• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

LSC Vs KGF 2: यश ने पहले शाहरुख की जीरो को माइनस किया, अब आमिर की फिल्‍म पर खतरा!

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 20 नवम्बर, 2021 10:55 PM
  • 20 नवम्बर, 2021 10:55 PM
offline
तीन साल पहले यश की KGF चैप्टर 1 ने शाहरुख खान की जीरो को जोर का झटका धीरे से दिया था. अब ट्रेड एक्सपार्ट्स की नजर आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा से भिड़ंत पर होगी.

पिछले डेढ़-दो दशक में आमिर खान की ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान को छोड़ दिया जाए तो उन्होंने हिंदी दर्शकों को ज्यादातर मौकों पर लाजवाब करके छोड़ा है. फ़िल्में, उनका विषय और सबसे ख़ास आमिर के सभी किरदारों ने गहरी छाप छोड़ी है. बस इधर तीन साल पहले आई ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान ने हर तरह से निराश किया था. आमिर खान उससे उबर चुके हैं. दर्शक भी. उनके दिमाग में अपने दर्शकों के लिए एक कहानी थी- टॉम हैंक्स के फ़ॉरेस्ट गंप की. उन्होंने इसे देसी टच दिया है जो अब तैयार है. हालांकि फिल्म के आने से पहले कारोबारी फ्रंट पर आमिर जोखिम उठाते दिख रहे हैं.

लाल सिंह चड्ढा की रिलीज को लेकर काफी दिनों से अटकलों का बाजार गर्म रहा. महामारी ने फिल्म को बुरी तरह से प्रभावित किया. अच्छी बात रही कि अब सबकुछ ठीक-ठाक दिख रहा है. पहले चर्चा थी- आमिर, लाल सिंह चड्ढा को 2021 में क्रिसमस वीक पर रिलीज करेंगे. उन्हें कोई सटीक हफ्ता नहीं मिला. आखिर में फिल्म को 2022 में वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी की तारीखों को लॉक किया गया. अब निर्माताओं ने एक बार फिर रिलीज की तारीख में फेरबदल कर इसे 14 अप्रैल कर लिया है. जबकि 14 अप्रैल की विंडो पहले से खाली नहीं है. वहां एक ताकतवर फिल्म पहले से मौजूद है.

2022 में 14 अप्रैल को ही कन्नड़ सुपरस्टार यश, जो अब हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं के लिए अपरिचित नहीं हैं- उनकी भी फिल्म आ रही है. केजीएफ चैप्टर 2. नाम ही काफी है. इससे पहले केजीएफ चैप्टर 2 की रिलीज तारीखें कई बार बदली जा चुकी हैं. यानी अब कन्फर्म है कि दोनों फिल्मों के बीच बॉक्स ऑफिस पर महासंग्राम होगा. तो यह साल का सबसे बड़ा क्लैश होगा. इससे पहले ऐसा ही एक बड़ा क्लैश संजय लीला भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी और एसएस राजमौली की आरआरआर के बीच में होते-होते तम गया. भंसाली ने अपनी फिल्म आगे बढ़ा ली.

आमिर खान और...

पिछले डेढ़-दो दशक में आमिर खान की ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान को छोड़ दिया जाए तो उन्होंने हिंदी दर्शकों को ज्यादातर मौकों पर लाजवाब करके छोड़ा है. फ़िल्में, उनका विषय और सबसे ख़ास आमिर के सभी किरदारों ने गहरी छाप छोड़ी है. बस इधर तीन साल पहले आई ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान ने हर तरह से निराश किया था. आमिर खान उससे उबर चुके हैं. दर्शक भी. उनके दिमाग में अपने दर्शकों के लिए एक कहानी थी- टॉम हैंक्स के फ़ॉरेस्ट गंप की. उन्होंने इसे देसी टच दिया है जो अब तैयार है. हालांकि फिल्म के आने से पहले कारोबारी फ्रंट पर आमिर जोखिम उठाते दिख रहे हैं.

लाल सिंह चड्ढा की रिलीज को लेकर काफी दिनों से अटकलों का बाजार गर्म रहा. महामारी ने फिल्म को बुरी तरह से प्रभावित किया. अच्छी बात रही कि अब सबकुछ ठीक-ठाक दिख रहा है. पहले चर्चा थी- आमिर, लाल सिंह चड्ढा को 2021 में क्रिसमस वीक पर रिलीज करेंगे. उन्हें कोई सटीक हफ्ता नहीं मिला. आखिर में फिल्म को 2022 में वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी की तारीखों को लॉक किया गया. अब निर्माताओं ने एक बार फिर रिलीज की तारीख में फेरबदल कर इसे 14 अप्रैल कर लिया है. जबकि 14 अप्रैल की विंडो पहले से खाली नहीं है. वहां एक ताकतवर फिल्म पहले से मौजूद है.

2022 में 14 अप्रैल को ही कन्नड़ सुपरस्टार यश, जो अब हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं के लिए अपरिचित नहीं हैं- उनकी भी फिल्म आ रही है. केजीएफ चैप्टर 2. नाम ही काफी है. इससे पहले केजीएफ चैप्टर 2 की रिलीज तारीखें कई बार बदली जा चुकी हैं. यानी अब कन्फर्म है कि दोनों फिल्मों के बीच बॉक्स ऑफिस पर महासंग्राम होगा. तो यह साल का सबसे बड़ा क्लैश होगा. इससे पहले ऐसा ही एक बड़ा क्लैश संजय लीला भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी और एसएस राजमौली की आरआरआर के बीच में होते-होते तम गया. भंसाली ने अपनी फिल्म आगे बढ़ा ली.

आमिर खान और यश की भिड़ंत दिलचस्प होगी.

हो सकता है कि आमिर ने रिस्क बॉक्स ऑफिस के एक पुराने क्लैश से मिले अनुभव के आधार पर लिया हो. क्योंकि सालों पहले "गदर:एक प्रेम कथा" जैसी पावर पैक्ड एक्शन एंटरटेनर से क्लैश में उनकी लगान आगे तो नहीं निकल पाई पर कामयाब थी. इस बार हालात दूसरे हैं. आमिर की लगान के वक्त कम से कम आज जैसा सोशियो-पॉलिटिकल सीन नहीं था. उस वक्त हिंदू-मुस्लिम शोर भी ऐसा नहीं था और राष्ट्रवाद के मायने भी थोड़ा भिन्न थे. क्रिकेट, देशभक्ति और ब्रांड आमिर खान ने लगान को बॉक्स ऑफिस पर गदर से बचा लिया था. सालों बाद लगभग ऐसे ही क्लैश में अब आमिर को नुकसान उठाना पड़ सकता है. और उसकी पर्याप्त वजहें हैं.

1) यश कभी हिंदी सिनेमा के लिए नए थे. लेकिन केजीएफ 1 ने उन्हें पैन इंडिया फेम दिया. खासकर सबसे क्रीम महाराष्ट्र और गोवा सर्किट में. जबकि फिल्म को डब करके रिलीज किया गया था. हिंदी सिनेमा का कोई बड़ा चेहरा नहीं था जो दर्शकों को आकर्षित करता. इसका सबूत तीन साल पहले बॉक्स ऑफिस पर दिख चुका है. अंजाना चेहरा होने के बावजूद चैप्टर वन को खूब देखा गया.

2) करीब  2.10 करोड़ के साथ बॉक्स ऑफिस पर चैप्टर 1 की शुरुआत बहुत मामूली हुई थी, मगर धीरे-धीरे फिल्म का वर्ड ऑफ़ माउथ मजबूत होता गया. यश की फिल्म ने बिना किसी तैयारी और तामझाम के 50 करोड़ से ज्यादा की कमाई थी. उस वक्त यश के मजबूत होने का सीधा नुकसान शाहरुख खान को पहुंचा था इससे इनकार नहीं किया जा सकता. जीरो को केजीएफ के साथ दर्शक बांटने पड़े. पहले दिन 20 करोड़ से ज्यादा की शुरुआत के बावजूद जीरो के आगे का कलेक्शन नीचे गिरता गया. चैप्टर वन ऊपर की ओर.

3) चैप्टर वन के वक्त यश हिंदी दर्शकों के लिए अपरिचित थे. अब नहीं हैं. पुराने फीडबैक से मेकर्स उत्साहित हैं और इस बार मेकिंग प्रोसेस में ही पैन इंडिया ऑडियंस खासकर हिंदी पट्टी का ध्यान रखा गया है. ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को आकर्षित करने के लिए संजय दत्त और रवीना टंडन जैसे सितारों को फ्रंट बोर्ड पर रखा गया है. एक्शन एंटरटेनर का कैम्पेन भी इस बार धांसू तरीके से चलाया जा सकता है.

4) आमिर खान की लालसिंह चड्ढा के सामने साउथ का कोई नौसिखिया स्टार नहीं होगा. बल्कि एक ऐसा स्टार होगा जो फिलहाल हिंदी दर्शकों के लिए एक्शन के देवता की तरह है. ज्यादा बेहतर तैयारी के साथ दूसरा पार्ट आया है. उसके पक्ष में हिंदू-मुस्लिम डिबेट में आमिर खान जैसे मुस्लिम सितारों का विरोध करने वाली हिंदी पट्टी की लॉबी भी रहेगी.

5) सबसे बड़ा मसला दोनों फिल्मों के कंटेंट का भी है. फ़ॉरेस्ट गंप और आमिर के फरफेकशन पर जिनकी नजर रही है उन्हें बताने की जरूरत नहीं कि लाल सिंह चड्ढा किस तरह की फिल्म होगी? क्लास ऑडियंस की फिल्म होगी. उम्मीद की जानी चाहिए कि अद्वैत चंदन के निर्देशन में बेहतर ही होगी. दूसरी ओर यश की चैप्टर दो विशुद्ध मसाला फिल्म है. मारधाड़ की भरमार. चैप्टर दो मॉस फिल्म है. गर्म रॉड से सिगरेट जलाने के सीन पर युवा दर्शक पहले ही पागल हो चुके हैं. उन्हें मालूम है कि यश की फिल्म में एक्शन का लेबल क्या रहता है.

बॉक्स ऑफिस का इतिहास क्या है. हमेशा क्लास और मॉस की लड़ाई में क्लास कभी नहीं जीता है. आमिर अगर इतिहास बदल दें तो यह उनकी उपलब्धि ही होगी जो इस बार लगान जैसी नहीं दिख रही है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲