• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

बिग बॉस देखना सेहत के लिए अच्छा है, क्योंकि...

    • कुदरत सहगल
    • Updated: 28 अक्टूबर, 2016 01:35 PM
  • 28 अक्टूबर, 2016 01:35 PM
offline
यदि सनी लियोन बिग बॉस के घर में साफ-सफाई, झाड़ू कटका कर रही है और कपड़े धो रही है तो आपको भी ये काम करने में सुकून मिलेगा.

ये कहावत अब पुरानी हो गई है कि 'an apple a day keeps doctor away'. अब एप्पल की जगह बिग बॉस लगा दीजिए. और फिर मैं आपको बताउंगी कि भारतीयों और उनके स्वास्थ्य के लिए अगर कुछ सबसे अच्छा हुआ है तो वो है बिग बॉस.

1. आत्मविश्वास बढ़ाता है-

जब आप ऐसे लोगों को देखते हैं जो अनजाने हैं और एक साथ रह हे हैं, तो आप कम से कम मेलजोल के साथ खाना और एक सुखद दिनचर्या की उम्मीद करते हैं. लेकिन इसके उलट, ये लोग ऐसे हैं जो लाइव शो पर पेशाब कर रहे हैं, एक दूसरे को काटने को दौड़ रहे हैं और साबित कर रहे हैं कि उनसे बड़ा बेअक्ल कोई नहीं है. अचानक इन्हें देखकर आपको अच्छा लगता है. किसी को पागलों वाली हरकतें करते देखने से बेहतर और कोई भी चीज हमारा आत्मविश्वास नहीं बढ़ा सकती.

 दूसरों का सिरफिरापन देखने से अपने दिमाग पर भरोसा होने लगता है.

2. ये ध्यान लगाने जैसा है-

बाहर की अशांति देखकर ही अपने घर में शांति महसूस होती है. जब आप लोगों को झगड़ालू अवतार में कुत्ता-बिल्ली की तरह झगड़ते देखते हैं, आपको तुरंत ही अपने अशांत मन को शांत करने की शक्ति मिलती है. नेशनल टीवी पर तो लोग पहले ही अपनी कुंठाएं व्यक्त कर रहे हैं,  हमारे लिए यही अच्छा है कि उनपर ध्यान ही न दें. ध्यान नहीं देंगे तभी शांत भी रहेंगे न.

ये भी पढ़ें- बिग बॉस कहीं बिग लॉस न बन जाए!

ये कहावत अब पुरानी हो गई है कि 'an apple a day keeps doctor away'. अब एप्पल की जगह बिग बॉस लगा दीजिए. और फिर मैं आपको बताउंगी कि भारतीयों और उनके स्वास्थ्य के लिए अगर कुछ सबसे अच्छा हुआ है तो वो है बिग बॉस.

1. आत्मविश्वास बढ़ाता है-

जब आप ऐसे लोगों को देखते हैं जो अनजाने हैं और एक साथ रह हे हैं, तो आप कम से कम मेलजोल के साथ खाना और एक सुखद दिनचर्या की उम्मीद करते हैं. लेकिन इसके उलट, ये लोग ऐसे हैं जो लाइव शो पर पेशाब कर रहे हैं, एक दूसरे को काटने को दौड़ रहे हैं और साबित कर रहे हैं कि उनसे बड़ा बेअक्ल कोई नहीं है. अचानक इन्हें देखकर आपको अच्छा लगता है. किसी को पागलों वाली हरकतें करते देखने से बेहतर और कोई भी चीज हमारा आत्मविश्वास नहीं बढ़ा सकती.

 दूसरों का सिरफिरापन देखने से अपने दिमाग पर भरोसा होने लगता है.

2. ये ध्यान लगाने जैसा है-

बाहर की अशांति देखकर ही अपने घर में शांति महसूस होती है. जब आप लोगों को झगड़ालू अवतार में कुत्ता-बिल्ली की तरह झगड़ते देखते हैं, आपको तुरंत ही अपने अशांत मन को शांत करने की शक्ति मिलती है. नेशनल टीवी पर तो लोग पहले ही अपनी कुंठाएं व्यक्त कर रहे हैं,  हमारे लिए यही अच्छा है कि उनपर ध्यान ही न दें. ध्यान नहीं देंगे तभी शांत भी रहेंगे न.

ये भी पढ़ें- बिग बॉस कहीं बिग लॉस न बन जाए!

 दूसरे घर में अशांति देखकर आपको अपने भीतर की परेशानी कम लगने लगती है.

3. शांति मिलेगी तो खुशी मिलेगी और खुश रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे-

जब आप घर के सदस्यों को अपने साथियों के साथ लड़ते देखते हैं, एकदूसरे को गालियां देते देखते हैं और कुछ लोगों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए पतली गली से निकलते हुए देखते हैं, तो आप जान जाते हैं कि आपको अपने सास-ससुर, जीवनसाथी और बच्चों के साथ कैसे डील करना है या नहीं करना है और कैसे कलह से बचना है. आप चतुर हो जाते हैं और अपने स्वर्ग जैसे घर को बिगबॉस का नर्क बनने से बचा लेते हैं.

4. चिंता और तनाव कम करता है-

सनी लियोन को घर की साफ-सफाई,  झाड़ू कटका और कपड़े धोते देखने का अपना अलग ही सुकून है. उसे देखकर अचानक आपके घर के काम काज आपके तनाव को कम कर देते हैं. भई, अगर वो कर सकती है तो आप भी कर सकती हैं.

 बिगबॉस के घर में सनी लियोन. (फाइल फोटो)

5. स्वयं की खोज-

जब घर के सदस्यों के तनाव, टास्क का प्रेशर और प्रेशर में काम करने की मजबूरी देखते हैं तो आप अपने जीवन की असल परेशानियों को समझते हैं और अच्छे बुरे का हिसाब लगाते हैं, और फिर आप स्वयं को खोजने के पथ पर चल पड़ते हैं. आप धैर्य रखना सीखते हैं. आखिरकार आप हर साल, हर सीजन, पूरा शो देखते हैं.

ये भी पढ़ें- सेलिब्रिटी बाद में जीतेगा लेकिन आम आदमी तो विजेता बन गया

6. बुराई की जीत-

इस शो का फॉरमेट ही ऐसा है कि इसमें सबसे जोड़ तोड़ करने वाला, सांठगांठ करने वाला और दुष्ट प्रकार का इंसान ही ईनाम जीतकर निकल जाता है. आपको ये अहसास होता है कि लोग बुरे नहीं हैं, हालात बुरे होते हैं. उफ्फ.. और इसीलिए कभी-कभी थोड़ा पाखंडी होना या जोड़ तोड़ करना आपके बदलते हार्मोन या बढ़ते ब्लडप्रेशर पर नियंत्रण रख सकता है.

7. सलमान खान, वो सहारा जो आपको कभी नहीं चाहिए था-

जी हां, वे सलमान खान ही हैं, जिन्‍हें आप एंकर के रूप में देखना चाहते थे. लेकिन जब 'भाई' तय करते हैं कि ज्ञान बांटेंगे और गलत को भी अपने हिसाब से सही बता देंगे तो अचानक आप अपनी जिंदगी की एंकरिंग करने लगते हैं...

 ...और आपको समझ आता है कि सलमान के ज्ञान से तो बाबा रामदेव का एड अच्‍छा होता है.

...और अचानक बाबा रामदेव में आपका भरोसा जगने लगता है. कि इससे अच्छे तो बाबा रामदेव के विज्ञापन हैं. क्योंकि, उनमें एक ईमानदारी तो है. बाबा रामदेव कोई परमज्ञानी नहीं बनते और न ही शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए उसे फुटपाथ पर चढ़ा देते हैं. आप अपने मन का पवित्र, शांत और आखिर में ज्‍यादा मजबूत पाते हैं.

तो तसल्ली रखिए हर एपिसोड के साथ आप सेहतमंद होते जाएंगे. कलेजे को ठंडक जो मिलेगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲