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नवजोत सिद्धू को कपिल शर्मा शो में आने से पहले बिग बॉस के घर जाना चाहिए!

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 30 सितम्बर, 2021 06:50 PM
  • 30 सितम्बर, 2021 06:03 PM
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पंजाब की राजनीति (Punjab Politics) में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) उस योद्धा की तरह नजर आते हैं, जिसने कई जंग का नेतृत्व किया, लड़ाई की और जीता भी बावजूद उस योद्धा के हाथ कुछ भी नहीं आया.

ये पहली बार है जब पंजाब की सियासत देशभर में सुर्खियां बटोर रही है. वो भी सिर्फ कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति की वजह से. भारतीय जनता पार्टी से मोहभंग होने के बाद लगता है नवजोत सिंह सिद्धू के अच्छे दिन कभी लौटे ही नहीं. भले ही इस बीच वो कांग्रेस में गए, डिप्टी सीएम बने और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी भी हथियाई. उनके लिए स्थायी कुछ भे इनहीं रहा. अरुण जेटली से झगड़े में पहले बेआबरू होकर भाजपा छोड़ना पड़ा, कांग्रेस में आने और पाकिस्तान का दौरा करने के बाद ऐसा विवाद शुरू हुआ कि पूर्व क्रिकेटर को कपिल शर्मा के शो को छोड़ना पड़ा. उनकी जगह अर्चना पूरन सिंह आईं. लगभग तभी से सिद्धू की कैप्टन के साथ राजनीतिक अदावत देखने को मिल रही है. कैप्टन की वजह से ही उन्हें डिप्टी सीएम का पद छोड़ना पड़ा था. कैप्टन बार-बार सिद्धू पर भारी साबित हो रहे हैं. लोग तो यहां तक कहने लगे हैं कि उन्हें अब वापस टीवी पर लौटना चाहिए. यही विकल्प उनके पास है.

बौखलाए कैप्टन, सिद्धू को "देश विरोधी" शक्ल देते नजर आ रहे हैं. दोनों दिग्गजों के विवाद की वजह छुपी नहीं है. दरअसल, राहुल गांधी के करीबियों में शुमार हो चुके सिद्धू हर हाल में पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. कैप्टन उनके रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा थे. सिद्धू की कोशिश रंग लाती दिख भी रही थी. भारी दबाव की वजह से उन्हें पंजाब राज्य ईकाई का अध्यक्ष भी बना दिया गया था. उन्होंने सीएम की कुर्सी के लिए और जोर लगाया. कैप्टन की विदाई तो हुई पर मुख्यमंत्री पद की मलाई दलित सिख नेता चरणजीत सिंह चन्नी मार ले गए. कैप्टन ने कहा भी था कि वो हर हाल में "देश विरोधी ताकतों" से दोस्ती रखने वाले सिद्धू को सीमावर्ती राज्य का मुख्यमंत्री कभी नहीं बनने देंगे. कैप्टन जब मुख्यमंत्री थे तब भी और पद छोड़ने के बाद भी लगातार खुलेआम सिद्धू की तीखी आलोचना कर रहे हैं.

ये पहली बार है जब पंजाब की सियासत देशभर में सुर्खियां बटोर रही है. वो भी सिर्फ कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति की वजह से. भारतीय जनता पार्टी से मोहभंग होने के बाद लगता है नवजोत सिंह सिद्धू के अच्छे दिन कभी लौटे ही नहीं. भले ही इस बीच वो कांग्रेस में गए, डिप्टी सीएम बने और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी भी हथियाई. उनके लिए स्थायी कुछ भे इनहीं रहा. अरुण जेटली से झगड़े में पहले बेआबरू होकर भाजपा छोड़ना पड़ा, कांग्रेस में आने और पाकिस्तान का दौरा करने के बाद ऐसा विवाद शुरू हुआ कि पूर्व क्रिकेटर को कपिल शर्मा के शो को छोड़ना पड़ा. उनकी जगह अर्चना पूरन सिंह आईं. लगभग तभी से सिद्धू की कैप्टन के साथ राजनीतिक अदावत देखने को मिल रही है. कैप्टन की वजह से ही उन्हें डिप्टी सीएम का पद छोड़ना पड़ा था. कैप्टन बार-बार सिद्धू पर भारी साबित हो रहे हैं. लोग तो यहां तक कहने लगे हैं कि उन्हें अब वापस टीवी पर लौटना चाहिए. यही विकल्प उनके पास है.

बौखलाए कैप्टन, सिद्धू को "देश विरोधी" शक्ल देते नजर आ रहे हैं. दोनों दिग्गजों के विवाद की वजह छुपी नहीं है. दरअसल, राहुल गांधी के करीबियों में शुमार हो चुके सिद्धू हर हाल में पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. कैप्टन उनके रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा थे. सिद्धू की कोशिश रंग लाती दिख भी रही थी. भारी दबाव की वजह से उन्हें पंजाब राज्य ईकाई का अध्यक्ष भी बना दिया गया था. उन्होंने सीएम की कुर्सी के लिए और जोर लगाया. कैप्टन की विदाई तो हुई पर मुख्यमंत्री पद की मलाई दलित सिख नेता चरणजीत सिंह चन्नी मार ले गए. कैप्टन ने कहा भी था कि वो हर हाल में "देश विरोधी ताकतों" से दोस्ती रखने वाले सिद्धू को सीमावर्ती राज्य का मुख्यमंत्री कभी नहीं बनने देंगे. कैप्टन जब मुख्यमंत्री थे तब भी और पद छोड़ने के बाद भी लगातार खुलेआम सिद्धू की तीखी आलोचना कर रहे हैं.

क्यों लोगों के मजाक का टॉपिक बने हैं सिद्धू 

सिद्धू के सारे अरमान धरे ही रहे गए. कैप्टन के जाने के बाद भी जब उन्हें कांग्रेस में कुछ मिलता नहीं दिखा तो आख़िरी सांस तक संघर्ष करने की बात कहते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी ही छोड़ दी. सिद्धू के आम आदमी पार्टी में भी जाने के कयास हैं. कुल मिलाकर पिछले कुछ हफ़्तों से सोशल मीडिया पर पूर्व क्रिकेटर छाया हुआ है. उन्हें दलबदलू कहा जा रहा है. ऐसा नेता जिसका भरोसा नहीं किया जा सकता. उनका मजाक एक ऐसे शख्स के रूप में उड़ाया जा रहा है जिसने कोशिशें तो बहुत की मगर अंत तक खाली हाथ ही रह गया. चन्नी के सीएम बनने के बाद सोशल मीडिया पर खूब जोक शेयर हो रहे हैं. इनमें कहा जा रहा है कि अब उनकी वजह से द कपिल शर्मा शो में अर्चना पूरन सिंह की जॉब खतरे में है. हालांकि यह पूर्व क्रिकेटर को लेकर मजाक का ही एक हिस्सा है. हाल फिलहाल ऐसा कोई सूत्र या अपडेट नहीं मिला है जिसके आधार पर यकीन किया जाए कि सिद्धू कपिल के साथ शो जॉइन करने जा ही रहे हैं.

सिद्धू के लिए क्या बेहतर? कपिल का शो या सलमान का बिग बॉस 

लेकिन लोग मानने वाले कहां हैं. वो तो यही दावा कर रहे हैं कि राजनीति से पूरी तरह बेरोजगार हुए सिद्धू के पास अब कपिल का शो जॉइन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. वैसे सिद्धू की डिमांड सलमान खान के रियलिटी शो बिग बॉस में भी खूब है. कई ने तो यहां तक कहा कि कपिल के शो की बजाय सिद्धू बिग बॉस के लिए ज्यादा सटीक चेहरा हैं. बिग बॉस के घर में बताने को उनके पास बेशुमार कहानियां हैं. विवाद भी इतने की शो की टीआरपी में चार चांद लग जाए. वे इस वक्त तो मीडिया, सोशल मीडिया और कार्टूनिस्ट की दिलचस्पी बने हुए हैं. मीमबाज भी कई हफ़्तों से उनके नाम पर ही चोखा कारोबार चलाते दिख रहे हैं. पिछले कुछ सालों में सिद्धू की राजनीति, उनसे जुड़े विवाद तो यही बताते हैं कि कपिल के शो की तुलना में बिग बॉस के लिए सिद्धू ज्यादा जरूरी चेहरा हैं.

कौन सी दुखती नस दबाकर सिद्धू को दर्द दे रहे कैप्टन 

सिद्धू टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटर रहे हैं. वहां भी उनकी लड़ाइयों ने कम सुर्खियां नहीं बटोरी हैं. सचिन तेंदुलकर के ओपनिंग पार्टनर रहे दिग्गज बल्लेबाज की पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ झगड़ा तो ऐतिहासिक रहा है. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्होंने कमेंट्री में हाथ आजमाया. शेरो शायरी और मजाकिया लहजे में उनके द्वारा की गई कमेंट्री ने लोगों का खूब मनोरंजन किया. वे कपिल के शो से भी जुड़े. शो पर सिद्धू की हाजिरजवाबी ने उनकी लोकप्रियता और बढ़ा दी. इस बीच सिद्धू राजनीतिक रूप से भी सक्रिय रहे. भाजपा के टिकट पर लोकसभा में पहुंचे. पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भी भेजा. लेकिन जल्द ही उनका मोहभंग हो गया. उनकी चर्चा पंजाब में तेजी से पैर जमा रही आम आदमी पार्टी में जाने की हुई पर वे कांग्रेस में शामिल हुए. उन्हें डिप्टी सीएम भी बनाया गया. हालांकि मुख्यमंत्री साथ झगड़ों और अंदरूनी राजनीति की वजह से उन्होंने पद छोड़ दिया. इसके बाद अब तक जो हुआ उसे बताने की जरूरत नहीं है. इमरान खान के दोस्त के रूप में शपथ ग्रहण में शामिल होना और पाकिस्तान के शीर्ष रक्षा अधिकारी बाजवा के गले मिलना सिद्धू के गले की फांस बन गया है. कैप्टन उनकी इसी दुखती नस को बार-बार दबा रहे हैं.

सिद्धू चाहे राजनीति करें, कपिल के शो में जाए या फिर बिग बॉस के ही घर में- मगर उनके किस्से इस वक्त लोगों को रियलिटी शो जैसा मजा ही दे रहे हैं. सिद्धू क्या करेंगे और कहां जाएंगे, सबकी नजरें इस बात पर लगी हुई हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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