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थलाइवी और कंगना रनौत को रजनीकांत की तारीफ से कितनी मदद मिलेगी?

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 14 सितम्बर, 2021 12:20 PM
  • 14 सितम्बर, 2021 12:20 PM
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थलाइवी (Thalaivii movie) को लेकर संघर्ष कर रहीं कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का बॉलीवुड के खिलाफ कई बार गुस्सा वाजिब लगता है. खासकर जब वे मूवी माफिया की खेमेबाजी का आरोप लगाते हुए कहती हैं कि यहां कुछ समूह एक-दूसरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं और उनकी झूठी तारीफें करते हैं.

बॉलीवुड के खिलाफ कई बार कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का गुस्सा वाजिब दिखता है. खासकर जब वे 'मूवी माफिया' शब्द का इस्तेमाल करती हैं और खेमेबाजी का आरोप लगाते हुए कहती हैं कि यहां कुछ लोगों का समूह है जो एक-दूसरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं. उनकी झूठी तारीफें करते हैं. उनके लिए हर तरह की फील्डिंग करते हैं. हाल ही में कंगना की थलाइवी (Thalaivii movie) रिलीज हुई है. फिल्म जे. जयललिता के जीवन पर है. ज्यादातर समीक्षकों ने फिल्म को आउटस्टैंडिंग बताया है. खासकर कंगना और अरविंद स्वामी के काम की तो खूब तारीफ़ हो रही है. थलाइवी में उनकी मेहनत तारीफ़ के लायक दिखती भी है. मगर कचरा फिल्मों, ट्रेलर और यहां तक कि पोस्टर तक पर तारीफों का पुल बांध देने वाले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के नामचीन कलाकारों के पास थलाइवी के लिए दो शब्द नहीं है.

अक्षय कुमार जैसे सितारों के पास शब्द तो है लेकिन पब्लिक प्लेटफॉर्म पर बचते हैं. ट्रेलर के बाद कंगना ने बताया था कि कैसे अक्षय ने फोन पर "सीक्रेट" तारीफ़ की थी. जबकि ठीक इसी वक्त हीरो के तौर पर संघर्ष कर रहे अतीत के सुपर सितारे के पीआर वीडियो पर मुहावरे गढ़े जा रहे हैं. साफ़ है- खामोशी कंगना की वजह से है. यह भी स्पष्ट दिख रहा है कि बॉलीवुड 'मूवी माफियाओं' पर कंगना के आरोप हवा-हवाई बिलकुल नहीं हैं. कंगना से एलर्जी ही सही, मगर थलाइवी से जुड़े दूसरे लोग तो तारीफ़ के हकदार हो सकते थे. अरविंद स्वामी, नासर, राज अर्जुन, एएल विजय और विष्णुवर्धन तो तारीफ़ पा सकते हैं. इनके साथ लोगों के नए-पुराने ताल्लुकात भी हैं. हो सकता है कि बॉक्स ऑफिस के भंवर में बुरी तरह फंसी कंगना की तारीफ़ कर लोग थलाइवी का प्रचार करने से बच रहे हों. ये बॉलीवुड की कमदिली के सिवाय कुछ नहीं.

कोई बात नहीं. कम से कम साउथ की इंडस्ट्री इस मामले में तंग दिल नहीं है. साउथ के स्टार्स ने...

बॉलीवुड के खिलाफ कई बार कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का गुस्सा वाजिब दिखता है. खासकर जब वे 'मूवी माफिया' शब्द का इस्तेमाल करती हैं और खेमेबाजी का आरोप लगाते हुए कहती हैं कि यहां कुछ लोगों का समूह है जो एक-दूसरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं. उनकी झूठी तारीफें करते हैं. उनके लिए हर तरह की फील्डिंग करते हैं. हाल ही में कंगना की थलाइवी (Thalaivii movie) रिलीज हुई है. फिल्म जे. जयललिता के जीवन पर है. ज्यादातर समीक्षकों ने फिल्म को आउटस्टैंडिंग बताया है. खासकर कंगना और अरविंद स्वामी के काम की तो खूब तारीफ़ हो रही है. थलाइवी में उनकी मेहनत तारीफ़ के लायक दिखती भी है. मगर कचरा फिल्मों, ट्रेलर और यहां तक कि पोस्टर तक पर तारीफों का पुल बांध देने वाले हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के नामचीन कलाकारों के पास थलाइवी के लिए दो शब्द नहीं है.

अक्षय कुमार जैसे सितारों के पास शब्द तो है लेकिन पब्लिक प्लेटफॉर्म पर बचते हैं. ट्रेलर के बाद कंगना ने बताया था कि कैसे अक्षय ने फोन पर "सीक्रेट" तारीफ़ की थी. जबकि ठीक इसी वक्त हीरो के तौर पर संघर्ष कर रहे अतीत के सुपर सितारे के पीआर वीडियो पर मुहावरे गढ़े जा रहे हैं. साफ़ है- खामोशी कंगना की वजह से है. यह भी स्पष्ट दिख रहा है कि बॉलीवुड 'मूवी माफियाओं' पर कंगना के आरोप हवा-हवाई बिलकुल नहीं हैं. कंगना से एलर्जी ही सही, मगर थलाइवी से जुड़े दूसरे लोग तो तारीफ़ के हकदार हो सकते थे. अरविंद स्वामी, नासर, राज अर्जुन, एएल विजय और विष्णुवर्धन तो तारीफ़ पा सकते हैं. इनके साथ लोगों के नए-पुराने ताल्लुकात भी हैं. हो सकता है कि बॉक्स ऑफिस के भंवर में बुरी तरह फंसी कंगना की तारीफ़ कर लोग थलाइवी का प्रचार करने से बच रहे हों. ये बॉलीवुड की कमदिली के सिवाय कुछ नहीं.

कोई बात नहीं. कम से कम साउथ की इंडस्ट्री इस मामले में तंग दिल नहीं है. साउथ के स्टार्स ने कंगना-अरविंद के काम और फिल्म की जमकर तारीफ़ की है. तारीफ़ करने वालों में अब रजनीकांत का भी नाम शामिल हो गया है. थलाइवी के निर्माता विष्णुवर्धन ने एक रीट्वीट किया. ट्वीट में बताया गया है कि थलाइवी की प्राइवेट स्क्रीनिंग हुई. स्क्रीनिंग के बाद रजनीकांत ने निर्देशक एएल विजय को फोन किया और उन्हें बधाइयां दी. उन्होंने फिल्म की बुनावट की जमकर तारीफ़ की. थलाइवी के लिए रजनीकांत की तारीफ़ के मायने हैं. तमिल सिनेमा में रजनीकांत की हैसियत निर्विवाद रूप से सर्वोच्च है. फिल्म का बैकड्रॉप तमिलनाडु है. कंगना ने जयललिता की भूमिका निभाई है. अरविंद स्वामी, एमजीआर के किरदार में हैं. फिल्म को हिंदी के अलावा तमिल और तेलुगु में भी बनाया गया है. रजनीकांत से पहले द फैमिली मैन में जबरदस्त भूमिका निभाने वाली समंथा अक्किनेनी और कई दूसरे दिग्गजों ने भी थलाइवी और कंगना की तारीफ़ की थी.

तमिलनाडु ने कंगना की थलाइवी को कैसे सहारा दिया?

हालांकि मल्टीप्लेक्स की वजह से कंगना की थलाइवी (हिंदी) बॉक्स ऑफिस के भंवर में फंस चुकी है. पर्याप्त स्क्रीन्स नहीं मिले हैं और कलेक्शन बहुत खराब निकल रहा है. हालांकि तमिल बॉक्स ऑफिस का फीडबैक विपरीत हालात में शानदार दिख रहा है. थलाइवी का कुल वीकएंड कलेक्शन करीब 3.50 करोड़ होने का अनुमान है. इसमें हिंदी वर्जन का कलेक्शन 70 लाख और तेलुगु का 40 लाख रुपये है. जबकि तमिल वर्जन का कलेक्शन करीब 2.40 करोड़ रुपये है. कुछ का दावा है कि तमिल वर्जन में कमाई करीब 4 करोड़ के आसपास है.

तमिलनाडु में थलाइवी की कमाई के मायने क्या है?

अलग-अलग दावों की मानें तो तमिलनाडु में थलाइवी को करीब 380 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया है. इतने स्क्रीन्स पर ढाई से चार करोड़ के बीच का कलेक्शन बेहद शानदार माना जा सकता है. बॉलीवुड की किसी भी फिल्म ने तमिलनाडु में अभी तक इतना कलेक्शन नहीं निकाला है. हालांकि थलाइवी को बॉलीवुड की फिल्म कहना भी गलत होगा. और यह भी कि कलेक्शन में कंगना का ही योगदान है. तमिलनाडु में फिल्म की कमाई की कई वजहें हैं. सबसे बड़ी वजह तो जयललिता पर फिल्म का बनना ही है. इसके अलावा अरविंद स्वामी और नासर जैसे कलाकारों की मौजूदगी तमिल दर्शकों के लिए आकर्षण का दूसरा विषय है. निश्चित की जया के रूप में कंगना का मेकओवर और काम भी लोगों को आकर्षित कर रहा होगा. वहां इसपर तारीफ़ भी सुनने को मिल रही है. सबसे अहम यह भी कि थलाइवी को तमिलनाडु के मल्टीप्लेक्स में भी दिखाया जा रहा है.

रजनीकांत के रिव्यू के बाद तमिलनाडु में फिल्म को और प्रचार मिलने की उम्मीद है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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