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Masaba की दर्दभरी कहानी ने मां नीना गुप्ता की तमाम कामयाबियों पर सवाल खड़ा कर दिया

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 26 अगस्त, 2020 09:58 PM
  • 26 अगस्त, 2020 09:58 PM
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सिर्फ 14 साल की उम्र में बेटी मसाबा (Masaba Gupta ) को एक्टिंग (Acting) करने से रोक कर भले ही नीना गुप्ता (Neena Gupta) खुद को एक अच्छी मां (Mother) के रूप में देख रही हों मगर एक बेटी के तौर पर अपनी मां के प्रति उनका विश्वास कब का टूट चुका है और ये टीस अब भी उनके दिल में है.

हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन,

दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है.

शेर, उर्दू अदब के बेताज बादशाह मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) का है. और किसी पर फिट बैठे न बैठे एक्टर नीना गुप्ता (Neena Gupta) पर ज़रूर फिट बैठता है. नीना लंबे समय से इंडस्ट्री (Industry) में हैं. उन्होंने इंडस्ट्री की चमक धमक को भी महसूस किया है. साथ ही उन्होंने उस बदरंग चेहरे को भी क़रीब से देखा है जो बॉलीवुड (Bollywood) का है. नीना ने ख़ुद तो जैसे तैसे इंडस्ट्री में सर्वाइव कर लिया लेकिन जानती थीं बच्चों के लिए ये मुश्किल होगा. शायद यही वो कारण था कि उन्होंने अपनी बेटी मसाबा (Masaba Gupta) को सिने जगत के ग्लैमर से दूर रखना ही मुनासिब समझा. नीना इस बात को भले ही भूल गईं मगर बेटी मसाबा को आज भी सब याद है. मसाबा ने कहा है कि वो अपनी मां नीना गुप्ता के नक्शे कदम पर चलना चाहती थीं. उन्हें अपनी मां नीना गुप्ता जैसा बनना था. उन्हें 14 साल की उम्र में एक्टिंग करनी थी लेकिन मां नीना गुप्ता द्वारा ऐसा करने से उन्हें रोका (Neena Gupta dissuaded Masaba Gupta) गया. जिस अंदाज में मसाबा ने बात की है साफ है कि साफ है कि अपनी मां नीना गुप्ता के प्रति उनके मन में टीस है और ये बातें उसी टीस से उपजा दर्द है.

नीना गुप्ता को लेकर जो बातें मसाबा ने बताई हैं वो इंडस्ट्री की तल्ख़ हकीकत बयां करती हैं

बताते चलें कि डिज़ाइनर मसाबा गुप्ता जो कि नेटफ्लिक्स की एक सीरीज मसाबा मसाबा के साथ अपना एक्टिंग डेब्यू करने वाली हैं उन्होंने एक इंटरव्यू दिया है और मां नीना गुप्ता और अपने प्रोफेशनल करियर पर मां की रोक टोक के मद्देनजर तमाम बातें कही हैं. मसाबा ने कहा है कि जब वो 14 साल की थीं तब उन्हें मां नीना के 'मां' वाले गुणों का सामना...

हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन,

दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है.

शेर, उर्दू अदब के बेताज बादशाह मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) का है. और किसी पर फिट बैठे न बैठे एक्टर नीना गुप्ता (Neena Gupta) पर ज़रूर फिट बैठता है. नीना लंबे समय से इंडस्ट्री (Industry) में हैं. उन्होंने इंडस्ट्री की चमक धमक को भी महसूस किया है. साथ ही उन्होंने उस बदरंग चेहरे को भी क़रीब से देखा है जो बॉलीवुड (Bollywood) का है. नीना ने ख़ुद तो जैसे तैसे इंडस्ट्री में सर्वाइव कर लिया लेकिन जानती थीं बच्चों के लिए ये मुश्किल होगा. शायद यही वो कारण था कि उन्होंने अपनी बेटी मसाबा (Masaba Gupta) को सिने जगत के ग्लैमर से दूर रखना ही मुनासिब समझा. नीना इस बात को भले ही भूल गईं मगर बेटी मसाबा को आज भी सब याद है. मसाबा ने कहा है कि वो अपनी मां नीना गुप्ता के नक्शे कदम पर चलना चाहती थीं. उन्हें अपनी मां नीना गुप्ता जैसा बनना था. उन्हें 14 साल की उम्र में एक्टिंग करनी थी लेकिन मां नीना गुप्ता द्वारा ऐसा करने से उन्हें रोका (Neena Gupta dissuaded Masaba Gupta) गया. जिस अंदाज में मसाबा ने बात की है साफ है कि साफ है कि अपनी मां नीना गुप्ता के प्रति उनके मन में टीस है और ये बातें उसी टीस से उपजा दर्द है.

नीना गुप्ता को लेकर जो बातें मसाबा ने बताई हैं वो इंडस्ट्री की तल्ख़ हकीकत बयां करती हैं

बताते चलें कि डिज़ाइनर मसाबा गुप्ता जो कि नेटफ्लिक्स की एक सीरीज मसाबा मसाबा के साथ अपना एक्टिंग डेब्यू करने वाली हैं उन्होंने एक इंटरव्यू दिया है और मां नीना गुप्ता और अपने प्रोफेशनल करियर पर मां की रोक टोक के मद्देनजर तमाम बातें कही हैं. मसाबा ने कहा है कि जब वो 14 साल की थीं तब उन्हें मां नीना के 'मां' वाले गुणों का सामना करना पड़ा और नीना ने उन्हें एक्टिंग करने से साफ मना कर दिया.

मसाबा के अनुसार जीवन के लिए उनके भी कुछ सपने थे. वो भी अपनी मां की तरह सफल बनना चाहती थीं मगर जीवन के उस पड़ाव में जहां उन्हें अपनी मां का सबसे ज्यादा सपोर्ट मिलना चाहिए था मां की तरफ से उन्हें 'न' सुनने को मिला. छोटी उम्र में जो कुछ भी हुआ उसे हम एक बेहद साधारण सी घटना मान सकते हैं लेकिन जब हम इन तमाम बातों को मनोविज्ञान की एक शाखा चाइल्ड साइकोलॉजी के अंतर्गत रखकर देखें तो स्थिति दूसरी और बेहद असाधारण है.

चाइल्ड साइकोलॉजी के अनुसार जिस उम्र में मसाबा के साथ ये हुआ वो एक ऐसी उम्र है जब किसी बच्चे का दिमाग एक स्लेट की तरह होता है और यदि कोई घटना उसके साथ होती है तो वो उसके दिल ओ दिमाग में अंकित हो जाती है. ऐसा ही कुछ हमें मसाबा के मामले में देखने को मिला है.

इंटरव्यू में मसाबा ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि नीना को लगता था कि यदि वो (मसाबा) "फिल्मों या ये कहें कि इंडस्ट्री में आती हैं तो उनकी एक ऐसी छवि बनती है जो उनके आगे के लिए अच्छी नहीं होगी. बड़ा सवाल ये है कि अगर नीना जैसी एक्टर ने ये बातें कहीं हैं तो ये यूं ही बेवजह नहीं हैं. इसके पीछे इंडस्ट्री का वो सियाह चेहरा है जो विभत्स है.

ये पूछे जाने पर कि मसाबा को एक्टर ही क्यों बनना था जवाब भी दिलचस्प आए. मसाबा के अनुसार उन्हें इंडस्ट्री का ग्लैमर पसंद था. वो वैनिटी में बैठना चाहती थीं उन्हें फैंस को ऑटोग्राफ देने थे मगर ये सब नीना गुप्ता के कारण संभव नहीं हो पाया. मसाबा के अनुसार उनकी ये ख्वाइश पूरी नहीं हुई तो इसका उन्हें कोई मलाल भी नहीं रहा वो एक डिज़ाइनर हैं. हां मगर दिल अब भी ये कहता है कि उनके अंदर एक एक्टर तो था.

बहरहाल अब जबकि मसाबा नेटफ्लिक्स पर अपनी मां के साथ आ रही हैं तो ये भी देखना दिलचस्प रहेगा कि वो एक्टिंग की कसौटी पर कितना खरा उतरती हैं. बता दें कि इसमें मसाबा और नीना के जीवन के कई अनछुए पहलुओं से हम रू-ब-रू होने वाले हैं तो यहां हर वो चीज दिखेगी जो एक सेलिब्रिटी और उसके बच्चों में होती है.

मसाबा मसाबा पर बात करते हुए खुद मसाबा ने इस बात को कहा था कि ये सीरीज इसलिए भी उनके करीब है क्यों कि इसमें वो तमाम चीजें दिखाई जाएंगी जिसके बारे में आज तक न तो उन्होंने बात की न ही नीना गुप्ता ने.

खैर बात नीना के मसाबा को एक्टिंग करने से शुरू हुई है तो हम भी बस ये कहते हुए अपनी बात को विराम देंगे कि मसाबा को एक्टिंग करने से रोक कर भले ही नीना गुप्ता खुद को एक अच्छी मां के रूप में देख रही हों मगर बेटी का विश्वास बरसों पहले टूट चुका है. मां बेटी के बीच का ये ग्रज हमें नेटफ्लिक्स के शो में दिखेगा या नहीं इसका फैसला वक़्त करेगा मगर जिस तरफ नीना ने अपनी बेटी को इंडस्ट्री में कदम रखने से मना किया इतना तो साफ़ है कि इंडस्ट्री का जो असल चेहरा है वो भयानक है और जो क़त्ल कर देता है उन चेहरों का जो भोले भाले या ये कहें कि शरीफ हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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