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The Kerala Story के मंडे कलेक्शन से सिद्ध हुआ, आगे और भी फाइल्स खुलेंगी!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 09 मई, 2023 09:03 PM
  • 09 मई, 2023 09:02 PM
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मंडे तक के बॉक्सऑफिस कलेक्शन ने साबित कर दिया. मृत्युशैया पर अपनी अंतिम सांसे ले रहे बॉलीवुड के लिए वेंटिलेटर सरीखी हैं कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी जैसी फ़िल्में. दोनों ही फिल्मों को जैसी सफलता मिली है, साफ़ है कि इंडस्ट्री इससे प्रेरित होगी और आने वाले वक़्त में हमारे सामने कई फाइल्स खुलेंगी. तमाम स्टोरीज से दो चार होंगे हम.

अपने ट्रेलर लांच के बाद से ही विवादों का सामना करने वाली सुदिप्तो सेन और विपुल अमृतलाल शाह की फिल्म The Kerala Story वो करने में कामयाब हुई जिसका अंदाजा फिल्म के प्रोड्यूसर डायरेक्टर और कास्ट को फिल्म की रिलीज से पहले रहा हो. जैसा कलेक्शन द केरला स्टोरी को अपने शुरूआती दिनों में मिला है, स्वतः इस बात की पुष्टि हो जाती है कि फिल्म इतिहास रचेगी. वहीं इस फिल्म को लेकर क्रिटिक्स की भी दिलचस्प राय है. कहा जा रहा है कि भले ही फिल्म धर्मांतरण, ISIS और लव जिहाद जैसे संवेदनशील टॉपिक पर हो लेकिन बावजूद इसके इसे देखने के लिए थियेटर के बाहर दर्शकों की कतारें हैं उसने मृत्युशैया पर अपनी अंतिम सांसें लेते बॉलीवुड के लिए वेंटिलेटर का काम किया है. 

अपनी सफलता से द केरल स्टोरी ने तमाम फिल्म समीक्षकों को हैरत में डाल दिया है

विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स के बाद, ये दूसरा मौका है जब सिर्फ जनता ही नहीं सरकार और उसके कई नुमाइंदें भी फिल्म के समर्थन में आए हैं. कहा यही गया है कि द केरला स्टोरी बॉलीवुड द्वारा लाई गयी उन चुनिंदा फिल्मों में है जो न केवल लोगों को जागरूक करती है बल्कि ये एक ऐसी फिल्म है जो हमें आईना दिखाती है. आने वाले वक़्त में फिल्म सफलता के क्या नए मानक स्थापित करेगी? जवाब वक़्त देगा मगर जो वर्तमान है और जिस तरह टिकट खिड़की पर टिकट के लिए मारामारी है उसने एक इंडस्ट्री के रूप में बॉलीवुड को बड़ी राहत दी है. 

सुदिप्तो सेन की द केरला स्टोरी को लेकर आगे कुछ बात हो उससे पहले इस फिल्म के अब तक हुए कलेक्शन पर बात कर ली जाए. Sacnilk से प्राप्त जानकारी पर यकीन करें तो फिल्म ने अपनी रिलीज के पहले दिन यानी शुक्रवार को 8 करोड़ की कमाई की थी. शनिवार को ये कलेक्शन 11.22 करोड़ हुए रहा जबकि रविवार को कलेक्शन में जबरदस्त...

अपने ट्रेलर लांच के बाद से ही विवादों का सामना करने वाली सुदिप्तो सेन और विपुल अमृतलाल शाह की फिल्म The Kerala Story वो करने में कामयाब हुई जिसका अंदाजा फिल्म के प्रोड्यूसर डायरेक्टर और कास्ट को फिल्म की रिलीज से पहले रहा हो. जैसा कलेक्शन द केरला स्टोरी को अपने शुरूआती दिनों में मिला है, स्वतः इस बात की पुष्टि हो जाती है कि फिल्म इतिहास रचेगी. वहीं इस फिल्म को लेकर क्रिटिक्स की भी दिलचस्प राय है. कहा जा रहा है कि भले ही फिल्म धर्मांतरण, ISIS और लव जिहाद जैसे संवेदनशील टॉपिक पर हो लेकिन बावजूद इसके इसे देखने के लिए थियेटर के बाहर दर्शकों की कतारें हैं उसने मृत्युशैया पर अपनी अंतिम सांसें लेते बॉलीवुड के लिए वेंटिलेटर का काम किया है. 

अपनी सफलता से द केरल स्टोरी ने तमाम फिल्म समीक्षकों को हैरत में डाल दिया है

विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स के बाद, ये दूसरा मौका है जब सिर्फ जनता ही नहीं सरकार और उसके कई नुमाइंदें भी फिल्म के समर्थन में आए हैं. कहा यही गया है कि द केरला स्टोरी बॉलीवुड द्वारा लाई गयी उन चुनिंदा फिल्मों में है जो न केवल लोगों को जागरूक करती है बल्कि ये एक ऐसी फिल्म है जो हमें आईना दिखाती है. आने वाले वक़्त में फिल्म सफलता के क्या नए मानक स्थापित करेगी? जवाब वक़्त देगा मगर जो वर्तमान है और जिस तरह टिकट खिड़की पर टिकट के लिए मारामारी है उसने एक इंडस्ट्री के रूप में बॉलीवुड को बड़ी राहत दी है. 

सुदिप्तो सेन की द केरला स्टोरी को लेकर आगे कुछ बात हो उससे पहले इस फिल्म के अब तक हुए कलेक्शन पर बात कर ली जाए. Sacnilk से प्राप्त जानकारी पर यकीन करें तो फिल्म ने अपनी रिलीज के पहले दिन यानी शुक्रवार को 8 करोड़ की कमाई की थी. शनिवार को ये कलेक्शन 11.22 करोड़ हुए रहा जबकि रविवार को कलेक्शन में जबरदस्त उछाल देखने को मिला और ये 16 करोड़ पर पहुंचा. द केरला स्टोरी का मंडे कलेक्शन 10.07 करोड़ तक पहुंच गया.

ध्यान रहे शुरूआती 3 दिनों में तो अमूमन फ़िल्में चल ही जाती हैं. लेकिन  कोई भी फिल्म अगर अपनी रिलीज के चौथे दिन डबल डिजिट में कमाई करती है तो उसका इतिहास रचना तय है. और ये बातें यूं ही नहीं है. इसे समझने के लिए हम ब्रह्मास्त्र या पठान का रुख कर सकते हैं. 

 शुरुआत में ही हमने इस बात का वर्णन किया था कि बॉलीवुड मृत्युशैया पर है. जैसी फ़िल्में बॉलीवुड बना रहा है उसे तगतार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में जब हम विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स या फिर सुदिप्तो सेन की द केरला स्टोरी के कलेक्शन को देखते हैं तो कहना गलत नहीं है कि ये फ़िल्में बॉलीवुड के लिए किसी वेंटिलेटर की तरह है जो उसे ज़िंदा रखे हुए हैं. 

आज भले ही विरोध से लेकर समर्थन तक सब कुछ हो रहा हो. मगर इंडस्ट्री के प्रोड्यूसर्स से लेकर डायरेक्टर्स तक सभी को इस बात को समझना होगा कि अब वक़्त बदल चुका है. अब वो वक़्त नहीं है जब दर्शक पर्दे पर दिखाई गयी किसी भी हवा हवाई चीज पर भरोसा कर लेगा. आज फ़िल्में वही चलेंगी जिनमें कहानी हो और वो सीधी और एकदम सपाट हो, ऐसे में चाहे वो विवेक की द कश्मीर फाइल्स हो या फिर सुदिप्तो की द केरल स्टोरी, जब हम इन फिल्मों को देखते हैं तो न केवल ये फ़िल्में सच्ची घटनाओं पर आधारित थी बल्कि निर्देशक ने जिस तरह से इसका चित्रण किया लोगों ने इसे अपने से जोड़ा. 

कह सकते हैं कि पूर्व में द कश्मीर फाइल्स और वर्तमान में द केरल स्टोरी की सफलता इस बात की तस्दीख खुद कर देती है कि अब वक़्त ऐसी ही फिल्मों का है. कह सकते हैं कि कश्मीर फाइल्स के बाद द केरल स्टोरी की सफलता और साथ ही इसका बंपर बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन इंडस्ट्री के तमाम प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स को प्रभावित करेगा और कोई बड़ी बात नहीं कि आने वाले वक़्त में हमारे सामने कई फाइल्स खुलें और हम तमाम स्टोरीज से दो चार हों.

कुल मिलाकर ये कहना कहीं से भी अतिश्योक्ति नहीं है कि द कश्मीर फाइल्स और द केरल स्टोरी की सफलता ने इंडस्ट्री को मुश्किल वक़्त में सर्वाइवल का गुरु मंत्र दे दिया है. बॉलीवुड हवा हवाई चीजें छोड़कर यदि इन्हीं कहानियों पर फोकस करता है तो बच जाएगा. वरना जैसे हाल हैं और जिस तरह दर्शक बॉलीवुड फिल्मों को सिरे से ख़ारिज कर रहे हैं बॉलीवुड का बचना लगभग असंभव है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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