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आर बाल्की सनी देओल के साथ साइको थ्रिलर ला रहे हैं, उससे पहले इन फिल्मों को जरूर देखना चाहिए

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 10 अक्टूबर, 2021 10:33 PM
  • 10 अक्टूबर, 2021 10:33 PM
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बॉलीवुड में एक और थ्रिलर फिल्म बन रही है. आर बाल्की (R Balki) सनी देओल (Sunny Deol) और दुलकर सलमान ( Dulquer Salmaan) को लेकर चुप (Chup) बना रहे हैं. वैसे बॉलीवुड में अब तक एक से बढ़कर एक थ्रिलर फ़िल्में आई हैं. इनकी कहानी इतनी जबदस्त और रोचक है कि दर्शक अंत तक बंधे रहते हैं.

चीनी कम, पा, इंग्लिश विंगलिश, शमिताभ, पैडमैन, मिशन मंगल जैसी फिल्मों के लिए मशहूर निर्माता-निर्देशक आर बाल्की अपने करियर में पहली बार साइको थ्रिलर ड्रामा "चुप: रिवेंज ऑफ़ द आर्टिस्ट" लेकर आ रहे हैं. चुप का मोशन पोस्टर जारी कर दिया गया है. मोशन पोस्टर में भारतीय सिनेमा के दिग्गज गुरुदत्त को भी फीचर किया गया है. चुप में सनी देओल और दुलकर सलमान की जोड़ी है. खास बात यह भी है कि लंबे वक्त के बाद भाजपा सांसद और दिग्गज अभिनेता सनी देओल होम प्रोडक्शन से बाहर बड़े प्रोजेक्ट में काम करते नजर आएंगे. फिल्म में पूजा भट्ट भी अहम भूमिका निभा रही हैं. आर बाल्की चुप में क्या करिश्मा दिखाने जा रहे हैं इस पर नजर रखना चाहिए.

वैसे बॉलीवुड ने अब तक कई बेहतरीन साइको थ्रिलर का निर्माण किया है. हम ऐसी ही कुछ चुनिंदा फिल्मों की जानकारी दे रहे हैं. जिन दर्शकों की रूचि थ्रिलर सब्जेक्ट में होती है उन्हें ये फ़िल्में एक बार जरूर देखनी चाहिए. फ़िल्में तमाम ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब पर भी मौजूद हैं. आइए एक नजर डालते हैं.

#1. महल (1949)

फिल्म की कहानी एक युवा वकील की है जिसका सामना नए घर में एक भूत से होता है. हकीकत में महल एक सुपरनैचुरल थ्रिलर है जिसकी रोमांचक कहानी अंत तक दर्शकों को बांधे रखती है. महल को भारतीय सिनेमा की क्लासिक में शुमार किया जाता है. अपने जमाने की म्यूजिकल हिट भी है. इसके कई गाने तो आज भी चाव से सुने जाते हैं. अशोक कुमार और मधुबाला की जोड़ी ने मुख्य भूमिका निभाई है.

#2. गुमनाम (1965)

गुमनाम है कोई... ये गाना सुना ही होगा. गुमनाम के कई गाने सुपर डुपर हिट हुए. कमाल की थ्रिलर है फिल्म. कहानी आठ किरदारों को लेकर बुनी गई है जो एक दूर-दराज के बंगले में फंस जाते हैं और फिर एक-एक कर हत्याएं होती हैं. कहानी में घोस्ट एंगल भी है. हत्याएं कौन और क्यों कर रहा है- इसी को लेकर सस्पेंस बुना गया...

चीनी कम, पा, इंग्लिश विंगलिश, शमिताभ, पैडमैन, मिशन मंगल जैसी फिल्मों के लिए मशहूर निर्माता-निर्देशक आर बाल्की अपने करियर में पहली बार साइको थ्रिलर ड्रामा "चुप: रिवेंज ऑफ़ द आर्टिस्ट" लेकर आ रहे हैं. चुप का मोशन पोस्टर जारी कर दिया गया है. मोशन पोस्टर में भारतीय सिनेमा के दिग्गज गुरुदत्त को भी फीचर किया गया है. चुप में सनी देओल और दुलकर सलमान की जोड़ी है. खास बात यह भी है कि लंबे वक्त के बाद भाजपा सांसद और दिग्गज अभिनेता सनी देओल होम प्रोडक्शन से बाहर बड़े प्रोजेक्ट में काम करते नजर आएंगे. फिल्म में पूजा भट्ट भी अहम भूमिका निभा रही हैं. आर बाल्की चुप में क्या करिश्मा दिखाने जा रहे हैं इस पर नजर रखना चाहिए.

वैसे बॉलीवुड ने अब तक कई बेहतरीन साइको थ्रिलर का निर्माण किया है. हम ऐसी ही कुछ चुनिंदा फिल्मों की जानकारी दे रहे हैं. जिन दर्शकों की रूचि थ्रिलर सब्जेक्ट में होती है उन्हें ये फ़िल्में एक बार जरूर देखनी चाहिए. फ़िल्में तमाम ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और यूट्यूब पर भी मौजूद हैं. आइए एक नजर डालते हैं.

#1. महल (1949)

फिल्म की कहानी एक युवा वकील की है जिसका सामना नए घर में एक भूत से होता है. हकीकत में महल एक सुपरनैचुरल थ्रिलर है जिसकी रोमांचक कहानी अंत तक दर्शकों को बांधे रखती है. महल को भारतीय सिनेमा की क्लासिक में शुमार किया जाता है. अपने जमाने की म्यूजिकल हिट भी है. इसके कई गाने तो आज भी चाव से सुने जाते हैं. अशोक कुमार और मधुबाला की जोड़ी ने मुख्य भूमिका निभाई है.

#2. गुमनाम (1965)

गुमनाम है कोई... ये गाना सुना ही होगा. गुमनाम के कई गाने सुपर डुपर हिट हुए. कमाल की थ्रिलर है फिल्म. कहानी आठ किरदारों को लेकर बुनी गई है जो एक दूर-दराज के बंगले में फंस जाते हैं और फिर एक-एक कर हत्याएं होती हैं. कहानी में घोस्ट एंगल भी है. हत्याएं कौन और क्यों कर रहा है- इसी को लेकर सस्पेंस बुना गया है. कहानी में जबरदस्त थ्रिल, एक्शन और कॉमेडी है. वक्त के साथ गुमनाम की कहानी का जादू कम नहीं हुआ है. इसे आज भी देखने पर ताजगी का एहसास होता है. गुमनाम में मनोज कुमार, महमूद, नंदा, प्राण, मदन पुरी, तरुण बोस और हेलेन जैसे दिग्गज सितारों ने उम्दा अभिनय किया है.

ये कहानी एक ऐसे युवा लड़के की है जिस पर अपने सौतेले पिता की हत्या का आरोप लग जाता है जबकि उसने हत्या की ही नहीं है. हत्या किसने और क्यों की है यह सस्पेंस आखिर तक बना रहता है. गुप्त अपने जमाने की ब्लॉकबस्टर थी. फिल्म में बॉबी देओल, काजोल और मनीषा कोइराला ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं. काजोल ने जो भूमिका निभाई थी उसके लिए उनकी खूब तारीफ़ की गई थी.

#4. मनोरमा सिक्स फीट अंडर (2007)

फिल्म की कहानी एक जासूस की है जो ना चाहते हुए भी एक कंप्लीकेटेड मर्डर मिस्ट्री में उलझकर रह जाता है. वह कैसे फंसता है, बचकर निकल पाता है यानी और मिस्ट्री आखिर में सॉल्व होती है या नहीं- फिल्म में देखने लायक है. अभय देओल, गुल पनाग, राइमा सेन और विनय पाठक जैसे कलाकारों ने बहुत ही अच्छा काम किया है.

#5. अ वेडनसडे (2008)

फिल्म एक पुलिस अफसर के करियर में आए सबसे रहस्यमयी और मुश्किल केस की. फोन पर एक आम आदमी पुलिस को सूचना देता और उससे हर वो काम कराता है जो शहर की सुरक्षा के लिहाज से वो जरूरी समझता है. सारी घटनाएं एक ही दिन में घटती हैं. फिल्म में थ्रिल शुरू से अंत तक बना रहता है. नीरज पांडे के निर्देशन मेमन अनुपम खेर और नसीरुद्दीन शाह के रूप में दो मंझे अभिनेता बेहतरीन अभिनय करते नजर आते हैं.

#6. कहानी (2012)

फिल्म की कहानी एक प्रेग्नेंट महिला की है जो कोलकाता में अपने गायब पति को खोज रही है. इस काम में उसकी मदद एक पुलिस ऑफिसर भी कर रहा है. कहानी के क्लाइमेक्स को बॉलीवुड में अब तक का सबसे बेस्ट क्लाइमेक्स माना गया है. और इसी वजह से अंत में आकर दर्शक लाजवाब हो जाते हैं. विद्या बालन और नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बेहतरीन अभिनय किया है.

#7. अग्ली (2013)

फिल्म की पूरी कहानी एक 10 साल की बच्ची के किडनैपिंग से जुड़ी है. बच्चे को खोजने के क्रम में सस्पेंस और थ्रिल का जो दौर शुरू होता है वो कमाल का है. फिल्म का क्लाइमेक्स तो बहुत ही गजब का है. अंत में बच्ची के साथ क्या होता है यह जानकर दर्शकों का हैरान होना निश्चित है. अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी बेहतरीन थ्रिलर फिल्म है ये.

#8. दृश्यम (2015)

फिल्म की कहानी हद दर्जे तक सिनेमा का शौक रखने वाले एक केबल टीवी ऑपरेट की है. एक पुलिस अफसर के बेटे की हत्या के बाद केबल ऑपरेटर पुलिस की जांच से कैसे अपने परिवार को बचाता है- उसे देखना रोमांचक है. अजय देवगन, श्रेया शरन और तब्बू ने बेहतरीन काम किया है.

बॉलीवुड थ्रिलर के शौक़ीन इन फिल्मों के अलावा अक्षय कुमार की स्पेशल 26 (2013), आमिर खान करीना कपूर खान की तलाश (2012), फरहान अख्तर की कार्तिक कालिंग कार्तिक (2010), उर्मिला मातोंडकर की कौन (1999), और अनुष्का शर्मा की एनएच 10 (2015) जैसी फिल्मों को भी देख सकते हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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