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मिर्जापुर की याद दिला गया फैमिली मैन 2 का सबसे ह्यूमरस पार्ट, CEOs पर बन रहा मजाक

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 05 जून, 2021 11:07 PM
  • 05 जून, 2021 11:06 PM
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वेबसीरीज में कौस्तुभ कुमार के साथ मनोज बाजपेयी के कॉमिक फ्रेम बहुत ह्यूमरस हैं जिन्हें दर्शक बार-बार देखना चाहेंगे. कौस्तुभ की भूमिका सीरीज में ज्यादा लंबी नहीं है. मगर मनोज बाजपेयी के साथ वो तारीफ़ के हकदार हैं. युवा सीईओ के रूप में उनके अभिनय ने इसे दिलचस्प बना दिया है.

मनोज बाजपेयी-समंथा अक्कीनेनी स्टारर द फैमिली मैन 2 वैसे तो है थ्रिलर, मगर इसमें श्रीकांत तिवारी का किरदार थोड़ा कॉमिक भी है. श्रीकांत की वजह से ही फैमिली मैन में बहुत सारे कॉमेडी सीक्वेंस की गुंजाइश बनी. हालांकि ये राज और डीके के क्रिएशन में परंपरागत कॉमेडी थोड़ा अलग है. एग्रेसिव ह्यूमर है. चौकिए मत ये ह्यूमर के चार प्रकारों में से एक है आजकल जिसका ओटीटी कंटेंट में खूब इस्तेमाल किया जा रहा है. श्रीकांत का ह्यूमर गाली-गलौज, मारपीट या किसी को धमकाने के दौरान दिखता रहता है.

फैमिली मैन 2 में वैसे तो मनोज बाजपेयी के कई कॉमिक सीक्वेंस हैं. लेकिन सबसे मजेदार और दिलचस्प फ्रेम श्रीकांत के कॉरपोरेट नौकरी के दौरान नजर आते हैं. वो भी उनके 28 साल के सीईओ तन्मय घोष (कौस्तुभ कुमार) के साथ. इससे पहले अमेजन प्राइम की ही वेबसीरीज मिर्जापुर में भी मुन्ना त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा) से जुड़ा ऐसा ही एक आइकानिक कॉमिक सीन दिखा था. पहले मिर्जापुर के कॉमिक फ्रेम पर बात कर लेते हैं.

फैमिली मैन 2 और मिर्जापुर के सीन. फोटो- अमेजन प्राइम वीडियो से साभार.

मुन्ना त्रिपाठी, मिर्जापुर पर राज करने वाले बाहुबली के बेटे हैं. दबंग छात्रनेता भी हैं. कॉलेज में छात्रसंघ का चुनाव है. लेकिन दीपू सिंह के रूप में एक पढ़ाकू किस्म का लड़का उनके खिलाफ मैदान में उतरना चाहता है. वो कैम्पस को गुंडागर्दी से बचाने के नाम पर वोट मांगता है. मुन्ना को खबर मिलती है तो गुर्गों के साथ दीपू सिंह का पीछा करते हैं. दीपू यहां-वहां फिर भरी क्लासरूम में पीछे छिपकर खुद को बचाने की कोशिश करता है. मुन्ना त्रिपाठी की एंट्री होती है. वो मास्टर साहब को नमस्कार करते हैं. इस बीच क्लास के सभी छात्रों की नजर मुन्ना त्रिपाठी की पिटाई से बचने की कोशिश में लगे दीपू सिंह पर टिक जाती है.

मनोज बाजपेयी-समंथा अक्कीनेनी स्टारर द फैमिली मैन 2 वैसे तो है थ्रिलर, मगर इसमें श्रीकांत तिवारी का किरदार थोड़ा कॉमिक भी है. श्रीकांत की वजह से ही फैमिली मैन में बहुत सारे कॉमेडी सीक्वेंस की गुंजाइश बनी. हालांकि ये राज और डीके के क्रिएशन में परंपरागत कॉमेडी थोड़ा अलग है. एग्रेसिव ह्यूमर है. चौकिए मत ये ह्यूमर के चार प्रकारों में से एक है आजकल जिसका ओटीटी कंटेंट में खूब इस्तेमाल किया जा रहा है. श्रीकांत का ह्यूमर गाली-गलौज, मारपीट या किसी को धमकाने के दौरान दिखता रहता है.

फैमिली मैन 2 में वैसे तो मनोज बाजपेयी के कई कॉमिक सीक्वेंस हैं. लेकिन सबसे मजेदार और दिलचस्प फ्रेम श्रीकांत के कॉरपोरेट नौकरी के दौरान नजर आते हैं. वो भी उनके 28 साल के सीईओ तन्मय घोष (कौस्तुभ कुमार) के साथ. इससे पहले अमेजन प्राइम की ही वेबसीरीज मिर्जापुर में भी मुन्ना त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा) से जुड़ा ऐसा ही एक आइकानिक कॉमिक सीन दिखा था. पहले मिर्जापुर के कॉमिक फ्रेम पर बात कर लेते हैं.

फैमिली मैन 2 और मिर्जापुर के सीन. फोटो- अमेजन प्राइम वीडियो से साभार.

मुन्ना त्रिपाठी, मिर्जापुर पर राज करने वाले बाहुबली के बेटे हैं. दबंग छात्रनेता भी हैं. कॉलेज में छात्रसंघ का चुनाव है. लेकिन दीपू सिंह के रूप में एक पढ़ाकू किस्म का लड़का उनके खिलाफ मैदान में उतरना चाहता है. वो कैम्पस को गुंडागर्दी से बचाने के नाम पर वोट मांगता है. मुन्ना को खबर मिलती है तो गुर्गों के साथ दीपू सिंह का पीछा करते हैं. दीपू यहां-वहां फिर भरी क्लासरूम में पीछे छिपकर खुद को बचाने की कोशिश करता है. मुन्ना त्रिपाठी की एंट्री होती है. वो मास्टर साहब को नमस्कार करते हैं. इस बीच क्लास के सभी छात्रों की नजर मुन्ना त्रिपाठी की पिटाई से बचने की कोशिश में लगे दीपू सिंह पर टिक जाती है.

मास्टर साहब क्लास के दूसरे छात्रों को हिदायत देते हैं- "आप लोग पीछे क्या देख रहे हैं. सिनेमा हो रहा है क्या. पढ़िए-लिखिए." उधर, मुन्ना क्लासरूम के पीछे पहुंच जाता है और दीपू सिंह को एक पर एक दर्जन्नभर से ज्यादा भन्नाटेदार चाटे रसीद करते हुए कहते जाता है- "तुम्हें पचास बार बोले हैं. पढ़ने-लिखने वाले छात्रों को राजनीति से दूर रहना चाहिए.... हें.... अबे पढ़ाई-लिखाई पे ध्यान दो 'आईए-वाईएस' बनो और देश को संभालों. लेकिन नहीं.. तुम्हारी ग?&&%$ में चुनमुने काट रहे हैं." मिर्जापुर के इसी आइकानिक कॉमिक सीन पर आज भी जब तब मजेदार मीम्स देखने को मिलते हैं.

फैमिली मैन 2 में श्रीकांत तिवारी (मनोज बाजपेयी) ने TASC छोड़कर कॉरपोरेट जॉब तो कर ली है, लेकिन उसका जॉब में मन नहीं लग रहा. वो एडजस्ट करने की कोशिश कर रहा है. श्रीकांत ऑफिस कॉलिग के साथ घुलमिल नहीं पाया है. कॉलिग्स को लगता है जैसे वो अपने पिता के साथ कॉलेज की क्लास अटेंड कर रहे हों. 28 साल के सीईओ तन्मय घोष को श्रीकांत के एटीट्यूड जो TASC वाला ही है- से बहुत दिक्कत है. वो जब-तब 28 साल की उम्र में हासिल उपलाब्धियों को लेकर श्रीकांत को समझाता रहता है. बार-बार कॉन्फ्रेंस रूम में ले जाकर कॉरपोरेट जगत की डींगे मारता है. और श्रीकांत. वो एक अच्छे शांत एम्प्लॉई की तरह हां में हां मिलाता रहता है. लेकिन जब श्रीकांत का सब्र जवाब दे जाता है, फिर तो 28 साल के युवा सीईओ के साथ जो होता है- लोग सोशल मीडिया पर उसी के मजे ले रहे हैं.

वेबसीरीज में कौस्तुभ कुमार के साथ मनोज बाजपेयी के कॉमिक फ्रेम ह्यूमरस बन पड़े हैं जिन्हें दर्शक बार-बार देखना चाहेंगे. कौस्तुभ की भूमिका सीरीज में ज्यादा लंबी नहीं है. मगर मनोज बाजपेयी के साथ वो तारीफ़ के हकदार जरूर हैं. युवा सीईओ के रूप में उनके जोरदार अभिनय ने इसे दिलचस्प बना दिया है. कौस्तुभ का किरदार भाषा-चाल, ढाल और अभिनय के मुकाबले थ्री इडियट्स के चतुर 'साइलेंसर' (ओमी वैद्य) की कतार में खड़ा दिखता है.

द फैमिली मैन को राज और डीके ने क्रिएट किया है. दूसरे सीजन का प्लाट श्रीलंका छोड़कर बच निकले तमिल ईलम के लड़कों की योजना को फेल करने में जुटे TASC का ऑपरेशन है. समंथा ने खूंखार गुरिल्ला लड़ाका राजी की भूमिका निभाई है. अमेजन प्राइम के शो को खूब पसंद किया जा रहा है. IMDb पर 42 हजार रजिस्टर्ड यूजर्स ने फैमिली मैन 2 को 10 में से 8.6 की रेटिंग दी है. किसी भी शो के लिए निश्चित ही ये बहुत ही बेहतरीन रेटिंग है. और इसकी वजह सिर्फ ये है कि स्टोरी लाइन, एक्टिंग, एक्शन, जानदार संवादों और निर्देशन ने कहानी के साथ दर्शकों को अंत तक बांधे रखा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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