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Sonu Sood उत्तर भारत के रजनीकांत बन गए हैं!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 24 सितम्बर, 2021 09:29 PM
  • 24 सितम्बर, 2021 09:29 PM
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थलाइवा रजनीकांत ने भले ही राजनीति में उतरने से मना कर दिया हो लेकिन वे कभी सियासत से दूर भी नहीं रहे. जिस तरह साउथ में रजनीकांत को लेकर लोगों में पागलपन देखने को मिलता है उसी तरह सोनू सूद के लिए लोग नॉर्थ में दिवानगी दिखा रहे हैं.

रजनीकांत (Rajnikanth) एक ऐसा नाम है जिसका डंका साउथ इंडिया के साथ ही साथ बॉलीवुड में भी बजता है. उनकी फिल्में उनके नाम से ही हिट हो जाता हैं. रजनीकांत के लिए लोग पागल हैं. साउथ में लोग उनकी तस्वीर पर दूध चढ़ाते और पूजा करते दिख जाएंगे. कई जगह उनका मंदिर भी बना है. लोग उन्हें अपना देवता और भगवान कहते हैं. तमिलनाडु के लोग उन्हें दीवानगी में 'थलाइवा' कहते हैं. यह 'थलाइवर' से बना है, जिसका अर्थ है, 'लीडर या बॉस.'

फिल्म में भले ही कितने नाम हैं लेकिन जो जगह रजनीकांत ने लोगों के दिलों में बनाई है उसकी तुलना भी किसी और से नहीं की जा सकती. उनके नाम के चुटकले, उनका सिगरेट और चश्मा घुमाने का स्टाइल पूरे देश में प्रसिद्ध है. उन्हें लोग ऐसे नहीं पूजते वो जमीनी स्तर पर लोगों की मदद करते हैं. वे जिस तरह फिल्मों में नायक बनकर लोगों के मसीहा बन जाते हैं वही छवि लोगों के मन में बैठ गई है.

रजनीकांत बनने के लिए सोनू सूद को एक उम्र लगानी होगी

वे लोगों की सहायता के लिए हमेशा दान करते हैं. उनकी फिल्म देखने के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े रहते हैं. जिन लोगों ने फिल्म नहीं देखी वे भी उनके व्यक्तित्व को पसंद करते हैं. वे एक आम इंसान की तरह जिंदगी जीना पसंद करते हैं. उनके रहन-सहन में सुपरस्टार के घंमड वाली बात नहीं है. इस बाता का खुलासा उनकी बेटी ने अपनी किताब में किया है. उन्होंने असल जिंदगी में खुद को अपने कम बालों और बढ़ती उम्र में अपना लिया है.

रजनीकांत ने भले ही राजनीति में उतरने से मना कर दिया हो लेकिन वे कभी सियासत से दूर भी नहीं रहे. चुनाव आते ही लोग उनका इंतजार करते हैं कि वे किसका समर्थन कर रहे हैं. वे समाज सेवा के लिए भी जाने जाते हैं. राजनीति में ना आने की बात करते हुए रजनीकांत ने कहा था कि "मैंने रजनी मक्कल मंदरम...

रजनीकांत (Rajnikanth) एक ऐसा नाम है जिसका डंका साउथ इंडिया के साथ ही साथ बॉलीवुड में भी बजता है. उनकी फिल्में उनके नाम से ही हिट हो जाता हैं. रजनीकांत के लिए लोग पागल हैं. साउथ में लोग उनकी तस्वीर पर दूध चढ़ाते और पूजा करते दिख जाएंगे. कई जगह उनका मंदिर भी बना है. लोग उन्हें अपना देवता और भगवान कहते हैं. तमिलनाडु के लोग उन्हें दीवानगी में 'थलाइवा' कहते हैं. यह 'थलाइवर' से बना है, जिसका अर्थ है, 'लीडर या बॉस.'

फिल्म में भले ही कितने नाम हैं लेकिन जो जगह रजनीकांत ने लोगों के दिलों में बनाई है उसकी तुलना भी किसी और से नहीं की जा सकती. उनके नाम के चुटकले, उनका सिगरेट और चश्मा घुमाने का स्टाइल पूरे देश में प्रसिद्ध है. उन्हें लोग ऐसे नहीं पूजते वो जमीनी स्तर पर लोगों की मदद करते हैं. वे जिस तरह फिल्मों में नायक बनकर लोगों के मसीहा बन जाते हैं वही छवि लोगों के मन में बैठ गई है.

रजनीकांत बनने के लिए सोनू सूद को एक उम्र लगानी होगी

वे लोगों की सहायता के लिए हमेशा दान करते हैं. उनकी फिल्म देखने के लिए लोग घंटों लाइन में खड़े रहते हैं. जिन लोगों ने फिल्म नहीं देखी वे भी उनके व्यक्तित्व को पसंद करते हैं. वे एक आम इंसान की तरह जिंदगी जीना पसंद करते हैं. उनके रहन-सहन में सुपरस्टार के घंमड वाली बात नहीं है. इस बाता का खुलासा उनकी बेटी ने अपनी किताब में किया है. उन्होंने असल जिंदगी में खुद को अपने कम बालों और बढ़ती उम्र में अपना लिया है.

रजनीकांत ने भले ही राजनीति में उतरने से मना कर दिया हो लेकिन वे कभी सियासत से दूर भी नहीं रहे. चुनाव आते ही लोग उनका इंतजार करते हैं कि वे किसका समर्थन कर रहे हैं. वे समाज सेवा के लिए भी जाने जाते हैं. राजनीति में ना आने की बात करते हुए रजनीकांत ने कहा था कि "मैंने रजनी मक्कल मंदरम को रजनी रसीगर मंदरम में बदल दिया है. पहले की तरह कल्याणकारी गतिविधियों को करने के लिए रजनी रसीगर मंदरम के रूप में कार्य करता रहेगा".

साउथ के लोग काफी भावुक होते हैं वे जिसे मानते हैं उनके लिए जान भी देते हैं. वे जिन्हें मानते हैं उनके खिलाफ एक शब्द सुनना बर्दाश्त नहीं कर पाते.

अब बात करते हैं सोनू सोदू की जो हर मामले में भले ही रजनीकांत नहीं बने लेकिन उनकी तरह लोगों के मसीहा तो बन ही गए हैं. जिस तरह साउथ में रजनीकांत को लेकर लोगों में पागलपन देखने को मिलता है उसी तरह सोनू सूद के लिए लोग नॉर्थ में दिवानगी दिखा रहे हैं. लोग रजनीकांत का भगवान मानते हैं उसी तरह सोनू सूद लोगों के फरिश्ता बन गए हैं.

सोनू सूद देवता बन गए हैं कि और भगवान बनने की राह पर हैं. सोनू सूद के खिलाफ लोग एक शब्द सुनना नहीं चाहते. सोनू सूद के उपर इनकम टैक्स का छापा क्या पड़ा लोग उनके नाम का हैशटैग चलाने लगे. जबकि नियम सबके लिए एक समान है, अगर कोई गलत नहीं है तो उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है.

सोनू सूद ने भी राजनीति में आने से फिलहाल मना कर दिया है लेकिन राजनीति से अछूते भी नहीं है. हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने उनसे समर्थन में ट्ववीट भी किया था. जिस तरह साउथ में लोगों के सिर रजनीकांत का जादू बोलता है वैसा ही सोनू सूद का असर बोल रहा है. यही कारण है कि लोग सोनू सूद को सही या गलत हर रूप में अपनाने को तैयार हैं...

हालांकि सोनू सूद को यह शोहरत बहुत कम समय में मिली और रजनीकांत ने अपनी पूरी उम्र लगा दी...सोनू को यहां तक पहुंचने में बहुत वक्त लगेगा...गलत रास्ते पर चलकर मिलने वाली प्रसिद्धी क्षणिक होती है, रजनीकांत ने दिल से मेहनत की है, उन्होंने बिना शोर मचाए लोगों की सेवा की है, कबी उन्हें अपना नाम भुनाने की जरूरत नहीं पड़ी...उनके जैसे बनने में सोनू सूद को लंबा वक्त तो लगेगा...वैसे वाहवाही के मामले में तो बन ही गए हैं सोनू नॉर्थ के रजनीकांत!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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