009

3- धोबी घाट 2011

4- डेल्ही बेली 2011 (स्पेशल अपीयरेंस)

5- तलाश  2012

6- धूम 3 2013

7- पीके 2014

8- दिल धड़कने दो 2014

9- दंगल 2016

10- सीक्रेट सुपरस्टार 2017

11- ठग्स ऑफ हिंदुस्तान... दिवाली 2018 में रिलीज होने कि घोषणा हो चुकी है.

आमिर को लेकर ये भी मशहूर है कि वो बहुत सेलेक्टिव अभिनेता हैं

बीते दस सालों में आमिर खान द्वारा की गयी फिल्मों के कंटेन्ट पर बात करेंगे तो यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि उन्होंने अपने किरदार के लिए व्यक्तिगत स्तर पर काफी मेहनत की है. फिर वो चाहे अपनी एक्टिंग को लेकर हो, फिल्म की कहानी को लेकर हो या फिर स्क्रिप्ट को लेकर ही क्यों न हो. यही मेहनत उन्हे मिस्टर परफेक्टनिस्ट बनाती है. वर्तमान में चल रहे उनके प्रोजेक्ट ठग्स ऑफ हिंदुस्तान की शूटिंग आखिरी चरण में है. ऐसे में उनके अगले प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा भी शुरू हो चुकी है. ठग्स ऑफ हिंदुस्तान में आमिर के साथ, अमिताभ, कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख भी नजर आएंगी. फिल्म का निर्देशन विजय कृष्णा आचार्य कर रहे हैं.

बात आमिर के अगले प्रोजेक्ट की करें तो खबरों के अनुसार सीक्रेट सुपरस्टार के निर्देशक अद्वैत चंदन की अगली फिल्म में आमिर कृष्ण की भूमिका में नज़र आने वाले हैं. यह फिल्म महाभारत की सीरीज की तरह बनाई जाएगी. फिल्म से जुड़े लोगों कि मानें तो फिल्म 5 भाग में बनेगी जिसमें लगभग 10 वर्षों का समय लगने की संभावना है. किसी भी फिल्म को साइन करने से पहले आमिर अपने किरदार में पूरी तरह ढल जाते हैं. फिर चाहे वो फिजिकली हो या मेंटली. कृष्ण के रोल के लिए भी उन्हें फिजिकली कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. आमिर खान के पुराने रिकॉर्ड पर अगर ध्यान दें तो इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि महाभारत जैसे बड़े विषय पर फिल्म बनाने के लिए उनकी मेहनत किस स्तर पर होगी. ऊपर से अपनी फिल्म पीके से आलोचनाओं को झेल चुके आमिर के सामने और भी ज्यादा चुनौतियां हैं.

जल्द ही आमिर श्री कृष्ण के रोल में अपने फैंस को चौंकाने वाले हैं

आमिर खान की समाज से जुड़ी कहानियों के बाद धार्मिक कथा कहानियों और प्रसंगों की ओर कदम रखना एक बड़ा संकेत माना जा सकता है. उम्मीद है वो अपने इस प्रोजेक्ट से हिन्दी सिनेमा का धार्मिक काल वापस न लाते हुए कुछ धार्मिक सवालों पर गंभीर चिंतन मनन की ओर दर्शकों को जोड़ने में सफल होंगे.

हालांकि अगर आमिर अपने नए प्रोजेक्ट से ऐसा कर पाने में असफल भी हुए और भक्ति में डूबे हुए दिखे तो दर्शकों के बीच वो अपनी परफेक्टनेस को भुला प्रवचन देने वाले बाबाओं की तरह भी बन सकते हैं. फिल्म यादों की बारात से अपने बचपन से ही फिल्मों में कदम रखने वाले आमिर के लिए अगले 10 साल और भी ज्यादा आकर्षक होंगे. क्योंकि दर्शकों और आलोचकों की नजरें उन पर पल पल टिकी रहती हैं. आमिर के लिए यह भी चुनौतीपूर्ण होगा कि कैसे वो हिन्दी सिनेमा के शुरुआती धार्मिक फिल्मों के युग से इतर फिल्म पर निर्माण कर पाएंगे. धर्म प्रचार का ही माध्यम उनकी फिल्म न बन जाये इसका भी उन्हें खास ख्याल रखना होगा.

ये भी पढ़ें -

सारी हिरोइनों में वो बसती है....

फ़िल्म लगान का विकेट कीपर तंगहाली से मर गया, मगर बॉलीवुड मदद को न आया

सर जो तेरा चकराए... आरडी के 'आरडीएक्स' गाने देंगे सुकून


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲