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मिशन मंगल देखने से पहले इन्हें देख लें, सब मंगल होगा

    • आईचौक
    • Updated: 14 अगस्त, 2019 08:04 PM
  • 14 अगस्त, 2019 07:50 PM
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लोग इसे अक्षय कुमार की फिल्म कह रहे हैं क्योंकि वो इस फिल्म के अकेले हीरो हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि फिल्म की 5 हीरोइनों को नजरअंदाज कर दिया जाए.

अक्षय कुमार की फिल्म मिशन मंगल 15 अगस्त को रिलीज़ हो रही है. मिशन पर लोगों का फोकस भले ही न हो लेकिन अक्षय पर पूरा फोकस है और इसीलिए उम्मीद भी की जा रही है कि ये फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज़ होने वाली एक सफल फिल्म साबित होगी.

यूं तो लोग इसे अक्षय कुमार की फिल्म कह रहे हैं क्योंकि वो इस फिल्म के अकेले हीरो हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि फिल्म की 5 हीरोइनों को नजरअंदाज कर दिया जाए. फिल्म में अक्षय कुमार के साथ विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी और नित्या मेनन भी हैं. अक्षय और इन सभी अभिनेत्रियों ने फिल्म में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) के एक वैज्ञानिकों की भूमिका निभाई हैं जिन्होंने ‘मार्स ऑर्बिटर मिशन’ (मॉम) जैसे अहम प्रोजेक्ट पर न केवल काम किया बल्कि कम संसाधनों में ही भारत को एक बड़ी कामयाबी दिलाई. इस कामयाबी के पीछे जिन महिला वैज्ञनिकों की मेहनत थी उन्हीं को ध्यान में रखकर ये फिल्म बनाई गई है.

'मिशन मंगल' की असली हीरो: इसरो की वो 5 महिला वैज्ञानिक जिनकी जद्दोजहद पर ये फिल्‍म बनी है.

इसलिए वो जान लीजिए जो आपको शायद फिल्म में न दिखाया जाए. यानी उन पांच महिला वैज्ञानिकों के असल चेहरे.

मीनल रोहित

मीनल रोहित वो महिला वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने MOM (मंगलयान मिशन) में अहम भूमिका निभाई थी. इन मिशन पर काम करने वाले 500 वैज्ञानिकों में से एक मीनल ने इस मिशन पर प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ-साथ सिस्टम इंजीनियर के रूप में काम किया. मीनल डॉक्टर बनना चाहती थीं लेकिन 8वीं क्लास में जब उन्होंने टीवी पर एक स्पेस शो देखा तो उनका मन बदल गया. मीनल ने 1999 में गुजरात विश्वविद्यालय से स्नातक किया, communications में ए.बी. टेक के साथ...

अक्षय कुमार की फिल्म मिशन मंगल 15 अगस्त को रिलीज़ हो रही है. मिशन पर लोगों का फोकस भले ही न हो लेकिन अक्षय पर पूरा फोकस है और इसीलिए उम्मीद भी की जा रही है कि ये फिल्म स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज़ होने वाली एक सफल फिल्म साबित होगी.

यूं तो लोग इसे अक्षय कुमार की फिल्म कह रहे हैं क्योंकि वो इस फिल्म के अकेले हीरो हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि फिल्म की 5 हीरोइनों को नजरअंदाज कर दिया जाए. फिल्म में अक्षय कुमार के साथ विद्या बालन, सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी और नित्या मेनन भी हैं. अक्षय और इन सभी अभिनेत्रियों ने फिल्म में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) के एक वैज्ञानिकों की भूमिका निभाई हैं जिन्होंने ‘मार्स ऑर्बिटर मिशन’ (मॉम) जैसे अहम प्रोजेक्ट पर न केवल काम किया बल्कि कम संसाधनों में ही भारत को एक बड़ी कामयाबी दिलाई. इस कामयाबी के पीछे जिन महिला वैज्ञनिकों की मेहनत थी उन्हीं को ध्यान में रखकर ये फिल्म बनाई गई है.

'मिशन मंगल' की असली हीरो: इसरो की वो 5 महिला वैज्ञानिक जिनकी जद्दोजहद पर ये फिल्‍म बनी है.

इसलिए वो जान लीजिए जो आपको शायद फिल्म में न दिखाया जाए. यानी उन पांच महिला वैज्ञानिकों के असल चेहरे.

मीनल रोहित

मीनल रोहित वो महिला वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने MOM (मंगलयान मिशन) में अहम भूमिका निभाई थी. इन मिशन पर काम करने वाले 500 वैज्ञानिकों में से एक मीनल ने इस मिशन पर प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ-साथ सिस्टम इंजीनियर के रूप में काम किया. मीनल डॉक्टर बनना चाहती थीं लेकिन 8वीं क्लास में जब उन्होंने टीवी पर एक स्पेस शो देखा तो उनका मन बदल गया. मीनल ने 1999 में गुजरात विश्वविद्यालय से स्नातक किया, communications में ए.बी. टेक के साथ अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र से स्नातक किया. और निरमा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, अहमदाबाद से electronics and में गोल्ड मेडल जीता था. मंगल मिशन पर उनकी मेहनत को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने 2 सालों तक रोज 18-18 घंटे तक काम किया. फिलहाल मीनल चंद्रयान- 2 से भी जुड़ी हुई हैं.

नंदिनी हरिनाथ

नंदिनी ने पहली बार इसरो में ही नौकरी के लिए एप्लाई किया और अब उन्हें यहां 20 साल हो चुके हैं. प्रोजेक्ट मैनेजर और मिशन डिजाइनर हैं. और इन 20 सालों में इसरो के 14 मिशनों पर काम कर चुकी हैं. मिशन मंगलयान पर उन्होंने बतौर डिप्टी ऑपरेशन्स डायरेक्टर कां किया था. नंदिनी ने जब पहली बार स्टार ट्रैक सीरीज देखी थी, तभी से उन्होंने वैज्ञानिक बनने का सपना देखा था. और ये सपना वो इसरो के जरिए जी रही हैं.

अनुराधा टीके

आंध्रप्रदेश की अनुराधा टीके 59 वर्ष की हैं और 1982 से इसरो के साथ जुड़ी हुई हैं. वो बचपन से ही नील आर्म स्ट्रांग से प्रभावित थीं और स्पेस साइंटिस्ट बनना चाहती थीं. वो उस वक्त से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं उस वक्त बहुत कम महिलाएं वहां काम करती थीं, लेकिन अनुराधा ने अपनी लगन से ये साबित कर दिया कि किसी भी काम में महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं हैं.

रितु कारिधाल

लखनऊ की रहने वाली रितु करिधल बचपन से ही अखबारों में अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में पढ़ा करती थीं. बचपन से ही एक सपना था साइंटिस्ट बनने का. वो हमेशा नासा और इसरो की गतिविधियों पर नजर रखती थीं. पढ़ाई के बाद जब उन्हें इसरो में ही जॉब मिल गई. मिशन मंगलयान में रितु 1997 से इसरो के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने मार्स ऑर्बिटर मिशन- मंगलयान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वो इस मिशन की डिप्टी ऑपरेशंस डायरेक्टर थीं. और उन्होंने भी मिशन के लिए दिन-रात एक कर दिए थे. और 'मिशन मंगल' कामयाब हुआ. इस वक्त भी रितु चंद्रयान-2 से जुड़ी हुई हैं.

मौमिता दत्ता

कोलकाता यूनिवर्सिटी से फीजिक्स की पढ़ाई करने वाली मौमिता दत्ता जब पढ़ाई कर रही थीं तब उन्होंने चंद्रयान मिशन के बारे में पढ़ा था. और उनके मन में इसरो से जुड़ने की इच्छा हुई. 2004 में वो इंजीनियर के रूप में ISRO से जुड़ गईं. मंगल मिशन में मौमिता ने प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम किया था.

‘मिशन मंगल’ को कामयाब बनाने में इन पांच महिला वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. लेकिन तब ये महिलाएं महत्वपूर्ण होकर भी दुनिया के सामने नहीं आ सकी थीं. लेकिन ‘मिशन मंगल’ के जरिए पर्दे पर आने के बाद लोग इन वैज्ञानिकों की मेहनत को सलाम कर सकेंगे. फिल्म की कौन एक्ट्रेस किस साइंटिस्ट का रोल निभा रही है ये तो फिल्म देखकर ही पता लगेगा. लेकिन एक झलक यहां देखी जा सकती है.

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