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सनी लियोनी की फिल्‍म बन गई 'दक्षिण भारत की पद्मावत'

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 23 अक्टूबर, 2018 06:27 PM
  • 23 अक्टूबर, 2018 06:27 PM
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सनी लियोनी की रिलीज होने वाली फिल्म वीरामहादेवी पर लोगों का रोष देखकर इतना तो साफ है कि विवादों का सामना कर रही ये फिल्म वैसे ही लोगों द्वारा हाथों हाथ ली जाएगी, जैसा उन्होंने पद्मावती को लिया था.

सनी लियोनी फिर विवादों में हैं. इस बार उनके नए अवतार पर दर्शकों का गुस्सा उतरा है. विरोध करने वाले लोगों ने सनी के नए प्रोजेक्ट को संस्कृति का हनन बताया है. वे जल्द ही तेलुगू मूवी 'वीरामहादेवी' में बतौर लीड एक्टर नजर आने वाली हैं. और फिल्म में वीरामहादेवी बनी सनी को लेकर विरोध की आंच तेज हो गई है. कर्नाटक के सामाजिक संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने फिल्‍म का विरोध करते हुए फिल्म के पोस्टर्स जलाए. संगठन राज्य में सनी के प्रवेश और कन्नड़ फिल्म में उनके रोल को लेकर नाराजगी जता रहा है.

कर्नाटक के लोग इस बात से नाराज हैं कि किसी जमाने में पोर्न स्टार रह चुकी सनी कैसे एक ऐसा रोल कर रही हैं जो कर्नाटक के गर्व से जुड़ा है

फिल्म में सनी को बतौर लीड लिए जाने से लोग कितने नाराज हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, बेंगलुरु के टाउन हाल के सामने कर्नाटक रक्षणा वेदिके संगठन के लोगों ने सनी लियोनी के खिलाफ प्रदर्शन किया. संगठन के लोगों ने सनी के पोस्टर्स जलाए और अपना विरोध प्रकट किया. इस मामले पर कन्नड़ संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके का मत है कि वीरामहादेवी एक वीरांगना थीं. जबकि सनी लियोनी एक पोर्न स्टार हैं. ऐसे में एक पोर्न स्टार द्वारा वीरांगना का किरदार निभाना उनका अपमान है.

ये सनी के प्रति लोगों की नाराजगी ही है जिसके चलते कई कन्नड़ संगठनों ने सनी के बेंगलुरु आगमन का विरोध किया है. हालांकि सनी 3 नवंबर को बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगी ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि पुलिस ने उनकी सुरक्षा के कैसे इन्तेजाम किये हैं. आपको बताते चलें कि 5 भाषाओँ में...

सनी लियोनी फिर विवादों में हैं. इस बार उनके नए अवतार पर दर्शकों का गुस्सा उतरा है. विरोध करने वाले लोगों ने सनी के नए प्रोजेक्ट को संस्कृति का हनन बताया है. वे जल्द ही तेलुगू मूवी 'वीरामहादेवी' में बतौर लीड एक्टर नजर आने वाली हैं. और फिल्म में वीरामहादेवी बनी सनी को लेकर विरोध की आंच तेज हो गई है. कर्नाटक के सामाजिक संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने फिल्‍म का विरोध करते हुए फिल्म के पोस्टर्स जलाए. संगठन राज्य में सनी के प्रवेश और कन्नड़ फिल्म में उनके रोल को लेकर नाराजगी जता रहा है.

कर्नाटक के लोग इस बात से नाराज हैं कि किसी जमाने में पोर्न स्टार रह चुकी सनी कैसे एक ऐसा रोल कर रही हैं जो कर्नाटक के गर्व से जुड़ा है

फिल्म में सनी को बतौर लीड लिए जाने से लोग कितने नाराज हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, बेंगलुरु के टाउन हाल के सामने कर्नाटक रक्षणा वेदिके संगठन के लोगों ने सनी लियोनी के खिलाफ प्रदर्शन किया. संगठन के लोगों ने सनी के पोस्टर्स जलाए और अपना विरोध प्रकट किया. इस मामले पर कन्नड़ संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके का मत है कि वीरामहादेवी एक वीरांगना थीं. जबकि सनी लियोनी एक पोर्न स्टार हैं. ऐसे में एक पोर्न स्टार द्वारा वीरांगना का किरदार निभाना उनका अपमान है.

ये सनी के प्रति लोगों की नाराजगी ही है जिसके चलते कई कन्नड़ संगठनों ने सनी के बेंगलुरु आगमन का विरोध किया है. हालांकि सनी 3 नवंबर को बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगी ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि पुलिस ने उनकी सुरक्षा के कैसे इन्तेजाम किये हैं. आपको बताते चलें कि 5 भाषाओँ में बनने वाली इस फिल्म के प्रोमोशन के लिए सनी बेंगलुरु आ रही हैं.

रानी वीरमहादेवी को कर्नाटक के अलावा पूरे दक्षिण भारत का गौरव माना जाता है.

कौन थीं वीरामहादेवी

1525 ईस्वी में कर्नाटक के मैंगलुरु की शासक रही वीरामहादेवी के बारे में दक्षिण भारत में यही मान्यता है कि, वो भारत की पहली स्वतंत्रता सेनानी थीं. जिन्होंने अपने राज्य को पुर्तगाली आक्रमणकारियों से न सिर्फ बचाया बल्कि मजबूती के साथ उनका मुकाबला किया और उन्हें 6 बार हराया. बताया जाता है कि वीरामहादेवी चौटा राजवंश की रानी थी. चौटा राजवंश मातृसत्तात्मक राज्य था अतः वीरमहादेवी राज्य की रानी बनीं. वीरमहादेवी कर्नाटक की लोकगाथाओं में रची बसी हैं.

यदि कर्नाटक के इतिहास पर नजर डालें तो मिलता है कि इनके पति ने पुर्तगालियों से हाथ मिलाया जिस कारण इन्होंने अपने पति तक को छोड़ दिया. वीरामहादेवी के पति लक्ष्मप्पा अरसा को भी कर्नाटक का वीर योद्धा माना जाता है. मगर लक्ष्मप्पा को पुर्तगालियों को टैक्स देने और उनका प्रभाव स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं थी, जबकि वीरामहादेवी स्वतंत्रता चाहती थीं. अतः इन्होंने जो भी संघर्ष किया वो स्वतंत्रता पाने के लिए किया.

पति के विपरीत वीरामहादेवी का कहना था कि जब राज्य हमारा है तो हम किस अधिकार से इन विदेशियों को टैक्स दें? रानी के इस बर्ताव को पुर्तगालियों ने बड़ी ही गंभीरता से लिया. उन्होंने वीरामहादेवी को नोटिस भेजा कि या तो वो टैक्स दें अन्यथा युद्ध करें. कर्नाटक की भूमि पर मान्यता है कि वीरामहादेवी वो अंतिम भारतीय योद्धा थी जिन्हें अग्निबाण चलाना आता था.

बताया जाता है कि जिस समय युद्ध हुआ वीरामहादेवी अपनी छोटी सेना लेकर पुर्तगाली सेना पर टूट पड़ीं. उन्होंने पुर्तगालियों को गाजर मूली की तरह काट डाला और बुरी तरह परास्त किया. पुर्तगालियों से वीरामहादेवी के कई युद्ध हुए बाद में अपने पति द्वारा की गई गद्दारी के कारण इन्हें पुर्तगालियों से हार का सामना करना पड़ा.

बनवाए कई मंदिर

एक वीर योद्धा होने के साथ साथ वीरामहादेवी काफी धार्मिक भी थी. यदि कर्नाटक के इतिहास पर नजर डालें तो मिलता है कि इन्होंने कर्नाटक में कई सुन्दर और आलिशान मंदिरों का निर्माण कराया है.

विरोध कर रहे लोगों का तर्क है कि सनी का फिल्म में होना संस्कृति का अपमान है

फिल्म को लेकर क्यों हो रहा है विरोध

पूर्व में सनी लियोनी पोर्न एक्ट्रेस रह चुकी हैं. इसी बात ने कर्नाटक रक्षणा वेदिके को मौका दे दिया है कि वो आए और संस्कृति की दुहाई देकर फिल्म का विरोध करे. संगठन का तर्क है कि एक ऐसे समय में जब वीरामहादेवी कर्नाटक के कण-कण में बसती हों. वहां की लोक कथाओं पर उनका राज हो ऐसे में सनी लियोनी को बतौर लीड लेना सभ्यता और भारतीय संस्कृति के साथ खिलवाड़ है.

संगठन का मानना है कि वीरामहादेवी सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं हैं इनकी कहानियों को पूरे देश में ले जाना चाहिए मगर जिस तरह निर्देशक ने इस अहम पात्र के लिए सनी लियोनी को लिया है वो आहत करने वाला है. उनपर फिल्म बननी चाहिए, पर उनका रोल एक पोर्नस्टार से कराकर उनके त्याग और बलिदान का अपमान नहीं करना चाहिए.

तमिल, तेलुगू, मलयालम, हिन्दी और कन्नड़ भाषाओं में बनने वाली इस फिल्म को लेकर संगठन ने कहा है कि यदि इस फिल्म से सनी लियोनी को नहीं हटाया गया तो इस फिल्म का भी सुलूक कुछ वैसा ही होगा जैसा हम फिल्म पद्मावती के साथ देख चुके हैं.

सवाल ये है कि आखिर लोग फिल्म के पत्रों को भगवान का दर्जा क्यों दे देते हैं

तो आखिर कब बंद होगी ये मॉरल पुलिसिंग

सनी का अतीत कुछ भी रहा हो मगर अब वो उस चीज से बाहर आ गयी हैं और सफल हैं. ऐसे में ये कहना कि वो एक फिल्म सिर्फ इसलिए नहीं कर सकती क्योंकि वो पोर्न स्टार रह चुकी हैं. ये बताता है कि हमारे देश के लोगों में मॉरल पुलिसिंग के नाम पर ज्ञान देने की एक लाइलाज बीमारी है. कहना गलत नहीं है कि न तो आज लोगों को तथ्यों से मतलब है और न ही उन्हें पूरी जानकारी है वो सिर्फ भेड़ चाल का हिस्सा हैं.

सनी एक फिल्म कर रही हैं और फिल्म मनोरंजन का माध्यम है ऐसे में बेवजह की बात को तूल देकर उसे जिस तरह मुद्दा बनाया जा रहा है उससे साफ हो गया है कि संस्कृति के कुछ ठेकेदारों की बदौलत हमारा समाज लगातार गर्त के अंधेरे में जा रहा है. यदि इसे रोका नहीं गया तो इसके दूरगामी परिणाम बहुत घातक साबित होंगे. विरोध कर रहे लोगों को याद रखना होगा कि किसी फिल्म में एक्टिंग कर रहा इंसान सिर्फ एक इंसान है और यदि हम उसे भगवान या फिर कोई महान विभूति मान ले रहे हैं तो इसमें गलती उसकी नहीं हमारी है.

इस मामले पर हम बस इतना कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि इस फिल्म पर हो रहे विरोध का फायदा भी निर्माता निर्देशकों को मिलेगा. पहले भले ही ये फिल्म हिट न होती मगर अब जिस तरह इसे लेकर सोशल मीडिया पर बातें की जा रही हैं और फिल्म के विरोध और समर्थन को लेकर समाज दो धड़ों में बंटा है आने वाले वक़्त में फिल्म सुपर हिट साबित होगी और दर्शकों की एक बड़ी संख्या को टिकट विंडो पर खींचेगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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