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'ऐ दिल...' की सारी मुश्किल बता रही हूं मगर फिल्म न देखना...

    • मेधा चावला
    • Updated: 28 अक्टूबर, 2016 07:53 PM
  • 28 अक्टूबर, 2016 07:53 PM
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करण जौहर ने हमें बहुत अच्छी फिल्में दी हैं. लेकिन आज भी वह 'कुछ कुछ होता है' की तरह प्यार और दोस्ती में ही फंसे हैं. उनकी यह दुविधा इंटरवल के बाद साफ नजर आती है.

फिल्म की पैकेजिंग और स्टाइलिंग अच्छी है लेकिन कहानी सधी हुई नहीं है. पहला हिस्सा मस्ती भरा है लेकिन आधे घंटे में ही फिल्म खिंची हुई लगती है. स्टार पावर, म्यूजिक सब का जमावड़ा तभी काम करता है जब कहानी में दम हो. लेकिन यहां करण मात खा गए हैं.  आज भी प्यार और दोस्ती में कंफ्यूज हैं करण जाहैर ...करण जौहर ने हमें बहुत अच्छी फिल्में दी हैं. लेकिन आज भी वह 'कुछ कुछ होता है' की तरह प्यार और दोस्ती में ही फंसे हैं. उनकी यह दुविधा इंटरवल के बाद साफ नजर आती है. फिल्म की कहानी यहां से इतनी उलझी है कि इसके सुलझने का इंतजार करने से बेहतर दर्शकों को हॉल से उठना लगता है.  

पाकिस्तान नहीं होकर भी है फिल्म में उरी हमले के बाद पाकिस्तान के कलाकारों पर बैन लगाने की मांग की वजह से 'ऐ दिल है मुश्किल' की रिलीज पर खतरा लग रहा था. लेकिन फिल्म रिलीज हुई और इसमें पाकिस्तान के रेफरेंस को हटाकर इसे भारत कर दिया गया. इसके लिए खासतौर पर लखनऊ का सीन भी दिखाया गया है. लेकिन अनुष्क शर्मा का किरदार जिस आधार पर तैयार किया गया था, उसमें पाकिस्तान के लहजे और अंदाज की झलक साफ नजर आती है.  गाने अच्छे हैं लेकिन बांधते नहीं हैं फिल्म का म्यूजिक सुपरहिट है. गाने हर जगह बज रहे हैं. सुनने में ये जितने अच्छे लगते हैं, उतने स्क्रीन पर नहीं. ब्रेकअप सॉन्ग को छोड़ दिया जाए तो गाने उकताहट ही पैदा करते हैं.  

ये भी पढ़ें-बिग बॉस देखना सेहत के लिए अच्छा है, क्योंकि...

रणबीर कपूर अब करते हैं बोर ....

रणबीर अच्छे एक्टर हैं और डांसर भी. लेकिन वो बार-बार खुद को रिपीट कर रहे हैं. फिल्म और निर्देशक अलग होते हैं मगर उनके किरदार ब्रेकअप, प्यार का दर्द, भाव भरे गानों पर लिप सिंक, पापा की उम्मीदों का बोझ, अपने सपनों को पाना के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है. अगर जल्दी ही उन्होंने इस...

फिल्म की पैकेजिंग और स्टाइलिंग अच्छी है लेकिन कहानी सधी हुई नहीं है. पहला हिस्सा मस्ती भरा है लेकिन आधे घंटे में ही फिल्म खिंची हुई लगती है. स्टार पावर, म्यूजिक सब का जमावड़ा तभी काम करता है जब कहानी में दम हो. लेकिन यहां करण मात खा गए हैं.  आज भी प्यार और दोस्ती में कंफ्यूज हैं करण जाहैर ...करण जौहर ने हमें बहुत अच्छी फिल्में दी हैं. लेकिन आज भी वह 'कुछ कुछ होता है' की तरह प्यार और दोस्ती में ही फंसे हैं. उनकी यह दुविधा इंटरवल के बाद साफ नजर आती है. फिल्म की कहानी यहां से इतनी उलझी है कि इसके सुलझने का इंतजार करने से बेहतर दर्शकों को हॉल से उठना लगता है.  

पाकिस्तान नहीं होकर भी है फिल्म में उरी हमले के बाद पाकिस्तान के कलाकारों पर बैन लगाने की मांग की वजह से 'ऐ दिल है मुश्किल' की रिलीज पर खतरा लग रहा था. लेकिन फिल्म रिलीज हुई और इसमें पाकिस्तान के रेफरेंस को हटाकर इसे भारत कर दिया गया. इसके लिए खासतौर पर लखनऊ का सीन भी दिखाया गया है. लेकिन अनुष्क शर्मा का किरदार जिस आधार पर तैयार किया गया था, उसमें पाकिस्तान के लहजे और अंदाज की झलक साफ नजर आती है.  गाने अच्छे हैं लेकिन बांधते नहीं हैं फिल्म का म्यूजिक सुपरहिट है. गाने हर जगह बज रहे हैं. सुनने में ये जितने अच्छे लगते हैं, उतने स्क्रीन पर नहीं. ब्रेकअप सॉन्ग को छोड़ दिया जाए तो गाने उकताहट ही पैदा करते हैं.  

ये भी पढ़ें-बिग बॉस देखना सेहत के लिए अच्छा है, क्योंकि...

रणबीर कपूर अब करते हैं बोर ....

रणबीर अच्छे एक्टर हैं और डांसर भी. लेकिन वो बार-बार खुद को रिपीट कर रहे हैं. फिल्म और निर्देशक अलग होते हैं मगर उनके किरदार ब्रेकअप, प्यार का दर्द, भाव भरे गानों पर लिप सिंक, पापा की उम्मीदों का बोझ, अपने सपनों को पाना के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है. अगर जल्दी ही उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया तो अपने साथ के बाकी एक्टर्स से वे पीछे रह जाएंगे! 

 ऐ दिल है मुश्किल का पोस्टर

आमिर ने सुधार दिया अनुष्का शर्मा को ...

अगर ये फिल्म किसी को फायदा देगी तो वो होंगी अनुष्का शर्मा. आमिर खान के साथ 'पीके' करने के बाद से वह खूब निखरी हैं. 'सुल्तान' में वह सलमान खान के साथ बेहद कॉन्फिडेंट थीं तो 'ऐ दिल...' में कई सीन्स में वह रणबीर कपूर पर भारी पड़ती नजर आती हैं. फिल्म का एक खास सीन है जहां ऐश्वर्या, रणबीर और अनुष्का शर्मा साथ में बातचीत करते हैं. इस सीन में जहां ऐश गजब की खूबसूरत लग रही हैं वहीं अनुष्का का चार्मिंग और कॉन्फ‍िडेंट अंदाज बताता है कि वह बॉलीवुड में सभी की पसंदीदा क्यों हैं.  बॉलीवुड की झलक फिल्म में बॉलीवुड को करण ने जमकर पिरोया है. भले ही वो सनी लियोन के 'बेबी डॉल' पर रणबीर का डांस हो या डायलॉग या मूड, नए पुराने सीक्वेंस दिखे हैं. कुछ कुछ होता है, चांदनी, गाइड समेत कुछ पुरानी फिल्मों के गानों के साथ प्रयोग अच्छा है लेकिन एक हद के बाद फिल्म को खींचता ज्यादा है.

ये भी पढ़ें- 'ये सवाल मत पूछना'

फवाद पर फसाद...

फवाद खान जब ये फिल्म देखेंगे तो खुद को कोसेंगे कि उन्होंने यह रोल साइन ही क्यों किया था. फिल्म में वह मुश्किल से 2-3 मिनट के लिए नजर आते हैं. शायद फसाद की वजह से उनका रोल काट दिया. 'क्यूटीपाई' के तुरंत बाद 'चन्ना' गाना आने की वजह शायद उनके रोल का कट जाना भी है.  किस-किस की दिखी झलक फिल्म में कैमियो की भरमार है. ऐश्वर्या और रणबीर कपूर के हॉट सीन्स पर फिल्म की पब्ल‍िसिटी खूब की गई है. लेकिन लंबाई के हिसाब से ऐश का रोल भी कैमियो ही है. शाहरुख खान भी एक-दो दिलकश डायलॉग्स के लिए हैं. सबसे छोटा कैमियो आलिया भट्ट का है. लीजा हेडन इस हिसाब से सबसे फायदे में रहीं और अनुष्का के मंगेतर का रोल निभाने वाले इमरान अब्बास भी जो पहले बिपाशा के साथ 'क्र‍िएचर 3D' में आ चुके हैं.

लंदन और पेरिस की झलक...

अगर आप इन जगहों को देख नहीं पाए हैं तो किरदारों और कहानी से नजर हटाकर आप इन खूबसूरत लोकेशंस को देख सकते हैं. लंदन की सड़कों को खासतौर पर कहानी के साथ अच्छी तरह बांधा गया है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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