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खतरनाक है इंसान को भगवान बना देना, चाहें पीएम मोदी हों या सोनू सूद

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 22 सितम्बर, 2021 02:22 PM
  • 22 सितम्बर, 2021 01:11 PM
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आप आसाराम को भूल गए या रामरहीम को भूल गए. वे भी खुद को भगवान कहते थे. पीएम नरेंद्र मोदी को भी भक्त अपना भगवान मानते हैं और अब सोनू सूद इस लिस्ट में शामिल हैं.

भगवान ही सबका मालिक है. जो लोग भी धरती पर हैं उनमें से कोई भी भगवान नहीं है. आजकल एक ट्रेंड चला है किसी को भी भगवान (Sonu sood income tax raid) बनाने का. पहले नेता, अभिनेता अच्छा काम करने पर महान नेता बनते थे, महानायक बनते थे. आजकल पहले फरिश्ता बनते हैं फिर सीधे भगवान ही बन जाते हैं.

अगर ऐसे ही लोग भगवान बनते रहे तो इंसान और भगवान में अंतर क्या रह जाएगा? भला कोई भी इंसान और भगवान के बीच कैसे आ सकता है? हम तो आंख बंद करते हैं और अपने अराध्य के दर्शन कर लेते हैं. ऐसे में जो पाखंडी बाबा खुद को भगवान का देवदूत बताते हैं असल में वे एजेंट का काम करते हैं. वे भगवान से आपका मिलन नहीं कराते बल्कि आपका बटुआ खाली करने की फिराक में रहते हैं.

आप आसाराम को भूल गए या रामरहीम को भूल गए. वे भी खुद को भगवान कहते थे. पीएम नरेंद्र मोदी को भी भक्त अपना भगवान मानते हैं और अब सोनू सूद इस लिस्ट में शामिल हैं.

इस धरती पर कोई भी इंसान भगवान नहीं है

इंसान ऐसा प्राणी है जिससे गलतियां होती रहती हैं. तो अगर आप किसी इंसान को भगवान बना देंगे तो फिर आपको उसकी गलतियां दिखाई नहीं देंगी. उसकी कही हर बात आपके लिए लकीर की फकीर होगी. आप यही सोचेंगे कि यह भगवान की कोई लीला होगी. असल में लोगों को समझना होगा कि आस्था और अंधविश्वास में अंतर होता है. ये ढोंग भगवान ने नहीं बल्कि भगवान के नाम पर अपना धंधा चलाने वाले ढोंगी बाबाओं ने बनाए हैं.

ठीक इसी तरह गरीब, लाचार लोगों की मदद करने वाला भी भगवान नहीं बन जाता. लोग उसे पूजने लगते हैं. उसका मंदिर बनवाते हैं और इस तरह उसकी गलतियों पर किसी की नजर नहीं जाती.

भगवान तो अपने लिए कुछ करते नहीं है, लेकिन ये शो कॉल्ड भगवान सिर्फ अपनी ही झोली भरने में लगे रहते हैं. आपको नहीं...

भगवान ही सबका मालिक है. जो लोग भी धरती पर हैं उनमें से कोई भी भगवान नहीं है. आजकल एक ट्रेंड चला है किसी को भी भगवान (Sonu sood income tax raid) बनाने का. पहले नेता, अभिनेता अच्छा काम करने पर महान नेता बनते थे, महानायक बनते थे. आजकल पहले फरिश्ता बनते हैं फिर सीधे भगवान ही बन जाते हैं.

अगर ऐसे ही लोग भगवान बनते रहे तो इंसान और भगवान में अंतर क्या रह जाएगा? भला कोई भी इंसान और भगवान के बीच कैसे आ सकता है? हम तो आंख बंद करते हैं और अपने अराध्य के दर्शन कर लेते हैं. ऐसे में जो पाखंडी बाबा खुद को भगवान का देवदूत बताते हैं असल में वे एजेंट का काम करते हैं. वे भगवान से आपका मिलन नहीं कराते बल्कि आपका बटुआ खाली करने की फिराक में रहते हैं.

आप आसाराम को भूल गए या रामरहीम को भूल गए. वे भी खुद को भगवान कहते थे. पीएम नरेंद्र मोदी को भी भक्त अपना भगवान मानते हैं और अब सोनू सूद इस लिस्ट में शामिल हैं.

इस धरती पर कोई भी इंसान भगवान नहीं है

इंसान ऐसा प्राणी है जिससे गलतियां होती रहती हैं. तो अगर आप किसी इंसान को भगवान बना देंगे तो फिर आपको उसकी गलतियां दिखाई नहीं देंगी. उसकी कही हर बात आपके लिए लकीर की फकीर होगी. आप यही सोचेंगे कि यह भगवान की कोई लीला होगी. असल में लोगों को समझना होगा कि आस्था और अंधविश्वास में अंतर होता है. ये ढोंग भगवान ने नहीं बल्कि भगवान के नाम पर अपना धंधा चलाने वाले ढोंगी बाबाओं ने बनाए हैं.

ठीक इसी तरह गरीब, लाचार लोगों की मदद करने वाला भी भगवान नहीं बन जाता. लोग उसे पूजने लगते हैं. उसका मंदिर बनवाते हैं और इस तरह उसकी गलतियों पर किसी की नजर नहीं जाती.

भगवान तो अपने लिए कुछ करते नहीं है, लेकिन ये शो कॉल्ड भगवान सिर्फ अपनी ही झोली भरने में लगे रहते हैं. आपको नहीं लगता कि चाहें कोई ढोंगी बाबा हो, पीएम मोदी हों या सोनू सूद या कोई और...किसी को भी भगवान नहीं समझना चाहिए.

लोगों की मदद करने से, देश की सेवा करने से, लोगों के लिए शुभ कामना करने से कोई भगवान तो नहीं बन जाता. ये सारे काम तो कोई नेक इंसान ही करता है और उससे गलतियां भी होती हैं. उसकी गलतियों पर हम टोक भी सकते हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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