• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

मातृ के ट्रेलर में एक गलती थी, जिससे MOM बच गई !

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 05 जून, 2017 02:08 PM
  • 05 जून, 2017 02:08 PM
offline
ट्रेलर में ऐसा कुछ भी नहीं बताया गया है कि क्या हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ.. ये सभी सवाल फिल्म देखने के बाद ही पता चलेंगे. हालांकि, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अक्षय खन्ना के रोल को लेकर भी उत्साह कुछ कम नहीं है.

'गलत और बहुत गलत में से चुनना हो तो आप क्या चुनेंगे?' ये एक ऐसा सवाल है जो शायद आपको सोचने पर मजबूर कर दे. क्या किया जाए जब कोई ऑप्शन ही ना हो? आपको मालूम हो कि जो भी होना है वो गलत ही होना है और आप मजबूर हों. कुछ ऐसा ही हो रहा है श्रीदेवी के साथ नई फिल्म 'मॉम' में. फिल्म का ट्रेलर हाल ही में रिलीज किया गया है और इस फिल्म 7 जुलाई को रिलीज होनी है.

एक परिवार है मां-बाप, दो बेटियां, लेकिन हर परिवार में सबकुछ ठीक चले ऐसा कहां होता है? यही होता है देवकी यानि श्रीदेवी के साथ. देवकी और उसकी बड़ी बेटी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. ट्रेलर अचानक एक खुशहाल परिवार को दुखी कर देता है. देवकी और बेटी के बीच की खाई बढ़ जाती है और इसके बाद एक ऐसा पड़ाव आता है जब देवकी को गलत और बहुत गलत में से एक रास्ता चुनना होता है.

मॉम का सस्पेंस ही उसकी सबसे बड़ी ताकत हैट्रेलर में ऐसा कुछ भी नहीं बताया गया है कि क्या हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ.. ये सभी सवाल फिल्म देखने के बाद ही पता चलेंगे. हालांकि, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अक्षय खन्ना के रोल को लेकर भी उत्साह कुछ कम नहीं है. नवाजुद्दीन दयाशंकर कपूर का किरदार निभा रहे हैं और अक्षय खन्ना शायद इस फिल्म में निगेटिव रोल में हैं. शायद इसलिए क्योंकि न तो उनके कैरेक्टर ना ही कैरेक्टर के नाम के बारे में कुछ भी ट्रेलर में साफ किया गया है. लेकिन जिस संजीदगी से उन्होंने ये किरदार निभाया है वो दिलचस्प है. ट्रेलर के अंत में देवकी की बेटी आर्यी (पाकिस्तानी एक्टर सजल अली) ये बताती हैं कि वो देवकी की बेटी नहीं हैं.

अब जरा गौर करिए फिल्म में क्या-क्या होगा. फिलहाल फिल्म में दो सस्पेंस भरे कैरेक्टर हैं जो क्यों देवकी से बार-बार मिलते हैं इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. एक बेटी है जो एक तरफ तो पार्टी करती, खुश रहती नजर आती है और...

'गलत और बहुत गलत में से चुनना हो तो आप क्या चुनेंगे?' ये एक ऐसा सवाल है जो शायद आपको सोचने पर मजबूर कर दे. क्या किया जाए जब कोई ऑप्शन ही ना हो? आपको मालूम हो कि जो भी होना है वो गलत ही होना है और आप मजबूर हों. कुछ ऐसा ही हो रहा है श्रीदेवी के साथ नई फिल्म 'मॉम' में. फिल्म का ट्रेलर हाल ही में रिलीज किया गया है और इस फिल्म 7 जुलाई को रिलीज होनी है.

एक परिवार है मां-बाप, दो बेटियां, लेकिन हर परिवार में सबकुछ ठीक चले ऐसा कहां होता है? यही होता है देवकी यानि श्रीदेवी के साथ. देवकी और उसकी बड़ी बेटी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. ट्रेलर अचानक एक खुशहाल परिवार को दुखी कर देता है. देवकी और बेटी के बीच की खाई बढ़ जाती है और इसके बाद एक ऐसा पड़ाव आता है जब देवकी को गलत और बहुत गलत में से एक रास्ता चुनना होता है.

मॉम का सस्पेंस ही उसकी सबसे बड़ी ताकत हैट्रेलर में ऐसा कुछ भी नहीं बताया गया है कि क्या हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ.. ये सभी सवाल फिल्म देखने के बाद ही पता चलेंगे. हालांकि, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अक्षय खन्ना के रोल को लेकर भी उत्साह कुछ कम नहीं है. नवाजुद्दीन दयाशंकर कपूर का किरदार निभा रहे हैं और अक्षय खन्ना शायद इस फिल्म में निगेटिव रोल में हैं. शायद इसलिए क्योंकि न तो उनके कैरेक्टर ना ही कैरेक्टर के नाम के बारे में कुछ भी ट्रेलर में साफ किया गया है. लेकिन जिस संजीदगी से उन्होंने ये किरदार निभाया है वो दिलचस्प है. ट्रेलर के अंत में देवकी की बेटी आर्यी (पाकिस्तानी एक्टर सजल अली) ये बताती हैं कि वो देवकी की बेटी नहीं हैं.

अब जरा गौर करिए फिल्म में क्या-क्या होगा. फिलहाल फिल्म में दो सस्पेंस भरे कैरेक्टर हैं जो क्यों देवकी से बार-बार मिलते हैं इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. एक बेटी है जो एक तरफ तो पार्टी करती, खुश रहती नजर आती है और दूसरे ही पल किसी गंभीर समस्या से जूझती हुई बेकसूर लड़की लगती है. एक मां है जिसे गलत और बहुत गलत में से एक रास्ता चुनना है.

एआर रहमान का म्यूजिक और रवि उदयवार के डायरेक्शन के साथ बनी इस फिल्म के बारे में कुछ भी साफ नहीं है, लेकिन फिर भी ट्रेलर ऐसा है कि ये आपको फिल्म देखने की इच्छा हो सकती है. लेकिन इस ट्रेलर के रिलीज होने से पहले ही रवीना टंडन की मातृ रिलीज हो चुकी है.

मातृ बॉक्स ऑफिस पर कोई खास रिस्पॉन्स नहीं दे पाई जब्कि रवीना की एक्टिंग इस फिल्म में ऐसी है कि किसी को भी बांधे रखे. रवीना ने कुछ समय पहले ये साफ भी किया था कि उनकी मातृ और श्रीदेवी की मॉम दोनों बिलकुल अलग हैं. पर इन दोनों फिल्मों को एकदम अलग कहना सही नहीं होगा.

दोनों में समानताएं

1. टाइटल

सबसे पहली समानता जो दोनों फिल्मों में है वो टाइटल की है. मातृ और MOM दोनों ही एक जैसे हैं.

2. दोनों फिल्मों के डायरेक्टर की पहली कमर्शियल मूवी

रवि उदयवार ने MOM को डायरेक्ट किया है और अश्तर सैयद ने मातृ को डायरेक्ट किया था.

3. दोनों ही थ्रिलर फिल्में हैं

दोनों फिल्में थ्रिलर पर आधारित हैं जहां सस्पेंस फिल्म का अहम हिस्सा है.

4. दोनों की ही कहानी संघर्ष पर है

दोनों ही फिल्मों की कहानी एक मां के संघर्ष पर आधारित है जहां एक मां अपनी बच्ची के लिए कुछ भी कर सकती है.

क्यों मातृ वाला किस्सा MOM नहीं दोहराएगी...

मातृ का ट्रेलर देखकर एक बात साफ हो गई थी कि ये फिल्म रेप पर आधारित है और मां अपनी बेटी की मौत और उसके साथ हुए अत्याचार का बदला लेती है. ट्रेलर देखकर ही कहानी का पता चल गया था और ये भी एक कारण हो सकता है जो दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में नाकाम रहा.

इसके अलावा, रवीना की एक्टिंग के दम पर अकेले फिल्म को खींचना बहुत असंभव था. एक ऐसी फिल्म जहां दिल्ली हो, जहां क्राइम और रेप की बात हो वहां कच्ची कहानी फिल्म के लिए काफी बुरी साबित होती है. अपने और अपनी बेटी के साथ हुए गैंगरेप का बदला लेने रवीना निकल पड़ती हैं सभी रेपिस्ट को मारने.

श्रीदेवी की फिल्म में अभी सस्पेंस बाकी है. कहानी का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. क्या हुआ, कैसे हुआ, क्यों हुआ, नवाजुद्दीन का रोल, अक्षय का रोल सबकुछ एक सस्पेंस है जो जानने के लिए फिल्म देखनी पड़ेगी. इंग्लिश विंग्लिश के बाद श्रीदेवी से बहुत सी उम्मीदें लगाई जा सकती हैं.

एक तरफ अगर हम सिर्फ एक मां की बात करें तो वाकई समाज के बीच अपने बच्चों को बचाने के लिए अगर किसी मां को गलत और बहुत गलत में से एक चुनना हो तो शायद वो कम गलत रास्ता चुनेगी. अपने को मिटाकर बच्चों को बचाने वाली मां यकीनन बच्चों के मुसीबत में पड़ने पर कुछ भी कर सकती है.

मातृ ट्रेलर-

MOM ट्रेलर-

ये भी पढ़ें-

क्या पाकिस्तान में इस तरह होती है महिलाओं की 'धुलाई'

प्रियंका चोपड़ा की बेवाच का मतलब 'अ'बे मत देखो !



इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲