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Laal Singh Chaddha काश 14 साल पहले ही आ जाती, आमिर खान को इस दौर की कल्पना न होगी!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 जुलाई, 2022 05:46 PM
  • 05 जुलाई, 2022 05:40 PM
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भले ही 'लाल सिंह चड्ढा' (Laal Singh Chaddha) का आईडिया आमिर को 14 साल पहले आई फिल्म 'जाने तू या जाने न' के प्रीमियर पर आया हो. लेकिन अब जबकि फिल्म रिलीज होने वाली है, तो आमिर को ये याद रखना होगा कि सारा प्रमोशन एक तरफ है. जनता डिसाइड कर चुकी है कि उसे इस फिल्म का करना क्या है.

11 अगस्त 2022 तारीख जब आमिर खान और करीना कपूर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा रिलीज हो रही है. फिल्म आने में अभी कुछ वक़्त है. लेकिन फिल्म सुपर हिट हो इसके लिए प्रोमोशन के सारे हथकंडे अपनाने जा रहे हैं. डायरेक्टर प्रोड्यूसर द्वारा, फिल्म के तहत ऐसी तमाम बातें की जा रही हैं, जिसके बाद शायद एक मौका वो भी आए जब जनता को ये लगे कि अगर आमिर ये फिल्म नहीं बनाते तो मानवता को गहरी क्षति पहुंचती और लोगों का इंसानियत पर से भरोसा उठ जाता. फिल्म को लेकर बज बना रहे. प्रयास भरपूर हो रहे हैं और यही वो कारण है जिसके चलते आमिर ने ये तक कह दिया है कि आज से 14 साल पहले जब जाने तू या जाने का प्रीमियर हो रहा था तब उनकी मुलाकात लाल सिंह चड्ढा के लेखक अतुल कुलकर्णी से हुई जहां उन दिनों में बहुत डीप कंजर्वेशन हुआ और उस वार्ता ने अतुल को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने लाल सिंह चड्ढा की कहानी लिखने की सोची. 

लाल सिंह चड्ढा के प्रोमोशन के लिए आमिर ने अपने तीर निकालने शुरू कर दिए हैं

ध्यान रहे अब से 14 साल पहले 4 जुलाई को जाने तू या जाने का प्रीमियर हुआ था और बकौल आमिर खान लाल सिंह चड्ढा के आईडिया का जन्म उसी समय हुआ था. तब उस समय आमिर खान और अतुल कुलकर्णी ने सिनेमा के लिए अपने प्यार का जिक्र किया था और इस बात की भी चर्चा की थी कि 1994 में आई फॉरेस्ट गंप उन फिल्मों में है जो किसी को भी हैरत में डालने का सामर्थ्य रखती है.

फॉरेस्ट गंप पर अपनी राय रखते हुए, दोनों ही एक्टर्स ने इस बात पर भी बल दिया था कि फिल्म में ऐसा बहुत कुछ है जिसके चलते इसे न केवल दुनिया भर में प्रदर्शित किया जाना चाहिए. बल्कि लोगों को भी इसे देखना चाहिए. इस वार्ता के बाद अरुण को भारतीय परिदृश्य में फिल्म को लिखने का आईडिया आया. 

फिल्म के उद्देश्य...

11 अगस्त 2022 तारीख जब आमिर खान और करीना कपूर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा रिलीज हो रही है. फिल्म आने में अभी कुछ वक़्त है. लेकिन फिल्म सुपर हिट हो इसके लिए प्रोमोशन के सारे हथकंडे अपनाने जा रहे हैं. डायरेक्टर प्रोड्यूसर द्वारा, फिल्म के तहत ऐसी तमाम बातें की जा रही हैं, जिसके बाद शायद एक मौका वो भी आए जब जनता को ये लगे कि अगर आमिर ये फिल्म नहीं बनाते तो मानवता को गहरी क्षति पहुंचती और लोगों का इंसानियत पर से भरोसा उठ जाता. फिल्म को लेकर बज बना रहे. प्रयास भरपूर हो रहे हैं और यही वो कारण है जिसके चलते आमिर ने ये तक कह दिया है कि आज से 14 साल पहले जब जाने तू या जाने का प्रीमियर हो रहा था तब उनकी मुलाकात लाल सिंह चड्ढा के लेखक अतुल कुलकर्णी से हुई जहां उन दिनों में बहुत डीप कंजर्वेशन हुआ और उस वार्ता ने अतुल को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने लाल सिंह चड्ढा की कहानी लिखने की सोची. 

लाल सिंह चड्ढा के प्रोमोशन के लिए आमिर ने अपने तीर निकालने शुरू कर दिए हैं

ध्यान रहे अब से 14 साल पहले 4 जुलाई को जाने तू या जाने का प्रीमियर हुआ था और बकौल आमिर खान लाल सिंह चड्ढा के आईडिया का जन्म उसी समय हुआ था. तब उस समय आमिर खान और अतुल कुलकर्णी ने सिनेमा के लिए अपने प्यार का जिक्र किया था और इस बात की भी चर्चा की थी कि 1994 में आई फॉरेस्ट गंप उन फिल्मों में है जो किसी को भी हैरत में डालने का सामर्थ्य रखती है.

फॉरेस्ट गंप पर अपनी राय रखते हुए, दोनों ही एक्टर्स ने इस बात पर भी बल दिया था कि फिल्म में ऐसा बहुत कुछ है जिसके चलते इसे न केवल दुनिया भर में प्रदर्शित किया जाना चाहिए. बल्कि लोगों को भी इसे देखना चाहिए. इस वार्ता के बाद अरुण को भारतीय परिदृश्य में फिल्म को लिखने का आईडिया आया. 

फिल्म के उद्देश्य पर बात करते हुए निर्माताओं की तरफ से ये तर्क भी दिए गए हैं कि लाल सिंह चड्ढा के प्रोडक्शन के पीछे का मकसद एक मासूम युवक की कहानी बताना था जो खुशी के साथ जीवन जीने का रास्ता ढूंढता है. जबकि फिल्म प्यार का प्रतीक है, बताया ये भी जा रहा है कि मेकर्स के लिए लाल सिंह चड्ढा को बनाना कहीं से भी आसान नहीं था. आमिर खान प्रोडक्शंस को फॉरेस्ट गंप के अधिकार हासिल करने में लगभग आठ साल का समय लगा.

जैसा कि हम ऊपर ही इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं कि जैसा माहौल इन दिनों चल रहा है मेकर्स के लिए अपनी फिल्म को सुर्ख़ियों में बनाने रखना बहुत जरूरी है. ऐसा इसलिए भी कि यदि फिल्म चर्चा में रहेगी तो ही उसे दर्शक मिलेंगे और वो बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई करेगी. 

फिल्म की महानता दर्शाते हुए भले ही आमिर खान ने अपने मन की बात कह दी हो. लेकिन क्योंकि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का एक उसूल है. यहां किसी एक्टर या प्रोड्यूसर, डायरेक्टर की नहीं बल्कि जनता की टूटी बोलती है इसलिए कहना गलत नहीं है कि फिल्म को लेकर लाख अच्छी बातें क्यों न हों. जैसा ट्रेंड हालिया दिनों में सोशल मीडिया की बदौलत शुरू हुआ है फिल्म का असली अंजाम क्या होना है इस बात से हम परिचित हैं. 

बायकॉट बॉलीवुड अब किसी परिचय का मोहताज नहीं है. चाहे वो एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद हुआ हाई वोल्टेज ड्रामा हों या फिर नेपोटिज्म और राष्ट्रवाद तमाम कारण हैं जिनके चलते बॉलीवुड फ़िल्में और बॉलीवुड एक्टर्स, दोंनो ही जनता या ये कहें कि दर्शकों की आंखों से उतर गए हैं. जिक्र चूंकि लाल सिंह चड्ढा का हुआ है तो हमारे लिए इस बात को भी समझ लेना जरूरी हो जाता है कि आमिर जहां एक तरफ इस फिल्म के लीड एक्टर हैं तो वहीं उन्हीं के प्रोडक्शन में लाल सिंह चड्ढा का निर्माण हुआ है.

क्योंकि अपनी पूर्व पत्नी किरण राव के कारण आमिर पहले ही ट्रोल्स के निशाने पर आ चुके हैं इसलिए लाल सिंह चड्ढा पर सिने प्रेमियों के अलावा क्रिटिक्स तक की नजर है. हर कोई ये जान्ने को बेक़रार है कि आखिर जनता आमिर खान का क्या सलूक करती है.

हम फिर इस बात को कह रहे हैं कि जैसे जैसे फिल्म की रिलीज डेट नजदीक आएगी हम लाल सिंह चड्ढा के मद्देनजर तमाम तरह के तर्कों को सुनेंगे. जैसा माहौल तैयार हुआ है फिल्म का महिमामंडन करना आमिर जैसे एक्टर की मज़बूरी इसलिए भी है क्योंकि आमिर भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं कि ये जनता ही है जो रंक को राजा और राजा को रंक बनाने का सामर्थ्य रखती है. यूं भी लाल सिंह चड्ढा को बनाने में आमिर का मोटा पैसा खर्च हुआ है. कहीं भूल चूक हुई तो लेनी की देनी हो जाएगी.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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